अजमेर: महिला उत्पीड़न मामले की विशेष कोर्ट ने एक महिला की गैर-इरादतन हत्या के मामले में आरोपी महिला और उसके ससुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. यह मामला 21 जून, 2017 क्रिश्चियन गंज थाना क्षेत्र में नौसर घाटी बस स्टैंड का है. जहां दो महिलाओं के आपसी झगड़े के बीच में बीचबचाव करना एक अन्य महिला को भारी पड़ गया और जिसकी कीमत उसे अपनी जान गंवा कर चुकानी पड़ी.
विशिष्ट लोक अभियोजक अशरफ बुलंद पठान ने बताया कि 21 जून, 2017 को नौसर गांव निवासी रेशमी बाजार जाने के लिए बस का इंतजार कर रही थी. इस दौरान गांव की रहने वाली हमीदा और लक्ष्मी आपस में झगड़ा कर रही थी. दोनों के बीच झगड़ा इतना बढ़ गया कि नौबत हाथापाई तक पहुंच गई. इस दौरान बस का इंतजार कर रही रेशमी ने दोनों के बीचबचाव करने की कोशिश की. तब लक्ष्मी ने रेशमी को पकड़ लिया.
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वहीं समीप ही खड़े लक्ष्मी के ससुर शहाबुद्दीन चीता ने निकट ही पंचर की दुकान से लकड़ी का फंटा उठाकर गुस्से में रेशमी के सिर पर दे मारा. फंटे के वार से लक्ष्मी लहूलुहान हो गई. मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने उसे रीजनल चौराहे स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचाया. जहां से उसे जेएलएन अस्पताल ले गए. उसके बाद पीड़िता को जयपुर रैफर कर दिया गया. जहां उपचार के दौरान पीड़िता रेशमी की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि पीड़िता के पुत्र आसिफ ने क्रिश्चियन गंज थाने में आरोपियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज करवाया था.
ससुर और पुत्रवधू को आजीवन कारावास की सजा: उन्होंने बताया कि प्रकरण में 19 गवाह, 28 दस्तावेज एवं एक आर्टिकल कोर्ट में पेश किया गया. जिसके आधार पर कोर्ट ने 73 वर्षीय शहाबुद्दीन और उसकी पुत्रवधू लक्ष्मी को रेशमी की गैर-इरादतन हत्या का दोषी मानते हुए दोनों को शनिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.