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फर्जी बहाली में अधिकारियों की मिलीभगत! सोनपुर डीआरम ऑफिस में लिया जाता इंटरव्यू, छोटे स्टेशनों पर दी जाती ट्रेनिंग - SONPUR DRM OFFICE

रेलवे में फर्जी बहाली के रैकेट का पता चला है. सोनपुर में गिरफ्तार किए दो लोगों से पूछताछ के बाद परत खुल रही है.

Fake recruitment in railway
पुलिस हिरासत में आरोपी. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 15, 2024, 8:20 PM IST

वैशाली: सोनपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 से 5 दिसंबर को संदेह के आधार पर दीपक कुमार तिवारी और सक्षम श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया गया था. उनके पास से टिकट कलेक्टर का आई कार्ड बरामद हुआ जो बिल्कुल ओरिजिनल आई कार्ड की तरह बनाया हुआ था. उस पर मुहर आदि सब कुछ मौजूद था. दोनों पश्चिम चंपारण के रहने वाले हैं. पूछताछ व जांच पड़ताल के बाद रेलवे में फर्जी बहाली के नाम पर धोखाधड़ी के एक बहुत बड़े रैकेट का पता चला है. यह रैकैट बंगाल, उड़ीसा और झारखंड सहित कई राज्यों में फैला है.

कैसे काम करता था रैकेटः सोनपुर जीआरपी के थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जांच में पता चला कि डीआरएम ऑफिस रेल मंडल सोनपुर में काम करने वाला चंदन कुमार रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर ठगी करता था. "फर्जी ज्वाइनिंग लेटर तैयार कर कैंडिडेट को देता था. मोतिहारी के पप्पू कुमार फर्जी तरीके से ट्रेनिंग देता था. रेलवे के टिकट बुकिंग क्लर्क, टेक्नीशियन, ग्रुप डी आदि के फर्जी नियुक्ति पत्र दिए जाते थे. विभिन्न स्टेशनों पर टिकट काटने हेल्पर के काम की फर्जी ट्रेनिंग देते थे." एक दो महीने बाद अपने स्तर से एक दो महीने की सैलरी भी देते थे. फिर मोबाइल बंद कर नया सिम कार्ड खरीद लेते थे.

Fake recruitment in railway
बरामद कार्ड. (ETV Bharat)

गैर हिंदी भाषी को टारगेट करते: सोनपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों से पहले पूछताछ की गई. फिर मोतिहारी में छापेमारी की गई. इसके बाद एक रेल कर्मी को भी गिरफ्तार किया गया. इसके बाद अब यह संभावना जताई जा रही है कि यह एक अंतर राज्यीय रैकेट है जो बेहद बड़े पैमाने पर चलाए जा रहा है. रेल सूत्रों की मानें तो पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड सहित कई राज्यों में ऐसे लोगों को टारगेट किया जाता था, जो हिंदी भाषी नहीं हो. फिर इन लोगों को नौकरी का झांसा देकर इनसे मोटी रकम उगाही की जाती थी. कई रेल कर्मियों और अधिकारियों के मिलीभगत की आशंका है.

डीआरएम ऑफिस में इंटरव्यू होता: सूत्रों की मानें तो रेल पुलिस ने सोनपुर डीआरएम ऑफिस का एक सीसीटीवी वीडियो बरामद किया है, जिसमें गिरफ्तार किए गए आरोपी डीआरएम ऑफिस में आते जाते हुए दिख रहे हैं. रेल पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि फर्जी नौकरी मामले में इंटरव्यू डीआरएम ऑफिस के एक कमरे में आयोजित किया जाता था. फिर रेलवे के ही अस्पतालों में मेडिकल होता था. इसके बाद उनकी ट्रेनिंग भी कराई जाती थी. सोनपुर जीआरपी रेल फर्जी बहाली मामले में अब तक गिरफ्तार 5 लोगों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की तैयारी हो रही है. जिसके बाद मामले में चौंकाने वाला खुलासा हो सकेगा.

Fake recruitment in railway
पुलिस हिरासत में आरोपी. (ETV Bharat)

आरपीएफ का फर्जी ट्रेनिंगः रेल सूत्रों की मानें तो सोनपुर डिवीजन के अलावा समस्तीपुर और दानापुर डिविजन में भी इनके जाल फैले हो सकते हैं. विभिन्न जगहों पर फर्जी बहाल किए गए लोगों की ट्रेनिंग कराई जाती थी. पूर्वी चंपारण स्थित ग्राम भटहा थाना मुफस्सिल के पप्पू कुमार के मकान में फर्जी तरीके से रेलवे सुरक्षा बल का प्रशिक्षण केंद्र संचालन होता था. पप्पू कुमार के घर में चल रहे कथित कार्यालय की अलमीरा से कई दस्तावेज बरामद हुए. साथ में एक देसी पिस्तौल, एक मैगजीन, 7 जिंदा कारतूस, इसके आफ शोल्डर बैच दो स्टार लगी हुई खाकी वर्दी, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा, फर्जी प्रमाण पत्र आदि बरामद हुआ. जहां से सनी कुमार को रेल पुलिस ने गिरफ्तार किया.

इनको रिमांड पर लेने की तैयारीः रेलवे फर्जी बहाली मामले में जिन पांच लोगों को रेल पुलिस विमान पर लेकर पूछताछ की तैयारी कर रही है उनमें देवाशीष बारिक, साहिल कुमार गुप्ता, समय संतो महतो, दीपक कुमार तिवारी और सचिन श्रीवास्तव शामिल है.

