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व्हाट्सऐप ग्रुप में पद्मश्री अवॉर्ड देने का लेटर वायरल, जांच में फर्जी निकला - Padmashree Award Fake Letter

Fake letter from Rashtrapati Bhavan: सोशल मीड‍िया पर इन द‍िनों अलग-अलग तरह के फर्जीवाड़े फैलाने की खबरें खूब आ रही है. इस कड़ी में पद्मश्री अवॉर्ड देने का एक फर्जी लेटर वायरल हुआ.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 28, 2024, 11:27 AM IST

Updated : May 28, 2024, 12:05 PM IST

नई द‍िल्‍ली: अध्‍यात्‍म के क्षेत्र में संत सदानंद महाराज को पद्मश्री अवॉर्ड देने के ल‍िए राष्‍ट्रपत‍ि को एक फर्जी लेटर ल‍िखा गया जोक‍ि व्‍हाट्सऐप ग्रुप पर वायरल हो गया. उनके एक अनुयायी के पास जब यह मामला पहुंचा तो जालसाजी का पता चल गया ज‍िसके बाद राष्‍ट्रपत‍ि भवन ने तुरंत संज्ञान ल‍िया और नॉर्थ ऐवन्‍यू थाने को जानकारी दी. अब इस मामले को रोह‍िणी साइबर पुल‍िस तफ्तीश कर रही है.

जानकारी के मुताब‍िक द‍िल्‍ली के पीतमपुरा इलाके में रहने वाले नवीन कुमार गोयल संत सदानंद महाराज के भक्‍त हैं. वह मंगोलपुरी में ट‍िंबर एंड प्लाईवुड का कारोबार करते हैं. उन्‍होंने गत 7 मई को संस्‍था के कई व्‍हाट्सऐप ग्रुप में एक लेटर और दो कार्ड वायरल होते देखे. लेटर पर 6 मई, 2024 की तारीख का ज‍िक्र क‍िया हुआ था. यह लेटर राष्‍ट्रपत‍ि सच‍िवालय के नाम से जारी हुआ था.

लेटर में ल‍िखा था 'प्र‍िय श्री सदानंद महाराज, मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है क‍ि भारत के राष्‍ट्रपत‍ि ने अध्‍यात्‍म के माध्‍यम से सामाज‍िक सेवा के क्षेत्र में आपकी व‍िश‍िष्‍ट सेवा के ल‍िए आपको पद्मश्री से सम्‍मान‍ित करने का फैसला क‍िया है. इस बारे में आपको सूच‍ित करते हुए प्रसन्‍नता हो रही है, पुरस्‍कार राष्‍ट्रपत‍ि की ओर से राष्‍ट्रपत‍ि भवन, नई द‍िल्‍ली में प्रदान कि‍या जाएगा, पुरस्‍कार समारोह मंगलवार, 28 मई, 2024 को आयोजित क‍िया जाएगा.' इस पत्र में नीचे की तरफ भारत भूषण अंक‍ित क‍िया हुआ था.

ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा: बताया जा रहा है क‍ि 13 मई को नवीन कुमार गोयल अपने एक दोस्‍त गुलशन के साथ राष्‍ट्रपत‍ि भवन गए थे. वहां वह अपने एक पर‍िच‍ित से मुलाकात करने के ल‍िए गए थे. वहां पर बातचीत के दौरान संत सदानंद महाराज को पद्मश्री देने की बात भी की गई तो राष्‍ट्रपत‍ि भवन के स्‍टाफ ने इस बारे में पता क‍िया. मालूम हुआ क‍ि इस तरह का नाम तो पद्मश्री अवॉर्ड के ल‍िए ल‍िस्‍ट में शामिल नहीं है. इसके बाद व्‍हाट्सअप पर वायरल इस लेटर के मैसेज को राष्‍ट्रपत‍ि भवन के स्‍टाफ को द‍िया गया. इससे जुड़ी जानकारी को द‍िल्‍ली पुल‍िस के साथ शेयर क‍िया तो नवीन को साथ लेकर जांच पड़ताल की गई.

राष्‍ट्रपत‍ि सच‍िवालय की तरफ से जारी नहीं हुआ था पत्र: फर्जी लेटर जांच के ल‍िए नवीन को नॉर्थ रोह‍िणी साइबर पुल‍िस स्‍टेशन भी ले जाया गया जहां पता चला क‍ि इस तरह का कोई पत्र राष्‍ट्रपत‍ि सच‍िवालय की तरफ से जारी नहीं हुआ था. यह व्‍हाट्सअप ग्रुप में फर्जी तरीके से वायरल हो रहा था. इस संबंध में साइबर थाने में मामला दर्ज कर पुल‍िस जांच में जुट गई है.

