बेमेतरा: पिरदा के बारूद फैक्ट्री में हुए धमाके में 9 लोगों की मौत हुई थी. धमाके के बाद से कई दिनों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला. प्रशासन की और से पहले एक मौत की पुष्टि की गई. बाद में 9 मजदूरों के मौत की खबर सामने आई. धमाका इतना जोरदार था कि मजदूरों के शवों को चिथड़े उड़ गए. मलबे से मिले डेड बॉडी के पार्टस से शवों की पहचान की गई. भिंभौरी क्षेत्र के 22 गांवों के लोग अब पिरदा की बारूद फैक्ट्री की ताला लगाने की मांग कर रहे हैं. 22 गांवों के लोगों ने फैक्ट्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
पिरदा बारूद फैक्ट्री को बंद करने की मांग: 22 गांवों को किसानों का कहना है कि हर हाल में बारूद फैक्ट्री बंद होनी चाहिए. नाराज लोगों ने कलेक्टर रणबीर शर्मा से मिलकर उनको इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा है. गांव वालों का आरोप है कि फैक्ट्री के आस पास का भू-जलस्तर पाताल में चला गया है. पानी अलग दूषित हो गया है. पानी के दूषित होने से इलाके के लोग पानी की किल्लत से भी जूझ रहे हैं. गांव वालों का कहना है कि बारूद फैक्ट्री बंद कर कृषि आधारित फैक्ट्री लगाई जाए.
''हम चाहते हैं हर हाल में बारूद फैक्ट्री बंद हो. फैक्ट्री के चलते पानी की हालत खराब होते जा रही है. फैक्ट्री के चलते पानी का जलस्तर पाताल में चला गया है. पानी भी दूषित हो रहा है. खुद फैक्ट्री के लोग पीने के लिए पानी बाहर से लाते हैं.'' - भूलू राम वर्मा, अध्यक्ष 22 गांव कल्याण समिति
''फैक्ट्री के चलते पूरे इलाके का नाश होता जा रहा है. 22 गांव के लोग इस फैक्ट्री से परेशान हैं. हम चाहते हैं हर हाल में ये फैक्ट्री बंद हो. सरकार से उम्मीद है कि वो हमारी मांगों पर विचार करेगी और फैक्ट्री को बंद करेगी''. - चंद्रिका प्रसाद निषाद ,किसान
हादसे पर जमकर हुई थी सियासत: बारूद फैक्ट्री में हुए धमाके पर कांग्रेस ने सरकार पर जमकर हमला बोला था. हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों के परिजनों ने भी मुआवजा और नौकरी की मांग को लेकर प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था. हादसे की जांच के दौरान ये बात सामने आई थी कि हादसा लापरवाही के चलते हुआ है.