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बच्चे को जन्म देने के बाद मादा गैंडे की मौत, कानपुर जू में ट्रेंड कीपर शावक गौरी को दे रहे मां का प्यार, देखें VIDEO - Humans giving mother love to rhino - HUMANS GIVING MOTHER LOVE TO RHINO

कानपुर में शावक को जन्म देने के 13 बाद ही मादा गैंडा मानू की मौत हो गई थी. शावक गौरी का ख्याल रखने के लिए अब एक ट्रेंड कीपर को बुलाया गया है. गैंडा गौरी को अब इंसानों से मां का प्यार मिल रहा है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 5, 2024, 9:54 AM IST

इंसानों से मिल रहा गैंडा गौरी को मां का प्यार

कानपुर: बच्चा अपनी मां की आंखों का तारा होता है. मां के सामने अगर उसके बच्चे को एक खरोंच भी आ जाए तो वह काफी परेशान हो जाती है. जरा सोचिए अगर बच्चे के जन्म के कुछ दिन के बाद उसकी मां उसे छोड़कर चली जाए, तो क्या होगा? कौन उसका ख्याल रखेगा. कानपुर जू से भी कुछ महीने पहले एक ऐसी दुखद खबर सामने आई थी. यहां एक मादा गैंडा मानू ने एक शावक गौरी को जन्म दिया था. जन्म के 13 दिन के बाद ही मानू की मौत हो गई थी. मां की मौत के बाद से गौरी काफी ज्यादा मायूस रहने लगी थी. उसने खाना-पीना भी छोड़ दिया था. इसके बाद कानपुर जू के प्रशासनिक अफसरों के द्वारा उसका ख्याल रखा जा रहा था. पहली बार कानपुर जू में गौरी का ख्याल रखने के लिए एक ट्रेंड कीपर टीम को रखा गया है. टीम उसका एक मां की तरह ख्याल रख रही है. वही, गौरी भी अब उनके साथ काफीघुल मिल गई है.

जन्म के 13 दिन बाद ही छोड़ गई थी मां, अब ट्रेंड कीपर से मिल रहा मां का दुलार: कानपुर प्राणी उद्यान में कुछ महीने पहले मादा गैंडा मानू ने बच्चे को जन्म दिया था. जन्म के बाद ही मां और बच्चे दोनों काफी स्वस्थ भी थे. वह दोनों कानपुर जू की काफी शान भी बढ़ा रहे थे. इसी बीच न जाने ऐसा क्या हुआ, कि अचानक मानू बाड़े में ही खड़े-खड़े बैठ गई थी और कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई थी. मानू की मौत के बाद से प्रशासन में हर कोई बेहद हैरान था.

कानपुर जू प्रशासन की माने तो मादा गैंडा मानू करीब 20 सालों से कानपुर चिड़ियाघर में थी. इतना ही नहीं मानू को देखने के लिए पर्यटक भी काफी अच्छी खासी संख्या में चिड़ियाघर पहुंचते थे. मौत के 13 दिन पहले ही मानू ने एक शावक गौरी को जन्म दिया था. मां की मौत के बाद से गौरी बेहद परेशान और काफी ज्यादा मायूस रहने लगी थी. इसी वजह से प्रशासन द्वारा गौरी की देखरेख के लिए और उसे मां की तरह प्यार देने के लिए एक ट्रेंड कीपर की टीम को लगाया गया है. जो उसे एक मां की तरह प्यार और दुलार दे रही है. इतना ही नहीं वह उसकी डाईट का भी पूरा ख्याल रख रहा है. वही गौरी भी अब उसके साथ काफी घुल मिल गई है.

इसे भी पढ़े-कानपुर चिड़ियाघर में मादा गैंडा मानू की मौत, कुछ दिन पहले दिया था शवक को जन्म

गैंडे को इंसानों से मिल रहा मां का प्यार: ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान क्षेत्रीय वन अधिकारी नावेद इकराम ने बताया कि 16 अक्टूबर को जू में मादा गैंडा मानू ने एक मादा गैंडा गौरी को जन्म दिया था. उन्होंने बताया कि जन्म के 13 दिन बाद ही अचानक मानू की मौत हो गई थी. उसके बाद से प्रशासन के द्वारा गौरी की देखरेख की जा रही थी. अब हम लोगों ने गौरी को देखने के लिए एक ट्रेंड कीपर को हायर किया है. वे उसके खाने-पीने से लेकर उसकी पूरी देखरेख एक मां की तरह कर रहे हैं. उसे कब और कितनी खाने की मात्रा देनी है. इसका भी उस कीपर के द्वारा विशेष-तौर पर ध्यान रखा जा रहा है. नावेद इकराम ने बताया कि नॉर्थ इंडिया में पहली बार किसी जू में ऐसा हो रहा है कि किसी गैंडा को इस तरह से इंसानों के द्वारा हैंडल किया जा रहा है.

