गया: बिहार के गया जिले में ताइवानी अमरूद की खेती हो रही है. यह अमरूद स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. साथ ही मार्केट में इसकी डिमांड लगातार बढ़ रही है. गया के किसान संजय कुमार ताइवानी अमरूद की खेती कर रहे हैं और ये किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है. इस अमरूद में साल में तीन बार फल आते हैं. ऐसे में इसकी खेती किसानों को काफी लाभ पहुंचा सकती है.
एक फीट का होते ही देने लगता है फल: एक फीट का होते ही ताइवानी अमरूद फल देने लगता है. जितना इसका साइज बढ़ता है, उसी हिसाब से इसके फल बढ़ने शुरू हो जाते हैं. चार से पांच फीट का होते ही ताइवान अमरूद के पेड़ से बड़े पैमाने पर फल निकलना शुरू होते हैं. यह 9 फीट की लंबाई तक अधिकांश जाता है. इसकी लंबाई ज्यादा नहीं होती है. सबसे बड़ी बात यह है कि गमले में भी इसे लगाया जा सकता है. जितना ज्यादा जड़ इसका मजबूत होगा, उतना ही ज्यादा फल पेड़ से मिलेगा.
कैसे बिकता है ताइवानी अमरूद?: गया के शेखवारा के किसान संजय कुमार बताते हैं कि ताइवानी अमरबद 150 रुपये किलो तक बिकता है. पिंक कलर में होने के कारण इसकी काफी डिमांड है. इसका स्वाद भी लाजवाब है. वहीं इसमें काफी गुण होते हैं. यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है. स्वास्थ्य के लिए यह काफी फायदेमंद है. पोषक तत्वों की प्रचुरता के कारण इसकी डिमांड काफी है.
"फिलहाल में सौ से अधिक पौधों के साथ इसकी खेती कर रहा हूं. सामान्य अमरूद जहां 20 से 50 रुपये किलो तक मिलते हैं. वहीं यह ताइवानी अमरूद 100 से 150 रुपये किलो तक बिकता है. इस तरह ताइवानी अमरूद की खेती मुनाफे का सौदा है. इसमें पूंजी नहीं के बराबर लगती है, सिर्फ पौधे की खरीददारी में ही 100 रुपये प्रति पीस के आसपास खर्च होते हैं."-संजय कुमार, किसान
कोलकाता से मंगाए गए पौधे: ताइवानी अमरूद के पौधे कोलकाता से मंगाए गए हैं. संजय कुमार बताते हैं कि 10 इंच के गमले में भी इसे उगा सकते हैं. साल में यह तीन बार फल देता है. इसके पौधे में एक फीट से ही इसमें फल आने शुरू हो जाते हैं. साल में तीन बार फल निकलता है. ताइवानी अमरूद 150 रुपये किलो बिकता है. वहीं केजी-वन वैरायटी के भी अमरूद लगाए गए हैं, जिसके फल 800 से 900 ग्राम तक के होते हैं.