आगरा: Fatehpur Sikri Lok Sabha Seat: आगरा की फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर भाजपा ने जहां मौजूदा सांसद राजकुमार चाहर पर विश्वास जताया है तो बसपा ने ब्राह्मण प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा है. यूपी में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन में फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में गई है.
इस लोकसभा क्षेत्र में बीते दो चुनाव से कांग्रेस के राजबब्बर फतेहपुर सीकरी में भले ही जीत न सके. मगर, उन्होंने कांटे की टक्कर दी है. जिसके चलते ही कांग्रेस को गठबंधन में फतेहपुर सीकरी मिली है. इस बार कांग्रेस ने फतेहपुर सीकरी से अपना सारथी बदल दिया है.
अब कांग्रेस ने फतेहपुर सीकरी में सिने स्टार पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर की दावेदारी दरकिनार करके पूर्व सैनिक रामनाथ सिकरवार को प्रत्याशी बनाया है. जिससे कांग्रेस को उम्मीद है कि जो राजब्बर दो चुनाव में नहीं कर सके, उसे रामनाथ सिकरवार पूरा कर सकते हैं. क्योंकि, विधानसभा चुनाव में रामनाथ सिकरवार ने कांग्रेस के लिए जिले में माहौल बनाया था.
फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट का राजनीतिक इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है. सन 2008 के परिसीमन में फतेहपुर सीकरी सीट अस्तित्व में आई. सन 2009 में पहली बार फतेहपर सीकरी लोकसभा सीट पर चुनाव हुआ था. जिसमें बसपा ने पहली जीत के साथ इस सीट पर अपना खाता खोला था. बसपा के कद्दावर नेता रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय ने तब कांग्रेस के सिने स्टार राज बब्बर को हराया था. बीजेपी तीसरे स्थान पर रही थी.
पहला चुनाव था बड़ा रोचक: 2009 का लोकसभा चुनाव फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट के लिए पहला चुनाव था. पहले चुनाव में बसपा ने कद्दावर नेता रामवीर उपाध्याय की पत्नी को टिकट देकर मैदान में उतारा था. कांग्रेस ने सिने स्टार राज बब्बर को टिकट दिया था.
जबकि, भाजपा ने भदावर राज घराने के राजा महेंद्र अरिदमन सिंह तो सपा से रघुराज सिंह शाक्य मैदान में उतरे थे. पहला मुकाबला बेहद रोचक रहा था. 13 लाख 45 हजार 742 मतदाता वाली लोकसभा सीट पर बसपा प्रत्याशी सीमा उपाध्याय को 2 लाख 09 हजार 466 मत मिले तो कांग्रेस के उम्मीदवार राज बब्बर को 1 लाख 99 हजार 530 मिले. इस सीट पर हार का अंतर 9,936 रहा था.
2019 में राज बब्बर रहे दूसरे नंबर पर: 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सांसद बाबूलाल चौधरी का टिकट काट कर राजकुमार चाहर को चुनाव मैदान में उतारा. इधर, कांग्रेस ने राजबब्बर को उम्मीदवार बनाया. इसके साथ ही इस लोकसभा सीट पर तीसरी बार भी बसपा ने ब्राह्मण कार्ड चला. जिसके चलते बसपा ने बुलंदशहर के श्रीभगवान शर्मा उर्फ गुडडू पंडित चुनाव में उतारा था.
भाजपा के राजकुमार चाहर को भाजपा 6 लाख 67 हजार 147 वोट मिले. उन्होंने 4.91 लाख वोटों से जीत दर्ज की. कांग्रेस के राज बब्बर को 1 लाख 72 हजार 082 वोट मिले और बसपा के श्रीभगवान शर्मा 1 लाख 68 हजार 043 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे.
रामनाथ सिकरवार से क्यों है उम्मीद: फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से कांग्रेस ने रामनाथ सिकरवार को जातीय समीकरण के आधार पर प्रत्याशी बनाया है. क्योंकि, बाह, फतेहबाद, खेरागढ़ और आगरा ग्रामीण विधानसभा में ठाकुर वोटर्स की संख्या खूब है.
2022 के विधानसभा चुनाव में अपनी छवि और ठाकुर वोटर्स में पैठ के चलते ही पूर्व सैनिक रामनाथ सिंह ने भाजपा के भगवान सिंह कुशवाह को कड़ी टक्कर दी थी. चुनाव में रामनाथ सिंह के माहौल को देखकर ही प्रियंका गांधी ने खेरागढ़ में रोड शो भी किया था.
फतेहपुर सीकरी में पांच विधानसभा सीट: फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट में पांच विधानसभा आती हैं. जिसमें फतेहपुर सीकरी विधानसभा, फतेहाबाद विधानसभा, बाह विधानसभा, खेरागढ़ विधानसभा और आगरा ग्रामीण विधानसभा शामिल है. अभी पांचों ही विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है.
फतेहपुर सीकरी लोकसभा का जातीय समीकरण: फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर 19 लाख से अधिक मतदाता है. पिछले चुनाव के अगर आंकड़ों की बात करें तो यहां पर 2019 के चुनाव में भाजपा को 64% से अधिक मत मिले थे. कांग्रेस को करीब 17 प्रतिशत वोट मिले.
जबकि सपा और बसपा के गठबंधन को करीब 15% वोट मिले. जातिगत आंकड़ों की बात करे तो क्षत्रिय वोट की संख्या अधिक है. ब्राह्मण वोट की संख्या भी प्रभावी है. जाट वोटर भी फतेहपुर सीकरी लोकसभा पर निर्णायक भूमिका में है.
जबकि लोधी व निषाद वोट भी है. दलित वोट की भी हिस्सेदारी है और मुस्लिम वोट भी फतेहपुर सीकरी सीट पर है जो फतेहपुर सीकरी सांसद का चुनाव करता है. 2019 के लोकसभा चुनाव के मतदाताओं की बात करें तो इस सीट पर करीब सवा 3 लाख लोग क्षत्रिय वोटर्स, 2.50 ब्राह्मण वोटर्स हैं.
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