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बीजेपी सांसद ने किसानों को कराया घंटों इंतजार, फिर भी नहीं मिले माननीय, फूटा Farmers का गुस्सा - Farmers protest against BJP MP - FARMERS PROTEST AGAINST BJP MP

Ajay Bhatt review meeting, Rudrapur news, उधमसिंह नगर जिला मुख्यालय रुद्रपुर में गुरुवार को किसानों का गुस्सा बीजेपी सांसद अजय भट्ट के खिलाफ जमकर फूटा. आरोप है कि किसान सांसद अजय भट्ट को ज्ञापन देने आए थे, लेकिन दो घंटे के इंतजार कराने के बाद भी सांसद अजय भट्ट किसानों से नहीं मिले.

BJP MP AJAY BHATT
बीजेपी सांसद अजय भट्ट पर फूटा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 18, 2024, 8:27 PM IST

रुद्रपुर: पूर्व केंद्रीय मंत्री और नैनीताल-उधमसिंह नगर सीट से बीजेपी सांसद अजय भट्ट ने गुरुवार को उधमसिंह नगर जिला मुख्याल रुद्रपुर में अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने केंद्र पोषित योजनाओं की समीक्षा की. साथ ही अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए. वहीं, इस दौरान सांसद अजय भट्ट को किसानों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा.

सांसद अजय भट्ट ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए है कि जो प्रोजेक्ट आधे अधूरे है, उन्हे तत्काल पूरा कर लिया जाए. साथ ही आपदा में जो सड़क, पाइप लाइन, बिजली पोल और पुलिया क्षतिग्रस्त हुए है, उनको जल्द से जल्द से दुरुस्त करने को कहा है.

इसके अलावा बाढ़ प्रभावित परिवार को सरकार की तरफ दी जाने वाले आर्थिक मदद भी जल्द से जल्द दी जाए, जो परिवार रह गए है, उनको भी चिन्हिंत कर धनराशि वितरित की जाए. उन्होंने पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग, जलसंस्थान और बिजली विभाग को निर्देश दिए की बाढ़ क्षेत्र में हुई क्षति का तत्काल निस्तारण करते हुए लोगों को राहत दे. बैठक में बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए सांसद अजय भट्ट ने बताया कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र खटीमा में 13 हजार लोगों को राहत धनराशि वितरित कर दी गई है.

किसानों ने दिखाया अपना गुस्सा: इस दौरान किसानों ने सांसद के खिलाफ जमकर नारे बाजी भी की गई. दरअसल, आज किसानों का प्रतिमंडल कलेक्ट्रेट में सांसद अजय भट्ट को ज्ञापन देने पहुंचा था, लेकिन दोपहर दो बजे तक भी जब उनकी मुलाकात सांसद अजय भट्ट से नहीं हुई तो किसान अक्रोशित हो गए और उन्होंने प्रदर्शन कर ज्ञापन की प्रति जला दी.

किसान नेता तजेंद्र सिंह ने कहा कि 16 जुलाई को दिल्ली में आयुक्त किसान मोर्चे की बैठक हुई थी. इस दौरान निर्णय लिया गया था कि देश के सभी किसान अपने-अपने क्षेत्रों के सांसदों को ज्ञापन देंगे और उन्हें बताएंगे की 9 नवंबर 2021 केंद्रीय कृषि सचिव ने किसानों को लिखित आश्वासन दिया था कि किसानों की बातो को माना जायेगा. लेकिन तीन साल बाद भी किसानों की मांगों पर अमल नहीं किया गया. ज्ञापन में सांसद से निवेदन किया गया था कि वह देश के किसानों की आवाज सांसद में उठाए. आज को अपने सांसद को ज्ञापन देने आए थे, लेकिन दो घंटे इंतजार के बाद भी सांसद बैठक से बाहर नहीं आए. जिसके बाद गुस्साए किसानों ने ज्ञापन की प्रति को जला दिया.

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रुद्रपुर: पूर्व केंद्रीय मंत्री और नैनीताल-उधमसिंह नगर सीट से बीजेपी सांसद अजय भट्ट ने गुरुवार को उधमसिंह नगर जिला मुख्याल रुद्रपुर में अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने केंद्र पोषित योजनाओं की समीक्षा की. साथ ही अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए. वहीं, इस दौरान सांसद अजय भट्ट को किसानों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा.

सांसद अजय भट्ट ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए है कि जो प्रोजेक्ट आधे अधूरे है, उन्हे तत्काल पूरा कर लिया जाए. साथ ही आपदा में जो सड़क, पाइप लाइन, बिजली पोल और पुलिया क्षतिग्रस्त हुए है, उनको जल्द से जल्द से दुरुस्त करने को कहा है.

इसके अलावा बाढ़ प्रभावित परिवार को सरकार की तरफ दी जाने वाले आर्थिक मदद भी जल्द से जल्द दी जाए, जो परिवार रह गए है, उनको भी चिन्हिंत कर धनराशि वितरित की जाए. उन्होंने पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग, जलसंस्थान और बिजली विभाग को निर्देश दिए की बाढ़ क्षेत्र में हुई क्षति का तत्काल निस्तारण करते हुए लोगों को राहत दे. बैठक में बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए सांसद अजय भट्ट ने बताया कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र खटीमा में 13 हजार लोगों को राहत धनराशि वितरित कर दी गई है.

किसानों ने दिखाया अपना गुस्सा: इस दौरान किसानों ने सांसद के खिलाफ जमकर नारे बाजी भी की गई. दरअसल, आज किसानों का प्रतिमंडल कलेक्ट्रेट में सांसद अजय भट्ट को ज्ञापन देने पहुंचा था, लेकिन दोपहर दो बजे तक भी जब उनकी मुलाकात सांसद अजय भट्ट से नहीं हुई तो किसान अक्रोशित हो गए और उन्होंने प्रदर्शन कर ज्ञापन की प्रति जला दी.

किसान नेता तजेंद्र सिंह ने कहा कि 16 जुलाई को दिल्ली में आयुक्त किसान मोर्चे की बैठक हुई थी. इस दौरान निर्णय लिया गया था कि देश के सभी किसान अपने-अपने क्षेत्रों के सांसदों को ज्ञापन देंगे और उन्हें बताएंगे की 9 नवंबर 2021 केंद्रीय कृषि सचिव ने किसानों को लिखित आश्वासन दिया था कि किसानों की बातो को माना जायेगा. लेकिन तीन साल बाद भी किसानों की मांगों पर अमल नहीं किया गया. ज्ञापन में सांसद से निवेदन किया गया था कि वह देश के किसानों की आवाज सांसद में उठाए. आज को अपने सांसद को ज्ञापन देने आए थे, लेकिन दो घंटे इंतजार के बाद भी सांसद बैठक से बाहर नहीं आए. जिसके बाद गुस्साए किसानों ने ज्ञापन की प्रति को जला दिया.

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