यह भी पढ़ें- गुजरात गेमज़ोन हादसे के बाद नोएडा पुलिस और जिला प्रशासन अलर्ट, सभी गेमिंग ज़ोन्स में की जा रही जांच

नई द‍िल्‍ली: अध्‍यात्‍म के क्षेत्र में संत सदानंद महाराज को पद्मश्री अवॉर्ड देने के ल‍िए राष्‍ट्रपत‍ि को एक फर्जी लेटर ल‍िखा गया जोक‍ि व्‍हाट्सऐप ग्रुप पर वायरल हो गया. उनके एक अनुयायी के पास जब यह मामला पहुंचा तो जालसाजी का पता चल गया ज‍िसके बाद राष्‍ट्रपत‍ि भवन ने तुरंत संज्ञान ल‍िया और नॉर्थ ऐवन्‍यू थाने को जानकारी दी. अब इस मामले को रोह‍िणी साइबर पुल‍िस तफ्तीश कर रही है.

जानकारी के मुताब‍िक द‍िल्‍ली के पीतमपुरा इलाके में रहने वाले नवीन कुमार गोयल संत सदानंद महाराज के भक्‍त हैं. वह मंगोलपुरी में ट‍िंबर एंड प्लाईवुड का कारोबार करते हैं. उन्‍होंने गत 7 मई को संस्‍था के कई व्‍हाट्सऐप ग्रुप में एक लेटर और दो कार्ड वायरल होते देखे. लेटर पर 6 मई, 2024 की तारीख का ज‍िक्र क‍िया हुआ था. यह लेटर राष्‍ट्रपत‍ि सच‍िवालय के नाम से जारी हुआ था.

लेटर में ल‍िखा था 'प्र‍िय श्री सदानंद महाराज, मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है क‍ि भारत के राष्‍ट्रपत‍ि ने अध्‍यात्‍म के माध्‍यम से सामाज‍िक सेवा के क्षेत्र में आपकी व‍िश‍िष्‍ट सेवा के ल‍िए आपको पद्मश्री से सम्‍मान‍ित करने का फैसला क‍िया है. इस बारे में आपको सूच‍ित करते हुए प्रसन्‍नता हो रही है, पुरस्‍कार राष्‍ट्रपत‍ि की ओर से राष्‍ट्रपत‍ि भवन, नई द‍िल्‍ली में प्रदान कि‍या जाएगा, पुरस्‍कार समारोह मंगलवार, 28 मई, 2024 को आयोजित क‍िया जाएगा.' इस पत्र में नीचे की तरफ भारत भूषण अंक‍ित क‍िया हुआ था.

ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा: बताया जा रहा है क‍ि 13 मई को नवीन कुमार गोयल अपने एक दोस्‍त गुलशन के साथ राष्‍ट्रपत‍ि भवन गए थे. वहां वह अपने एक पर‍िच‍ित से मुलाकात करने के ल‍िए गए थे. वहां पर बातचीत के दौरान संत सदानंद महाराज को पद्मश्री देने की बात भी की गई तो राष्‍ट्रपत‍ि भवन के स्‍टाफ ने इस बारे में पता क‍िया. मालूम हुआ क‍ि इस तरह का नाम तो पद्मश्री अवॉर्ड के ल‍िए ल‍िस्‍ट में शामिल नहीं है. इसके बाद व्‍हाट्सअप पर वायरल इस लेटर के मैसेज को राष्‍ट्रपत‍ि भवन के स्‍टाफ को द‍िया गया. इससे जुड़ी जानकारी को द‍िल्‍ली पुल‍िस के साथ शेयर क‍िया तो नवीन को साथ लेकर जांच पड़ताल की गई.

राष्‍ट्रपत‍ि सच‍िवालय की तरफ से जारी नहीं हुआ था पत्र: फर्जी लेटर जांच के ल‍िए नवीन को नॉर्थ रोह‍िणी साइबर पुल‍िस स्‍टेशन भी ले जाया गया जहां पता चला क‍ि इस तरह का कोई पत्र राष्‍ट्रपत‍ि सच‍िवालय की तरफ से जारी नहीं हुआ था. यह व्‍हाट्सअप ग्रुप में फर्जी तरीके से वायरल हो रहा था. इस संबंध में साइबर थाने में मामला दर्ज कर पुल‍िस जांच में जुट गई है.

यह भी पढ़ें- गुजरात गेमज़ोन हादसे के बाद नोएडा पुलिस और जिला प्रशासन अलर्ट, सभी गेमिंग ज़ोन्स में की जा रही जांच

Last Updated : May 28, 2024, 12:05 PM IST
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