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उत्तराखंड के अस्पतालों में मरीजों को दी जाने वाली दवाइयों की होगी जांच, एफडीए ने गठित की टीमें - Uttarakhand Pharma Companies

Uttarakhand Pharma Companies उत्तराखंड स्थित फार्मा कंपनियों की दवाइयों के सैंपल फेल होने के बाद खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग सख्त हो गया. दरअसल एफडीए (खाद्य संरक्षा एवं औषधि) ने मरीजों को दी जा रही दवाओं की गुणवत्ता जांचने का निर्णय लिया है. इसके लिए गढ़वाल और कुमाऊं रीजन के सरकारी अस्पतालों में औषधि निरीक्षकों की टीमें गठित की गई हैं.

Uttarakhand Pharma Companies
खाद्य संरक्षा एवं औषधि विभाग (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 30, 2024, 1:03 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में बन रही तमाम दवाओं के सैंपल हर महीने फेल हो रहे हैं. साथ ही पिछले कुछ महीनों में बड़ी संख्या में नकली दवाएं पकड़ी गई हैं, जिसको देखते हुए औषधि प्रशासन विभाग सतर्क हो गया है. ऐसे में अब औषधि प्रशासन प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीज को दी जा रही दवाओं की जांच करने जा रहा है. इसके लिए गढ़वाल और कुमाऊं रीजन के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की जांच को लेकर औषधि निरीक्षकों की टीमें गठित कर दी गई हैं. साथ ही खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन यानी एफडीए के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने आदेश भी जारी कर दिए हैं.

प्रदेश में मौजूद तमाम फार्मा कंपनियों की दवाइयों के सैंपल फेल हो रहे हैं. अप्रैल महीने में 10 फार्मा कंपनियों की 12 दवाइयों के सैंपल फेल हुए थे. इसी तरह मार्च महीने में भी उत्तराखंड में निर्मित 11 दवाओं के सैंपल फेल हुए थे. पिछली साल रुड़की में नकली दवा बनाने वाली फैक्ट्री भी पकड़ी गई थी. ऐसे में सरकारी अस्पतालों में घटिया गुणवत्ता वाली दवाओं की सप्लाई तो नहीं हो रही, इसको जानने के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दी जा रही दवाओं की जांच और सैंपलिंग की जाएगी.

एफडीए के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि गढ़वाल मंडल में अपर औषधि नियंत्रक सुधीर कुमार और मनेंद्र राणा को जांच और सैंपलिंग की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि कुमाऊं में अपर औषधि नियंत्रक हेमंत नेगी और नीरज कुमार को जांच और सैंपलिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. उन्होंने कहा कि जांच से सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दी जा रही दवाओं की गुणवत्ता की जांच होगी. साथ ही सरकारी और निजी अस्पतालों के साथ-साथ मेडिकल स्टोरों, दवाओं के होलसेलर्स के यहां छापेमारी की कार्रवाई कर दवाओं की जांच और सैंपलिंग ली जाएगी.

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देहरादून: उत्तराखंड में बन रही तमाम दवाओं के सैंपल हर महीने फेल हो रहे हैं. साथ ही पिछले कुछ महीनों में बड़ी संख्या में नकली दवाएं पकड़ी गई हैं, जिसको देखते हुए औषधि प्रशासन विभाग सतर्क हो गया है. ऐसे में अब औषधि प्रशासन प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीज को दी जा रही दवाओं की जांच करने जा रहा है. इसके लिए गढ़वाल और कुमाऊं रीजन के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की जांच को लेकर औषधि निरीक्षकों की टीमें गठित कर दी गई हैं. साथ ही खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन यानी एफडीए के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने आदेश भी जारी कर दिए हैं.

प्रदेश में मौजूद तमाम फार्मा कंपनियों की दवाइयों के सैंपल फेल हो रहे हैं. अप्रैल महीने में 10 फार्मा कंपनियों की 12 दवाइयों के सैंपल फेल हुए थे. इसी तरह मार्च महीने में भी उत्तराखंड में निर्मित 11 दवाओं के सैंपल फेल हुए थे. पिछली साल रुड़की में नकली दवा बनाने वाली फैक्ट्री भी पकड़ी गई थी. ऐसे में सरकारी अस्पतालों में घटिया गुणवत्ता वाली दवाओं की सप्लाई तो नहीं हो रही, इसको जानने के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दी जा रही दवाओं की जांच और सैंपलिंग की जाएगी.

एफडीए के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि गढ़वाल मंडल में अपर औषधि नियंत्रक सुधीर कुमार और मनेंद्र राणा को जांच और सैंपलिंग की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि कुमाऊं में अपर औषधि नियंत्रक हेमंत नेगी और नीरज कुमार को जांच और सैंपलिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. उन्होंने कहा कि जांच से सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दी जा रही दवाओं की गुणवत्ता की जांच होगी. साथ ही सरकारी और निजी अस्पतालों के साथ-साथ मेडिकल स्टोरों, दवाओं के होलसेलर्स के यहां छापेमारी की कार्रवाई कर दवाओं की जांच और सैंपलिंग ली जाएगी.

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