नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में हैं. वहीं आप शासित दिल्ली नगर निगम में 26 अप्रैल को होने वाले मेयर चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी में पार्षदों की बगावत भी शुरू हो चुकी है. भाजपा सूत्रों की मानें तो भाजपा ऐसे पार्षदों से संपर्क भी साध रही है. जिससे मेयर चुनाव में मतदान के दिन इन नाराज पार्षदों से अपने पक्ष में क्रॉस वोटिंग कराई जा सके. क्रॉस वोटिंग होने की प्रबल संभावना इसलिए भी जताई जा रही है, क्योंकि मेयर चुनाव में दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं होता है. इसलिए क्रॉस वोटिंग करने वाले पार्षदों को अपनी सदस्यता जाने और अयोग्य ठहराए जाने का भी डर नहीं है.
आप को सता रहा पार्षदों के बागी होने का डर
दिल्ली नगर निगम में कुल 250 वार्ड हैं. इनसे 250 पार्षद चुने गए हैं. इसके अलावा दिल्ली के सातों लोकसभा सांसद, तीन राज्यसभा सांसद, 14 विधायक और 10 मनोनीत पार्षद भी मतदान करने के लिए योग्य होते हैं. इस तरह कुल मिलाकर 284 जनप्रतिनिधियों को दिल्ली महापौर के चुनाव में मतदान का अधिकार है. इस तरह जीत के लिए किसी भी प्रत्याशी को कुल संख्या के आधे से एक अधिक यानि कुल 143 वोट चाहिए. निगम में भाजपा के 104 पार्षद हैं. इसके अलावा उसे दो निर्दलीय पार्षदों का भी समर्थन हासिल है. सात लोकसभा सांसद भाजपा के हैं.
साथ ही भाजपा के एक विधायक को भी निगम सदन में विपक्ष की ओर से मनोनीत किया गया है. उन्हें भी वोट डालने का अधिकार है. साथ ही 10 मनोनीत सदस्य भी भाजपा से जुड़े हुए ही हैं. ऐसे में उनके वोट भी भाजपा के पक्ष में ही जाएंगें. इस तरह भाजपा की संख्या 134 पहुंचती है. अगर आम आदमी पार्टी के पास संख्या बल की बात करें तो आप के पास पार्षदों की कुल संख्या 134 है. आप के तीन राज्यसभा सांसद हैं. जबकि 13 विधायक भी निगम सदन में मनोनीत हैं.
इस तरह आप के पास कुल वोटों की संख्या 150 पहुंचती है. इस तरह आप के पास महापौर चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त संख्याबल तो है. लेकिन, इनमें से दो पार्षद मौजूदा समय में बागी होकर उप महापौर के लिए नामांकन कर चुके हैं. दोनों को मनाने की कोशिशें लगातार जारी हैं. लेकिन, अभी तक किसी ने नामांकन वापस नहीं लिया है.
ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि इन दोनों पार्षदों का क्रॉस वोटिंग करना तय है. इससे आप की संख्या 14 हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गोपाल राय, संजय सिंह, आतिशी, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक और संदीप पाठक सहित सभी बड़े नेता और महापौर और उपमहापौर प्रत्याशी भी नाराज पार्षदों से मिलकर उन्हें मनाकर अपनी जीत सुनिश्चित करने में लगे हैं.
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