इसे भी पढ़ेंः ट्रेन वेटिंग टिकट की समस्या अब होगी खत्म! जानिए नए सिस्टम से किस प्रकार मिलेगी कंफर्म बर्थ

वैशाली: सोनपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 से 5 दिसंबर को संदेह के आधार पर दीपक कुमार तिवारी और सक्षम श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया गया था. उनके पास से टिकट कलेक्टर का आई कार्ड बरामद हुआ जो बिल्कुल ओरिजिनल आई कार्ड की तरह बनाया हुआ था. उस पर मुहर आदि सब कुछ मौजूद था. दोनों पश्चिम चंपारण के रहने वाले हैं. पूछताछ व जांच पड़ताल के बाद रेलवे में फर्जी बहाली के नाम पर धोखाधड़ी के एक बहुत बड़े रैकेट का पता चला है. यह रैकैट बंगाल, उड़ीसा और झारखंड सहित कई राज्यों में फैला है.

कैसे काम करता था रैकेटः सोनपुर जीआरपी के थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जांच में पता चला कि डीआरएम ऑफिस रेल मंडल सोनपुर में काम करने वाला चंदन कुमार रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर ठगी करता था. "फर्जी ज्वाइनिंग लेटर तैयार कर कैंडिडेट को देता था. मोतिहारी के पप्पू कुमार फर्जी तरीके से ट्रेनिंग देता था. रेलवे के टिकट बुकिंग क्लर्क, टेक्नीशियन, ग्रुप डी आदि के फर्जी नियुक्ति पत्र दिए जाते थे. विभिन्न स्टेशनों पर टिकट काटने हेल्पर के काम की फर्जी ट्रेनिंग देते थे." एक दो महीने बाद अपने स्तर से एक दो महीने की सैलरी भी देते थे. फिर मोबाइल बंद कर नया सिम कार्ड खरीद लेते थे.

Fake recruitment in railway
बरामद कार्ड. (ETV Bharat)

गैर हिंदी भाषी को टारगेट करते: सोनपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों से पहले पूछताछ की गई. फिर मोतिहारी में छापेमारी की गई. इसके बाद एक रेल कर्मी को भी गिरफ्तार किया गया. इसके बाद अब यह संभावना जताई जा रही है कि यह एक अंतर राज्यीय रैकेट है जो बेहद बड़े पैमाने पर चलाए जा रहा है. रेल सूत्रों की मानें तो पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड सहित कई राज्यों में ऐसे लोगों को टारगेट किया जाता था, जो हिंदी भाषी नहीं हो. फिर इन लोगों को नौकरी का झांसा देकर इनसे मोटी रकम उगाही की जाती थी. कई रेल कर्मियों और अधिकारियों के मिलीभगत की आशंका है.

डीआरएम ऑफिस में इंटरव्यू होता: सूत्रों की मानें तो रेल पुलिस ने सोनपुर डीआरएम ऑफिस का एक सीसीटीवी वीडियो बरामद किया है, जिसमें गिरफ्तार किए गए आरोपी डीआरएम ऑफिस में आते जाते हुए दिख रहे हैं. रेल पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि फर्जी नौकरी मामले में इंटरव्यू डीआरएम ऑफिस के एक कमरे में आयोजित किया जाता था. फिर रेलवे के ही अस्पतालों में मेडिकल होता था. इसके बाद उनकी ट्रेनिंग भी कराई जाती थी. सोनपुर जीआरपी रेल फर्जी बहाली मामले में अब तक गिरफ्तार 5 लोगों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की तैयारी हो रही है. जिसके बाद मामले में चौंकाने वाला खुलासा हो सकेगा.

Fake recruitment in railway
पुलिस हिरासत में आरोपी. (ETV Bharat)

आरपीएफ का फर्जी ट्रेनिंगः रेल सूत्रों की मानें तो सोनपुर डिवीजन के अलावा समस्तीपुर और दानापुर डिविजन में भी इनके जाल फैले हो सकते हैं. विभिन्न जगहों पर फर्जी बहाल किए गए लोगों की ट्रेनिंग कराई जाती थी. पूर्वी चंपारण स्थित ग्राम भटहा थाना मुफस्सिल के पप्पू कुमार के मकान में फर्जी तरीके से रेलवे सुरक्षा बल का प्रशिक्षण केंद्र संचालन होता था. पप्पू कुमार के घर में चल रहे कथित कार्यालय की अलमीरा से कई दस्तावेज बरामद हुए. साथ में एक देसी पिस्तौल, एक मैगजीन, 7 जिंदा कारतूस, इसके आफ शोल्डर बैच दो स्टार लगी हुई खाकी वर्दी, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा, फर्जी प्रमाण पत्र आदि बरामद हुआ. जहां से सनी कुमार को रेल पुलिस ने गिरफ्तार किया.

इनको रिमांड पर लेने की तैयारीः रेलवे फर्जी बहाली मामले में जिन पांच लोगों को रेल पुलिस विमान पर लेकर पूछताछ की तैयारी कर रही है उनमें देवाशीष बारिक, साहिल कुमार गुप्ता, समय संतो महतो, दीपक कुमार तिवारी और सचिन श्रीवास्तव शामिल है.

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