कानपुर जू में मादा गैंडा लाने की बन रही योजना: नावेद इकराम ने बताया, कि जो प्रशासन के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है जल्द ही हम जू में एक मादा गैंडा को लेकर आए. क्योंकि हमारे यहां पर अभी दो मेल गैंडे हैं. जिनमें से एक मेल गैंडे को देकर एक मादा गैंडे को कानपुर जू लाने योजना बनाई जा रही है.

यह भी पढ़े-Watch: कानपुर जू में गूंजी किलकारी, मादा गैंडा ने दिया शावक को जन्म, देखें नन्हें गैंडे का वीडियो

इंसानों से मिल रहा गैंडा गौरी को मां का प्यार

कानपुर: बच्चा अपनी मां की आंखों का तारा होता है. मां के सामने अगर उसके बच्चे को एक खरोंच भी आ जाए तो वह काफी परेशान हो जाती है. जरा सोचिए अगर बच्चे के जन्म के कुछ दिन के बाद उसकी मां उसे छोड़कर चली जाए, तो क्या होगा? कौन उसका ख्याल रखेगा. कानपुर जू से भी कुछ महीने पहले एक ऐसी दुखद खबर सामने आई थी. यहां एक मादा गैंडा मानू ने एक शावक गौरी को जन्म दिया था. जन्म के 13 दिन के बाद ही मानू की मौत हो गई थी. मां की मौत के बाद से गौरी काफी ज्यादा मायूस रहने लगी थी. उसने खाना-पीना भी छोड़ दिया था. इसके बाद कानपुर जू के प्रशासनिक अफसरों के द्वारा उसका ख्याल रखा जा रहा था. पहली बार कानपुर जू में गौरी का ख्याल रखने के लिए एक ट्रेंड कीपर टीम को रखा गया है. टीम उसका एक मां की तरह ख्याल रख रही है. वही, गौरी भी अब उनके साथ काफीघुल मिल गई है.

जन्म के 13 दिन बाद ही छोड़ गई थी मां, अब ट्रेंड कीपर से मिल रहा मां का दुलार: कानपुर प्राणी उद्यान में कुछ महीने पहले मादा गैंडा मानू ने बच्चे को जन्म दिया था. जन्म के बाद ही मां और बच्चे दोनों काफी स्वस्थ भी थे. वह दोनों कानपुर जू की काफी शान भी बढ़ा रहे थे. इसी बीच न जाने ऐसा क्या हुआ, कि अचानक मानू बाड़े में ही खड़े-खड़े बैठ गई थी और कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई थी. मानू की मौत के बाद से प्रशासन में हर कोई बेहद हैरान था.

कानपुर जू प्रशासन की माने तो मादा गैंडा मानू करीब 20 सालों से कानपुर चिड़ियाघर में थी. इतना ही नहीं मानू को देखने के लिए पर्यटक भी काफी अच्छी खासी संख्या में चिड़ियाघर पहुंचते थे. मौत के 13 दिन पहले ही मानू ने एक शावक गौरी को जन्म दिया था. मां की मौत के बाद से गौरी बेहद परेशान और काफी ज्यादा मायूस रहने लगी थी. इसी वजह से प्रशासन द्वारा गौरी की देखरेख के लिए और उसे मां की तरह प्यार देने के लिए एक ट्रेंड कीपर की टीम को लगाया गया है. जो उसे एक मां की तरह प्यार और दुलार दे रही है. इतना ही नहीं वह उसकी डाईट का भी पूरा ख्याल रख रहा है. वही गौरी भी अब उसके साथ काफी घुल मिल गई है.

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गैंडे को इंसानों से मिल रहा मां का प्यार: ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान क्षेत्रीय वन अधिकारी नावेद इकराम ने बताया कि 16 अक्टूबर को जू में मादा गैंडा मानू ने एक मादा गैंडा गौरी को जन्म दिया था. उन्होंने बताया कि जन्म के 13 दिन बाद ही अचानक मानू की मौत हो गई थी. उसके बाद से प्रशासन के द्वारा गौरी की देखरेख की जा रही थी. अब हम लोगों ने गौरी को देखने के लिए एक ट्रेंड कीपर को हायर किया है. वे उसके खाने-पीने से लेकर उसकी पूरी देखरेख एक मां की तरह कर रहे हैं. उसे कब और कितनी खाने की मात्रा देनी है. इसका भी उस कीपर के द्वारा विशेष-तौर पर ध्यान रखा जा रहा है. नावेद इकराम ने बताया कि नॉर्थ इंडिया में पहली बार किसी जू में ऐसा हो रहा है कि किसी गैंडा को इस तरह से इंसानों के द्वारा हैंडल किया जा रहा है.

कानपुर जू में मादा गैंडा लाने की बन रही योजना: नावेद इकराम ने बताया, कि जो प्रशासन के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है जल्द ही हम जू में एक मादा गैंडा को लेकर आए. क्योंकि हमारे यहां पर अभी दो मेल गैंडे हैं. जिनमें से एक मेल गैंडे को देकर एक मादा गैंडे को कानपुर जू लाने योजना बनाई जा रही है.

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