सक्ती : सक्ती जिले में एडीबी कंपनी के अधिकारियों की मनमानी सामने आई है. बारिश के मद्देनजर एडीबी के अधिकारी अब नियम विरुद्ध सड़क निर्माण करने में लग गए हैं. सालों से सड़क निर्माण के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई है. लेकिन आज तक कई किसानों को उनका मुआवजा नही मिला है. जिन किसानों को मुआवजा नहीं मिला अफसर सिर्फ उन्हें आश्वासन देते हैं.लिहाजा अब किसानों ने सड़क निर्माण का विरोध करने की ठानी है.लेकिन किसानों को हक देने के बजाए एडीबी के अफसर स्थानीय प्रशासन के सहयोग से उल्टा धमकी दे रहे हैं. जिसके बाद अब किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
क्यों किसान हुए असंतुष्ट : आपको बता दें कि सक्ती जिले के टुंडरी मार्ग और मालखरौदा से जैजैपुर मार्ग पर एडीबी कंपनी सड़क बना रही है. जो समय सीमा समाप्त होने के बाद भी आज तक पूरी नहीं हो सकी है. जिसमें सक्ती-टुन्ड्री मार्ग की लंबाई करीब 31 किलोमीटर है. सड़क के उन्नयन और पुननिर्माण कार्य के लिए भूमि की आवश्यकता हुई.जिसके लिए क्रय नीति शासन का आदेश क्रमांक एफ 7-4-1/20215 दिनांक 30 मार्च 2016 का संशोधन दिनांक 27-09-2017 के अनुसार ग्राम कर्रापाली और झर्रा के किसानों को मुआवजा दिया गया. कुछ किसान जो मुआवजा प्रकरण से सहमत नहीं थे, उनकी जमीनें फिर से नापी गईं. फिर राजस्व विभाग ने जमीन का प्रकरण बनाया. लेकिन आज तक बचे किसानों को मुआवजा नहीं मिला. किसान साल 2021 से मुआवजा की मांग सरकार से कर रहे हैं.
''कुछ किसानों से सहमति नहीं बन पाई है. लेकिन बरसात को देखते हुए पहली की शासकीय सड़क पर ही काम किया जाएगा. बाद में किसानों से अगर सहमति बनती है तो सड़क का चौड़ीकरण होगा.'' तहसीलदार अड़भार
नियम के विरुद्ध सड़क निर्माण : मिली जानकारी के अनुसार इन दोनों मार्गों पर सड़क बनाने के लिए 16 मीटर चौड़ी जमीन की आवश्यकता थी. जिसके लिए आवश्यकता अनुसार जमीन अधिग्रहण किया जाना था. लेकिन कई जगहों पर किसान मुआवजा राशि से संतुष्ट नहीं थे और उनके साथ एडीबी का समझौता नहीं हो सका. उन जगहों पर अब एडीबी के अधिकारी नियम विरुद्ध सड़क बना रहे हैं. कई जगहों पर 12 मीटर तो कहीं 10 मीटर तो कहीं 8 मीटर सड़क बनाने की तैयारी चल रही है.जबकि सड़क निर्माण के लिए पहले ही एस्टीमेट बन चुका है.लेकिन एडीबी अब बिना एस्टीमेट के ही काम कर रही है.