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HSIDC की ज़मीन अधिग्रहण पॉलिसी के प्लॉट के लिए किसानों में नाराज़गी, आंदोलन की दी चेतावनी, बोले- हमें खैरात नहीं हक चाहिए - HSIDC LAND ACQUISITION POLICY PLOT

HSIDC की जमीन अधिग्रहण की पॉलिसी के तहत किसानों को दिए जाने वाले रेजिडेंशियल प्लॉट को लेकर किसानों ने अब सरकार को चेतावनी दी है.

HSIDC land acquisition policy plot
प्लॉट के लिए किसानों में रोष (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 13, 2025, 11:07 PM IST

रोहतक: आईएमटी फेस 3 के लिए हुड्डा सरकार के दौरान 2012-13 में बलियाना, खेड़ी साध, खरावड़ और ननौन्द गांव की हजारों एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई थी. भूमि अधिग्रहण पॉलिसी के तहत किसानों को रिहायशी सेक्टर बनाकर प्लॉट दिए जाने थे, लेकिन लगभग 10 साल बीत जाने के बाद भी किसानों को वो प्लॉट नहीं मिले हैं. जबकि किसान इसके लिए पैसा भी जमा कर चुके है. अपने प्लाटों को लेकर किसान सरकार और जिला प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई भी समाधान नहीं निकल रहा, जिसके चलते किसानों में काफी रोष है. अब उन्होंने धरना देकर आंदोलन करने की चेतावनी दे दी है.

अपनी इसी मांग को लेकर ये किसान आज रोहतक के जिला उपायुक्त से मिलने पहुंचे और ज्ञापन सौंप कर अपनी मांग के बारे में अवगत कराया. किसानों का आरोप है कि एचएसआईडीसी सेक्टर में कॉर्नर के प्लाटों को अपने चहेतों को देना चाहता है, जिसे किसान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे और इसी वजह से ड्रॉ नहीं निकाला जा रहा.

प्लॉट के लिए किसानों में रोष (ETV Bharat)

"विभाग दुनिया भर की अड़चन पैदा कर रहा" : ग्रामीणों का कहना है कि अपने प्लाटों को लेकर ऐसा कोई दरवाजा नहीं है जिस पर वे ना गए हो, लेकिन उन्हें प्लॉट नहीं दिए जा रहे. किसानों ने कहा कि जब जमीन अधिग्रहण हुई थी, तब उनसे कोई दस्तावेज नहीं मांगे गए और मुआवजा भेज दिया गया. लेकिन अब विभाग दुनिया भर की अड़चन पैदा करने में लगा हुआ है.

"हमें खैरात नहीं हक चाहिए" : उन्होंने कहा कि वो कोई खैरात नहीं मांग रहे, पॉलिसी के तहत जो उनका हक बनता है, उसी के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. अब अगर उन्हें प्लाट नहीं मिले तो वहीं पर धरना और आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा.

इसे भी पढ़ें : आज से इन शहरों में हरियाणा हाउसिंग बोर्ड बेच रहा है फ्लैट और प्लॉट, जानें पूरी प्रक्रिया

इसे भी पढ़ें : हरियाणा में फ्लैट और प्लॉट खरीदना हुआ महंगा, 8 साल बाद सरकार ने बढ़ाया EDC

रोहतक: आईएमटी फेस 3 के लिए हुड्डा सरकार के दौरान 2012-13 में बलियाना, खेड़ी साध, खरावड़ और ननौन्द गांव की हजारों एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई थी. भूमि अधिग्रहण पॉलिसी के तहत किसानों को रिहायशी सेक्टर बनाकर प्लॉट दिए जाने थे, लेकिन लगभग 10 साल बीत जाने के बाद भी किसानों को वो प्लॉट नहीं मिले हैं. जबकि किसान इसके लिए पैसा भी जमा कर चुके है. अपने प्लाटों को लेकर किसान सरकार और जिला प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई भी समाधान नहीं निकल रहा, जिसके चलते किसानों में काफी रोष है. अब उन्होंने धरना देकर आंदोलन करने की चेतावनी दे दी है.

अपनी इसी मांग को लेकर ये किसान आज रोहतक के जिला उपायुक्त से मिलने पहुंचे और ज्ञापन सौंप कर अपनी मांग के बारे में अवगत कराया. किसानों का आरोप है कि एचएसआईडीसी सेक्टर में कॉर्नर के प्लाटों को अपने चहेतों को देना चाहता है, जिसे किसान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे और इसी वजह से ड्रॉ नहीं निकाला जा रहा.

प्लॉट के लिए किसानों में रोष (ETV Bharat)

"विभाग दुनिया भर की अड़चन पैदा कर रहा" : ग्रामीणों का कहना है कि अपने प्लाटों को लेकर ऐसा कोई दरवाजा नहीं है जिस पर वे ना गए हो, लेकिन उन्हें प्लॉट नहीं दिए जा रहे. किसानों ने कहा कि जब जमीन अधिग्रहण हुई थी, तब उनसे कोई दस्तावेज नहीं मांगे गए और मुआवजा भेज दिया गया. लेकिन अब विभाग दुनिया भर की अड़चन पैदा करने में लगा हुआ है.

"हमें खैरात नहीं हक चाहिए" : उन्होंने कहा कि वो कोई खैरात नहीं मांग रहे, पॉलिसी के तहत जो उनका हक बनता है, उसी के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. अब अगर उन्हें प्लाट नहीं मिले तो वहीं पर धरना और आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा.

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