फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के जनपद फतेहपुर में शहर मुख्यालय के आबूनगर मोहल्ले में स्थित ताम्बेश्वर बाबा का मंदिर अति प्राचीन है. ये शिवालय हमेशा से की भक्तों की आस्था का केंद्र रहा है. मान्यता है कि यहां भक्तों को भगवान शिव ने शिवलिंग के रूप में प्रकट होकर दर्शन दिए थे. इस स्थान पर भक्तों ने ताम्बेश्वर बाबा के मंदिर का निर्माण कराया.
सावन के महीने में मुख्यालय स्थित इस शिवालय में भक्तों की खासी भीड़ उमड़ती है. खासकर सोमवार को यहां पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व है. यहां शिव भक्त हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच शिवलिंग का जलाभिषेक कर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं.
वैसे तो यहां प्रत्येक सोमवार भक्तों की खासी भीड़ लगती है पर सावन भर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगती है. भक्त शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही से जलाभिषेक कर बेलपत्र, चावल व पुष्प चढ़ा कर भगवान शिव की पूजा करते हैं और बाबा भोलेनाथ से सुख समृद्धि की कामना करते हैं.
शहर के प्रसिद्ध तांबेश्वर मंदिर में भक्तों की सबसे अधिक भीड़ लगती है. इसको लेकर सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम करने में जिला प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. क्योंकि, यहां जिले से ही नहीं बल्कि दूसरे जनपदों से भी भक्त पूजा अर्चना कर मन्नत मांगने आते हैं. मंदिर के पास विशाल मेला भी लगता है जिसमें जगह-जगह भंडारों के आयोजन भी होते हैं.
ताम्बेश्वर मंदिर के प्रमुख महन्त राघवेन्द्र पांडेय महाराज बताते हैं कि मंदिर के दर्शन मात्र से जिला जेल में बंद कैदी सजा से भी मुक्त हो जाते थे. यह भगवान शिवजी को समर्पित ऐतिहासिक मंदिर है. मंदिर पहले गोल गुम्बदी था, अब इसका निर्माण हुआ है.
मंदिर में भक्तों व भगवान के बीच श्रद्धा और विश्वास का अटूट संबंध देखने को मिलता है. मंदिर के गर्भ में अनेकों देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं. यहां स्थापित अर्ध नारीश्वर की मूर्ति भक्तों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं. सावन में पड़ोसी जनपदों के कांवड़िए भी यहां जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं.
मंदिर के एक अन्य महंत छोटे महाराज बताते हैं कि मेरे गुरुजी बताते थे कि प्राचीन समय में भक्त शिव की तपस्या में लीन हो गए थे. खुश होकर धरती चीरकर भगवार शिव शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे. मंदिर आया हुआ व्यक्ति मन से श्रद्धा भाव जो कुछ भी मांगता है, बाबा उसकी हर इच्छा पूरी करते हैं. बाबा भक्तों को निराश नही करते हैं. यहां से भक्तों की आस्था जुड़ी हुई है. यहां भक्तों की मनचाही मुरादें पूरी होती है.
शिवभक्त डीएस राणा बताते हैं कि इस मंदिर के बारे में एक मान्यता यह भी है कि जिला जेल का मुख्य द्वार और इस मंदिर का द्वार आमने-सामने था. जब किसी कैदी की पेशी होती थी और यदि उसने शिवमंदिर के दर्शन कर लिए और सजा से मुक्त होने की मन्नत मांग ली तो वह भगवान शिव जी की कृपा से जल्द ही जेल से बाहर आ जाता था. जब कारागार अधीक्षक को इस बात का पता चला ताे उन्हाेंने जेल का मुख्य द्वार पूर्व से दक्षिण दिशा की ओर करा दिया था.
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