नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: दादरी आरपीएफ ने ऐसे दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो एजेंट आईडी की आड़ में अवैध सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए रेलवे की टिकटों का अवैध कालाबाजारी करते हैं. इसके साथ ही ई-टिकट बनाकर मूल्य से 500 से 1000 रुपये अधिक लेकर लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हैं. आरोपी अवैध सॉफ्टवेयर के माध्यम से पर्सनल आईडी पर अवैध रूप से तत्काल सामान्य टिकट बनाकर अधिक मूल्य जरूरतमंद ग्राहकों को टिकट बेचते हैं. पुलिस ने आरोपी के पास से कुल 36 यात्रा टिकट लगभग 90 हजार रुपये, कंप्यूटर, मोबाइल प्रिंटर सहित अन्य समान बरामद किया है.
संचालक एजेंट के माध्यम से बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान सहित पश्चिम बंगाल व अन्य राज्यों में ऑनलाइन व्हाट्सएप के माध्यम से टिकट की सप्लाई करते हैं तत्काल टिकट के मास्टरमाइंड के रूप में दोनों कई सालों से कार्य कर रहे हैं.
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दोनों आरोपियों की पहचान जिला गौतम बुद्ध नगर थाना सेक्टर 113 नोएडा के सरफाबाद निवासी एन्युल हक व हसन रहमान के रूप में हुई है. दोनों आरोपी अवैध सॉफ्टवेयर ग़दर 2 और सिक्का V2 के माध्यम से पर्सनल आईडी पर अवैध रूप से तत्काल में सामान्य टिकटों की कालाबाजारी करते हैं.
दादरी आरपीएफ थाना प्रभारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि अवैध सॉफ्टवेयर से टिकटों की कालाबाजारी करने की लगातार शिकायत मिल रही थी. पुलिस ने मामले की जांच करते हुए रविवार को दो ऐसे आरोपियों को नोएडा स्थित बंगाली मार्किट से गिरफ्तार किया है जो रिश्ते में पिता और पुत्र हैं. दोनों लगभग पिछले 6 साल से अवैध टिकटों की कालाबाजारी कर रहे हैं जिनका मूल्य लगभग 21 लाख रुपये है. आरोपियों के विरुद्ध रेलवे एक्ट धारा 143 में एफआईआर दर्ज की गई है. दोनों आरोपियों के कब्जे से तीन अवैध सॉफ्टवेयर जिनमे दो गदर और एक सिक्का नाम का सॉफ्टवेयर बरामद किया गया है. आरोपी रेलवे के ई-टिकटों का अवैध व्यापार पर्सनल यूजर आईडी पर पिछले 6 वर्षों से कर रहे हैं. जिससे दोनों ने मोटा मुनाफा कमाया है.
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