प्रयागराज : संगम नगरी में महिला साधु-संत भी भक्तों को मोक्ष की राह दिखाने में पुरुष संतों से पीछे नहीं हैं. माघ मेले में कई महिला साधु-संत और कथावाचक हैं. वे भक्तों के बीच सनातन धर्म की अलख जगा रहीं हैं. वेद-पुराणों का प्रचार-प्रसार कर रहीं हैं. उनका कहना है कि वो मेले में आने वाले भक्तों को धर्म की राह पर चलने के लिए प्रेरित कर रहीं हैं. वहीं, माघ मेले में जूना अखाड़े की साध्वी नेहा गिरी काशी में भव्य मंदिर के निर्माण की कामना लेकर यज्ञ-अनुष्ठान भी कर रही हैं. महिला संत लोगों को प्रवचन भी सुना रहीं हैं.
जूना अखाड़े की नेहा गिरी कर रहीं अनुष्ठान : माघ मेला में रह रहीं नेहा गिरी ने बचपन में ही घर छोड़ दिया और वैराग्य लेकर धर्म की राह पर चल पड़ीं. उन्होंने जूना अखाड़े से दीक्षा लेकर संन्यास की राह पर चलना शुरू कर दिया. वह प्रतिदिन वेद पुराण का अध्ययन करने के साथ ही जप तप करके दिन व्यतीत करती हैं. इसके साथ ही अयोध्या भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से उन्होंने काशी और मथुरा में भव्य मंदिर के निर्माण की कामना के साथ ही यज्ञ की शुरुआत की है. माघ मेला के अपने शिविर में वो प्रतिदिन काशी मथुरा में भव्य मंदिर के निर्माण की कामना के साथ यज्ञ कर रहीं हैं.
2021 में आवाहन अखाड़े से जुड़ीं : इसी तरह से आवाहन अखाड़े की जया गिरी ने बताया कि उनका मन बचपन से पूजा पाठ के साथ धार्मिक आयोजनों में लगता था. इसी के साथ उन्होंने मंदिर में रहकर भगवान की सेवा शुरू कर दी थी. जिसके बाद 2021 में उन्होंने आवाहन अखाड़े से जुड़कर संन्यास की दीक्षा ले ली. इसके बाद से वो घर-परिवार को छोड़कर पूरी तरह से संन्यास की राह पर चल पड़ी हैं. अब वो धार्मिक ग्रंथ वेद पुराण का अध्ययन करके दूसरों को भी सनातन धर्म का ज्ञान दे रहीं हैं. उनका कहना है कि वो धर्म के प्रचार प्रसार के लिए अपना जीवन समर्पित कर देंगी.
साध्वी अर्चना दे रहीं गीता का ज्ञान : मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली साध्वी अर्चना ने संस्कृत विषय से आचार्य की डिग्री हासिल की. उसके बाद उनका मन सनातन धर्म की ओर आकर्षित हो गया. उनका कहना है कि शिक्षा दीक्षा के दौरान ही उन्हें संतों की संगत भाने लगी थी. इसके बाद उन्होंने जगद्गुरु श्यामदेवाचार्य से उन्होंने संन्यास की दीक्षा ली. इसके बाद वो सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करने में जुट गईं. भगवत गीता का ज्ञान अर्जित करने के बाद साध्वी अर्चना भागवत कथा सुनाकर लोगों को धर्म और आस्था की राह पर चलने की शिक्षा दे रहीं हैं. उन्होंने बताया कि वो पिछले 15 वर्षों से सनातन धर्म का प्रचार करने में जुटी हैं. प्रयागराज में शहर से दूर पौराणिक धार्मिक स्थल लाक्षा ग्रह के पास आश्रम में रहकर वो सनातन धर्म की अलख जगा रही हैं.
महिला संतों की कथा में जुट रही भीड़ : माघ मेला में महिला साधु संतों की कथा प्रवचन सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है. मेले में महिला संतों की कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है. मेले में कथा सुनने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि साध्वी राधिका की कथा सुनना उनको बहुत भाता है. वह जिस शैली में कथा सुनाती हैं उससे कथा लगातार सुनते रहने का मन होता है. वह कथा के साथ ही धर्म और ज्ञान की बातें भी बहुत अच्छे ढंग से सुनाती व समझाती हैं. इसी के साथ श्रद्धालुओं का यह भी कहना है कि पहले जहां मेला क्षेत्र में ज्यादातर पुरुष संत महात्मा ही दिखते थे. वहीं, अब अन्य क्षेत्रों की तरह ही महिला संतों की संख्या माघ मेला में बढ़ रही है. महिला संतों के शिविर में बढ़ती भीड़ की वजह से महिला साधु-संत भी उत्साहित दिखती हैं.