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एमसीबी में दिव्यांग बेटे के पेंशन के लिए जद्दोजहद कर रहा एक पिता, सिस्टम कब सुनेगा गुहार ? - father struggling For son in MCB

एमसीबी में दिव्यांग बेटे के पेंशन के लिए एक पिता पिछले दो साल से संघर्ष कर रहा है. पिछले दो सालों से इस लाचार पिता को महज आश्वासन मिल रहा है. चिरमिरी नगर पालिक निगम के आयुक्त ने जल्द समस्या के निपटारे का आश्वासन दिया है.

father struggling For son in MCB
एमसीबी का लाचार पिता (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 15, 2024, 8:15 PM IST

दिव्यांग बेटे के पेंशन के लिए जद्दोजहद कर रहा एक पिता (ETV Bharat)

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: नगर पालिका निगम चिरमिरी के वार्ड नंबर 1 के नावापारा में एक पिता अपने दिव्यांग बेटे के पेंशन के लिए दर-दर भटक रहे हैं. इस पिता की लाचारी देख लोग यही कहते हैं कि गरीब के दरवाजे तक आकर सरकार की सारी योजनाएं दम तोड़ देती है. ये पिता अपने तीस साल के दिव्यांग बेटे को पेंशन दिलाने के लिए काफी जद्दोजहद कर रहा है. हांलांकि इस पिता को सालों से महज आश्वासन मिल रहा है.

सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत जानिए: दरअसल, नगर पालिक निगम चिरमिरी के वार्ड नंबर 1 नवापारा का ये मामला है. यहां रहने वाले सुरेश पाल बचपन से मंदबुद्धि हैं. साथ ही शारीरिक रूप से भी सक्षम नहीं है. ऐसे लोगों के लिए प्रदेश की सरकार ने अनेक योजनाएं चला रखी है. हालांकि इन योजनाओं की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए जिनको जिम्मेदारी दी जाती है, वह अपनी जिम्मेदारियों से विमुख हो जाते हैं.

"पहले वो किसी और वार्ड में रहते थे. पिछले दो सालों से वो वार्ड नं. 1 में रह रहे हैं. इसलिए उनको पेंशन नहीं मिल रहा है. जल्द ही उनकी समस्या का निपटान कर लिया जाएगा": राम प्रसाद आचला, आयुक्त, चिरमिरी नगर पालिक निगम

2 साल से नहीं मिल रहा पेंशन: सुरेश पाल की कहानी कुछ ऐसी ही है. सुरेश बचपन से ही मंदबुद्धि होने के साथ ही शारीरिक अपंगता का भी शिकार हैं. गरीब पिता अपने 30 साल से अधिक उम्र के बेटे की सेवा और उसके जीवन को बचाने के लिए काफी संघर्ष कर रहा है. आश्चर्य की बात यह है कि नगर पालिका निगम चिरमिरी मंदबुद्धि और शारीरिक कमजोरी की बीमारी से जूझ रहे सुरेश पाल को 300 रू पेंशन भी देती थी, लेकिन करीब 2 साल से पेंशन नहीं मिल रहा है.

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सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत जानिए: दरअसल, नगर पालिक निगम चिरमिरी के वार्ड नंबर 1 नवापारा का ये मामला है. यहां रहने वाले सुरेश पाल बचपन से मंदबुद्धि हैं. साथ ही शारीरिक रूप से भी सक्षम नहीं है. ऐसे लोगों के लिए प्रदेश की सरकार ने अनेक योजनाएं चला रखी है. हालांकि इन योजनाओं की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए जिनको जिम्मेदारी दी जाती है, वह अपनी जिम्मेदारियों से विमुख हो जाते हैं.

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2 साल से नहीं मिल रहा पेंशन: सुरेश पाल की कहानी कुछ ऐसी ही है. सुरेश बचपन से ही मंदबुद्धि होने के साथ ही शारीरिक अपंगता का भी शिकार हैं. गरीब पिता अपने 30 साल से अधिक उम्र के बेटे की सेवा और उसके जीवन को बचाने के लिए काफी संघर्ष कर रहा है. आश्चर्य की बात यह है कि नगर पालिका निगम चिरमिरी मंदबुद्धि और शारीरिक कमजोरी की बीमारी से जूझ रहे सुरेश पाल को 300 रू पेंशन भी देती थी, लेकिन करीब 2 साल से पेंशन नहीं मिल रहा है.

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