फर्रुखाबाद : यूपी के फर्रुखाबाद जिले में आईएनडीआई गठबंधन में फर्रुखाबाद लोकसभा क्षेत्र की सीट सपा के खाते में जाने के बाद से ही पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के तेवर बदल गए थे. सपा प्रत्याशी ने गत सप्ताह दिल्ली में पूर्व प्रदेश मंत्री से भेंट भी की. उसका कोई खास असर पड़ता नहीं दिख रहा है. पूर्व प्रदेश मंत्री को फर्रुखाबाद से चुनाव लड़ाने की पैरवी भी कर चुके जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष के पत्र को भी सपा ने नजरअंदाज कर दिया. इसी के बाद आईएनडीआई गठबंधन सक्रिय हो गया है. संगठन की बैठक रविवार को बुलाई गई. इस दौरान जमीयत उलेमा ए हिंद ने गठबंधन के बाद भी जारी प्रत्याशी की सूची में मुस्लिम प्रत्याशियों के कम होने पर भी चिंता जताई है.
फर्रुखाबाद लोकसभा क्षेत्र की सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी ने घोषित किए जाने को लेकर रविवार को गांव सोता बहादुरपुर में मदीना मस्जिद के निकट जमीयत उलेमा ए हिंद की बैठक बुलाई गई. बैठक में अल्पसंख्यकों को आमंत्रित किया गया. इस बैठक में पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के समर्थक भी मौजूद रहे. इस मौके पर जमीयत उलेमा ए हिंद के जिलाध्यक्ष मुफ्ती जफर अहमद कासमी ने मीडिया से कहा कि जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने गत माह सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखा था. जिसमें फर्रुखाबाद संसदीय क्षेत्र से पूर्व विदेश मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद को प्रत्याशी बनाने की सलाह दी थी. राष्ट्रीय अध्यक्ष के पत्र का संज्ञान न लेने की वजह से क्षेत्रीय लोगों में काफी आक्रोश है.
कांग्रेस की ओर से भी इस संबंध में सपा नेतृत्व से बात की गई, लेकिन सपा फर्रुखाबाद सीट छोड़ने को तैयार नहीं हुई. इसी के बाद अब पूर्व विदेश मंत्री के समर्थक खुलकर बगावत के स्वर बुलंद करने का मन बना चुके हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं व पदाधिकारी अभी तक गठबंधन से सपा प्रत्याशी डॉ. नवल किशोर शाक्य के समर्थन में खड़े दिखाई नहीं दे रहे हैं. बताया कि वह लोग चाहते हैं कि पूर्व देश मंत्री सलमान खुर्शीद ही यहां गठबंधन प्रत्याशी हो. अभी परिस्थितियों बदलेगी और सलमान खुर्शीद प्रत्याशी होंगे पार्टी की ओर से भी अभी इस संबंध में दिशा निर्देश नहीं मिले हैं.
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