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नैनीताल में ट्राउट फिश से 'मालामाल' हो रहे किसान, सरकार दे रही 50 से 60 फीसदी सब्सिडी - Trout fish farming

Trout Fish Farming in Nainital नैनीताल जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ट्राउट फिश के लिए अनुकूल मौसम रहता है. ऐसे में कई लोग ट्राउट मछली का पालन कर अपनी आजिविका को सुधार रहे हैं. इसमें मत्स्य विभाग का भी पूरा सपोर्ट मिल रहा है.

Trout Fish Farming in Nainital
ट्राउट मछली का पालन
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 28, 2024, 12:37 PM IST

Updated : Apr 28, 2024, 6:49 PM IST

नैनीताल में ट्राउट फिश से 'मालामाल' हो रहे किसान

हल्द्वानी: किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही हैं. अगर कोई किसान मछली पालन से अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना चाहता है, तो उसे 50 से 60% की सब्सिडी दी जा रही है. खास बात ये है कि पहाड़ के लोग ट्राउट मछली पालन से जुड़कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं. क्योंकि, ट्राउट मछली के लिए राज्य की भौगोलिक परिस्थितियां बेहतर हैं.

Trout Fish Farming in Nainital
ट्राउट मछली

नैनीताल मत्स्य विभाग के निरीक्षक विपिन कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि मछली पालकों के लिए सरकार की ओर से कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं. सरकार से प्रोत्साहन मिलने के बाद नैनीताल जिले में कई लोगों ने मछली पालन को आर्थिकी का जरिया बनाना शुरू कर दिया है. मछली पालन बेहतर मुनाफा का कारोबार है.

Trout Fish Farming in Nainital
ट्राउट मछली का पालन

नैनीताल जिले में करीब 250 से ज्यादा लोग मत्स्य पालन से जुड़े: मत्स्य पालन विभाग की ओर से स्थानीय लोगों को मछली पालन के लिए विभिन्न योजनाएं दी जा रही हैं. जिसके तहत लोग आत्मनिर्भर बन रहे हैं और दूसरों को रोजगार भी दे रहे हैं. इसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार और जिला योजना के तहत विभिन्न प्रकार की सुविधा, सब्सिडी मत्स्य विभाग की तरफ से उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि नैनीताल जिले में करीब 250 से ज्यादा लोग मत्स्य पालन से जुड़े हुए हैं.

नैनीताल जिले में 3 क्षेत्रों में बांटा गया मत्स्य पालन: निरीक्षक विपिन कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि नैनीताल जिले में मत्स्य पालन को 3 क्षेत्रों में बांटा गया है, जिसमें तराई क्षेत्र के साथ पर्वतीय क्षेत्र है. तराई क्षेत्र कॉर्प और पांगस प्रजाति की मछलियों के लिए अनुकूल मौसम है. वहीं, मैदानी और पहाड़ से लगे क्षेत्र कॉमन कॉर्प और कॉमन ग्रास मछलियों के लिए अनुकूल है. जबकि, नैनीताल के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ट्राउट फिश के लिए अनुकूल मौसम रहता है.

किसानों को दी जा रही सब्सिडी: विपिन कुमार विश्वकर्मा ने बताया ने कि किसानों के लिए बेहतर स्कीम के साथ मत्स्य विभाग सब्सिडी दे रहा है और ज्यादा से ज्यादा किसानों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहा है. नैनीताल जिले पहाड़ की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ट्राउट फिश पाली जा रही है. जहां बहुत से किसान ट्राउट मछली पालन से जुड़े हुए हैं. मुख्य तौर पर मुक्तेश्वर और रामगढ़ में ट्राउट मछली का पालन किया जा रहा है.

औषधीय गुण और स्वाद में खास होते हैं ट्राउट मछली: ट्राउट मछली औषधीय गुणों से भरपूर होने के साथ-साथ ही अपने टेस्ट के लिए जानी जाती है, क्योंकि इसे मीठे पानी में पाला जाता है, जिसके लिए किसी पोखर या तालाब की भी मदद ली जा सकती है. इस मछली की खासियत ऐसी है कि देश-विदेश के फाइव स्टार होटलों में भी भारी मांग है. औषधीय गुण होने के कारण भी लोग इसे चाव से खरीदते हैं. इससे मछली पालन करने वाले लोगों को अच्छी कमाई होती है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में इसका उत्पादन किया जाता है.

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Trout Fish Farming in Nainital
ट्राउट मछली

नैनीताल मत्स्य विभाग के निरीक्षक विपिन कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि मछली पालकों के लिए सरकार की ओर से कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं. सरकार से प्रोत्साहन मिलने के बाद नैनीताल जिले में कई लोगों ने मछली पालन को आर्थिकी का जरिया बनाना शुरू कर दिया है. मछली पालन बेहतर मुनाफा का कारोबार है.

Trout Fish Farming in Nainital
ट्राउट मछली का पालन

नैनीताल जिले में करीब 250 से ज्यादा लोग मत्स्य पालन से जुड़े: मत्स्य पालन विभाग की ओर से स्थानीय लोगों को मछली पालन के लिए विभिन्न योजनाएं दी जा रही हैं. जिसके तहत लोग आत्मनिर्भर बन रहे हैं और दूसरों को रोजगार भी दे रहे हैं. इसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार और जिला योजना के तहत विभिन्न प्रकार की सुविधा, सब्सिडी मत्स्य विभाग की तरफ से उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि नैनीताल जिले में करीब 250 से ज्यादा लोग मत्स्य पालन से जुड़े हुए हैं.

नैनीताल जिले में 3 क्षेत्रों में बांटा गया मत्स्य पालन: निरीक्षक विपिन कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि नैनीताल जिले में मत्स्य पालन को 3 क्षेत्रों में बांटा गया है, जिसमें तराई क्षेत्र के साथ पर्वतीय क्षेत्र है. तराई क्षेत्र कॉर्प और पांगस प्रजाति की मछलियों के लिए अनुकूल मौसम है. वहीं, मैदानी और पहाड़ से लगे क्षेत्र कॉमन कॉर्प और कॉमन ग्रास मछलियों के लिए अनुकूल है. जबकि, नैनीताल के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ट्राउट फिश के लिए अनुकूल मौसम रहता है.

किसानों को दी जा रही सब्सिडी: विपिन कुमार विश्वकर्मा ने बताया ने कि किसानों के लिए बेहतर स्कीम के साथ मत्स्य विभाग सब्सिडी दे रहा है और ज्यादा से ज्यादा किसानों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहा है. नैनीताल जिले पहाड़ की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ट्राउट फिश पाली जा रही है. जहां बहुत से किसान ट्राउट मछली पालन से जुड़े हुए हैं. मुख्य तौर पर मुक्तेश्वर और रामगढ़ में ट्राउट मछली का पालन किया जा रहा है.

औषधीय गुण और स्वाद में खास होते हैं ट्राउट मछली: ट्राउट मछली औषधीय गुणों से भरपूर होने के साथ-साथ ही अपने टेस्ट के लिए जानी जाती है, क्योंकि इसे मीठे पानी में पाला जाता है, जिसके लिए किसी पोखर या तालाब की भी मदद ली जा सकती है. इस मछली की खासियत ऐसी है कि देश-विदेश के फाइव स्टार होटलों में भी भारी मांग है. औषधीय गुण होने के कारण भी लोग इसे चाव से खरीदते हैं. इससे मछली पालन करने वाले लोगों को अच्छी कमाई होती है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में इसका उत्पादन किया जाता है.

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Last Updated : Apr 28, 2024, 6:49 PM IST
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