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हरियाणा में मूली फसल से मालामाल हो रहे किसान, जानिए कैसे कर रहे ताबड़तोड़ कमाई

हरियाणा के नूंह के मरोड़ा और खानपुर गांव के किसान गेंहू की बिजाई से पहले मूली की फसल उगाकर मालामाल हो रहे हैं.

Radish cultivation in Nuh
मूली की खेती में मुनाफा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 2 hours ago

नूंह: मूली की फसल से मरोड़ा और खानपुर गांव के किसान मालामाल हो रहे हैं. कम समय में किसान अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. मरोड़ा गांव के किसान एक एकड़ से तकरीबन 50 हजार रुपए 3 महीने में कमा रहा है. इससे किसान की आजीविका में सुधार हो रहा है.

सड़क पर ही बेचने लग जाते हैं किसान : बता दें कि नगीना-पुनहाना मार्ग पर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के समीप लगती जमीन में मरोड़ा गांव के किसान कई दशकों से मूली की खेती कर रहे हैं. किसान ज्वार - बाजरे की फसल काटने के बाद इन खेतों में मूली की फसल लगा देते हैं और महज दो-तीन महीने में इस फसल को बेचकर गेहूं की बिजाई कर देते हैं. खास बात यह है कि मरोड़ा गांव की मूली की गुणवत्ता इलाके में सबसे अव्वल मानी जाती है. सफेद रंग की हरी-भरी मूली के ग्राहक खेत में ही पहुंच जाते हैं या फिर सड़क पर ही किसान मूली बेचने लगते हैं, जिन्हें खरीदने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है.

मूली की खेती में मुनाफा (ETV Bharat)

गेंहू की बिजाई से पहले ही मोटा मुनाफा : दरअसल, जिले के सैकड़ों गांव के किसान ज्वार-बाजरे की खेती के बाद सरसों और गेहूं की खेती की बिजाई करते हैं. बीच में दो-तीन महीने का समय बर्बाद हो जाता है. लेकिन मरोड़ा और खानपुर घाटी के गांवों के दर्जनों किसान इन्हीं दो-तीन महीनों के बीच में मूली की फसल लगाकर अच्छा खासा मुनाफा ले रहे हैं. इस मूली को खाने वाले शौकीनों की कमी नहीं है. एनसीआर तक ग्राहक यहां की मूली खरीद कर अपनी रसोई की शान बढ़ाता है. कुल मिलाकर किसानों को इस फसल से आम के आम और गुठलियों के दाम नसीब हो रहे हैं. 30 दिसंबर से पहले इस मूली की फसल को बेचकर किसान इसी खेत में गेहूं की पछेती किस्म उगाता है और अच्छा खासा उत्पादन लेता है.

इसे भी पढ़ें : नूंह में परंपरागत खेती छोड़कर बागवानी कर रहा किसान, प्रेरित होकर अन्य किसानों ने भी कमाया मुनाफा

नूंह: मूली की फसल से मरोड़ा और खानपुर गांव के किसान मालामाल हो रहे हैं. कम समय में किसान अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. मरोड़ा गांव के किसान एक एकड़ से तकरीबन 50 हजार रुपए 3 महीने में कमा रहा है. इससे किसान की आजीविका में सुधार हो रहा है.

सड़क पर ही बेचने लग जाते हैं किसान : बता दें कि नगीना-पुनहाना मार्ग पर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के समीप लगती जमीन में मरोड़ा गांव के किसान कई दशकों से मूली की खेती कर रहे हैं. किसान ज्वार - बाजरे की फसल काटने के बाद इन खेतों में मूली की फसल लगा देते हैं और महज दो-तीन महीने में इस फसल को बेचकर गेहूं की बिजाई कर देते हैं. खास बात यह है कि मरोड़ा गांव की मूली की गुणवत्ता इलाके में सबसे अव्वल मानी जाती है. सफेद रंग की हरी-भरी मूली के ग्राहक खेत में ही पहुंच जाते हैं या फिर सड़क पर ही किसान मूली बेचने लगते हैं, जिन्हें खरीदने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है.

मूली की खेती में मुनाफा (ETV Bharat)

गेंहू की बिजाई से पहले ही मोटा मुनाफा : दरअसल, जिले के सैकड़ों गांव के किसान ज्वार-बाजरे की खेती के बाद सरसों और गेहूं की खेती की बिजाई करते हैं. बीच में दो-तीन महीने का समय बर्बाद हो जाता है. लेकिन मरोड़ा और खानपुर घाटी के गांवों के दर्जनों किसान इन्हीं दो-तीन महीनों के बीच में मूली की फसल लगाकर अच्छा खासा मुनाफा ले रहे हैं. इस मूली को खाने वाले शौकीनों की कमी नहीं है. एनसीआर तक ग्राहक यहां की मूली खरीद कर अपनी रसोई की शान बढ़ाता है. कुल मिलाकर किसानों को इस फसल से आम के आम और गुठलियों के दाम नसीब हो रहे हैं. 30 दिसंबर से पहले इस मूली की फसल को बेचकर किसान इसी खेत में गेहूं की पछेती किस्म उगाता है और अच्छा खासा उत्पादन लेता है.

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