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पलामू में नीलगाय का आतंक, ग्रामीण क्षेत्रों के बाद शहरी इलाकों में किसानों ने छोड़ी खेती ! - farmers abandoning farming - FARMERS ABANDONING FARMING

Farmers in urban areas of Palamu. पलामू के शहरी इलाकों में खेती करने में मुश्किल हो रही है. वजह है नीलगाय. पहले तो ग्रामीण इलाकों में इसका आतंक था, लेकिन अब शहरी किसान भी नीलगाय की वजह से खेती छोड़ रहे हैं.

farmers abandoning farming because of Nilgai In urban areas of Palamu
पलामू के शहरी क्षेत्र के किसान (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 21, 2024, 11:13 AM IST

Updated : Jul 21, 2024, 11:27 AM IST

पलामूः जिले में नीलगाय के कारण किसानी चुनौती बनती जा रही है. किसान खेती छोड़ रहे हैं. नीलगाय के कारण ग्रामीण क्षेत्र के बाद अब शहरी क्षेत्र के किसान खेती करना छोड़ रहे हैं. पलामू के मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र के सिंगरा खुर्द के किसानों ने खेती करना छोड़ा है. जिस इलाके में नीलगाय के कारण किसानों ने खेती छोड़ी है वह इलाका कोयल और अमानत नदी का तटीय क्षेत्र है.

जानकारी देते संवाददाता नीरज (ईटीवी भारत)

दरअसल कुछ वर्ष पहले तक यह पूरा इलाका नीलगाय से प्रभावित नहीं था. लेकिन महीनों से नीलगाय का झुंड इलाके में रह रहा है और 500 एकड़ से भी अधिक में फसल को बर्बाद कर रहा है. नीलगाय के कारण 250 से भी अधिक किसान खेती करना छोड़ चुके हैं. जिस इलाके में किसानों ने खेती करना छोड़ा है वह इलाका पलामू के सबसे बड़े शहर मेदिनीनगर से सात किलोमीटर की दूरी पर है.

सिंगरा खुर्द के किसान संतोष शुक्ला बताते हैं कि नीलगाय को लेकर सरकार एवं प्रशासनिक तंत्र को पहल करने की जरूरत है ताकि स्थानीय किसानों को खेती करने में सहूलियत हो सके. नीलगाय के आतंक के कारण लोग कृषि छोड़ रहे हैं. बड़े पैमाने पर खेत परती रह रहे हैं. स्थानीय किसान साकेत शुक्ला ने बताया कि नीलगाय एक बड़ी समस्या बन गई है लोग खेती छोड़ रहे हैं, नीलगाय के कारण दुर्घटनाओं में लोगों की मौत हो रही है.

किसान आनंद शुक्ला ने बताया कि नीलगाय घनी आबादी की बस्ती तक पहुंच रहे हैं जिस कारण स्कूली बच्चों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पलामू का 53 से अधिक पंचायत नीलगाय से परेशान है. अधिकतर गांव सोन और कोयल नदी के तटीय क्षेत्र में है. हालांकि पलामू टाइगर रिजर्व ने नीलगाय का रेस्क्यू करने की योजना तैयार की है और सरकार को एक प्रस्ताव भी भेजा है.

ये भी पढ़ेंः

पलामू के किसानों को नीलगाय की समस्या से मिलेगी निजात! ट्रेंकुलाइज कर नीलगाय को रेस्क्यू करने की तैयारी - Nilgai Problem In Jharkhand

पलामूः जिले में नीलगाय के कारण किसानी चुनौती बनती जा रही है. किसान खेती छोड़ रहे हैं. नीलगाय के कारण ग्रामीण क्षेत्र के बाद अब शहरी क्षेत्र के किसान खेती करना छोड़ रहे हैं. पलामू के मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र के सिंगरा खुर्द के किसानों ने खेती करना छोड़ा है. जिस इलाके में नीलगाय के कारण किसानों ने खेती छोड़ी है वह इलाका कोयल और अमानत नदी का तटीय क्षेत्र है.

जानकारी देते संवाददाता नीरज (ईटीवी भारत)

दरअसल कुछ वर्ष पहले तक यह पूरा इलाका नीलगाय से प्रभावित नहीं था. लेकिन महीनों से नीलगाय का झुंड इलाके में रह रहा है और 500 एकड़ से भी अधिक में फसल को बर्बाद कर रहा है. नीलगाय के कारण 250 से भी अधिक किसान खेती करना छोड़ चुके हैं. जिस इलाके में किसानों ने खेती करना छोड़ा है वह इलाका पलामू के सबसे बड़े शहर मेदिनीनगर से सात किलोमीटर की दूरी पर है.

सिंगरा खुर्द के किसान संतोष शुक्ला बताते हैं कि नीलगाय को लेकर सरकार एवं प्रशासनिक तंत्र को पहल करने की जरूरत है ताकि स्थानीय किसानों को खेती करने में सहूलियत हो सके. नीलगाय के आतंक के कारण लोग कृषि छोड़ रहे हैं. बड़े पैमाने पर खेत परती रह रहे हैं. स्थानीय किसान साकेत शुक्ला ने बताया कि नीलगाय एक बड़ी समस्या बन गई है लोग खेती छोड़ रहे हैं, नीलगाय के कारण दुर्घटनाओं में लोगों की मौत हो रही है.

किसान आनंद शुक्ला ने बताया कि नीलगाय घनी आबादी की बस्ती तक पहुंच रहे हैं जिस कारण स्कूली बच्चों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पलामू का 53 से अधिक पंचायत नीलगाय से परेशान है. अधिकतर गांव सोन और कोयल नदी के तटीय क्षेत्र में है. हालांकि पलामू टाइगर रिजर्व ने नीलगाय का रेस्क्यू करने की योजना तैयार की है और सरकार को एक प्रस्ताव भी भेजा है.

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Last Updated : Jul 21, 2024, 11:27 AM IST
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