सिरमौर: हिमाचल प्रदेश में कथित निवेशकों के झांसे में आकर एक शख्स ने करीब 35 से 40 लाख रुपए की राशि गंवा दी. जालसाझों ने ठगी का ऐसा जाल बुना कि जब तक पीड़ित के कुछ समझ में आता, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. हालांकि पीड़ित की पत्नी ने ठगों से संबंधित वीडियो को देख लिया, लेकिन तब तक शातिर पीड़ित व्यक्ति को लाखों रुपये की चपत लगा चुके थे. अब इस मामले की शिकायत मिलने की बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
यशवंत विहार क्षेत्र का मामला
ठगी का यह मामला सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में सामने आया है. यहां एक शख्स कथित निवेशकों के झांसे में आकर करीब 35 से 40 लाख रुपए की राशि गंवा बैठा. मिली जानकारी के अनुसार नाहन के यशवंत विहार क्षेत्र के एक शख्स ने सदर पुलिस थाना में इस मामले में एक शिकायत दर्ज करवाई है. पुलिस ने विक्रम सिंह की शिकायत पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
व्हाट्सएप पर ग्रुप बनाकर झांसे में लिया
शिकायतकर्ता विक्रम सिंह ने पुलिस को बताया कि उसे व्हाट्सअप पर एक ऐसे ग्रुप में जोड़ा गया, जहां प्रतिदिन स्टॉक मार्किंट से जुड़ी जानकारी डाली जाती थी. जिसमें बहुत से लोग अपने विचार रखते थे. इस जानकारी को बीच-बीच में वह भी पढ़ लिया करता था. ग्रुप में प्रोफेसर सिद्धार्थ नाम से एक व्यक्ति स्टॉक मार्किट से संबंधित प्रतिदिन की जानकारी देता था. कुछ दिन बाद उसे एक अन्य ग्रुप में जोड़ा गया और इसमें भी प्रतिदिन वही सारी जानकारी दी जाती.
5 गुणा और 10 गुणा रिटर्न का दिलाया भरोसा
शिकायतकर्ता के अनुसार कुछ दिन बाद कथित निवेशकों ने ग्रुप में एक ऐसी योजना चलाई, जिसमें 5 गुणा और कुछ समय बाद 10 गुणा रिटर्न का भरोसा दिलाया गया. यही नहीं ग्रुप में बाकायदा वीडियो भी शेयर किए गए, जिसमें विस्तृत जानकारी के साथ-साथ प्रो. सिद्धार्थ नाम के शख्स की प्रशंसा भी करते हुए दिखाया गया.
फिर ठगने का काम किया शुरू
इसके बाद शिकायतकर्ता को एक ऐप पर अकाउंट खोलने के साथ-साथ उसके लाभों के बारे में बताया गया. जिसका URL भी शिकायतकर्ता द्वारा पुलिस के साथ साझा किया गया है. इस अकाउंट पर शिकायतकर्ता ने अपना आधार कार्ड अपलोड करने के साथ-साथ पैन कार्ड नंबर भी डाल दिया. इसके बाद शिकायतकर्ता को व्हाट्सएप पर अकाउंट अप्रूव होने का मैसेज आया. संबंधित ग्रुप में अन्य लोग भी जुड़े थे और 10, 20 और यहां तक की 50 लाख तक का निवेश दिखाया जाता था, जिसमें लोग रिर्टन से बहुत खुश दिखाई देते थे. ग्रुप में कैसे पैसे जमा करवाएं, इसकी भी जानकारी दी जाती थी.
ठगों से प्रभावित होकर जमा करवाए लाखों रुपए
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि संबंधित ग्रुप में लोग लाखों रुपए के निवेश के मैसेज कर अकाउंट अपडेट करने के मैसेज किया करते थे. इसके चलते शिकायतकर्ता भी प्रभावित हो गया और उसने गत 2 मई 2024 को अपने उस खाते में 50,000 रुपए जमा किए, जो अकाउंट नंबर उसे व्हाट्सएप पर साझा किया गया था. इसके बाद इसी दिन उसने 3 लाख रुपए फिर से खाते में डाल दिए. फिर 6 मई को उसने 10,000 ठगों की दी गई ऐप से निकाले, जो उसके पीएनबी खाते में 2 से 3 घंटे में आ गए थे. इस पर उसे संबंधित लोगों पर और अधिक विश्वास हो गया, क्योंकि ठगों ने शिकायतकर्ता को भरोसा दिलाया था कि वह अपने पैसे कभी भी निकाल सकते हैं. इसके बाद ठगों ने तीन लोगों का ग्रुप बनाया, जिसमें शिकायतकर्ता के साथ प्रो. सिद्धार्थ व एक अन्य व्यक्ति शामिल था और बताया गया कि यहां पर उसे प्रो. सिद्धार्थ पर्सनली फाइनेंशियली एडवाइज करेंगे. इसके साथ-साथ शातिर शिकायतकर्ता को और निवेश करने के लिए मोटिवेट भी करते रहे.
पत्नी के साथ-साथ पिता से भी ली लाखों की राशि
शिकायतकर्ता विक्रम ने बताया कि वो ये सारी बातें अपनी पत्नी से भी साझा करता था. 8 मई को विक्रम ने साढ़े 4 लाख रुपए अपनी पत्नी के खाते से अपने पास मंगवाए और उनको और जो उसके खाते में थे, कुल मिलाकर 4.81 लाख रुपए व्हाट्सएप पर दिए गए खाता नंबर में जमा करवा दिए. लिंक पर भेजी गई ऐप पर उसे जमा कराई गई अपनी राशि पर काफी अच्छा रिटर्न दिखाई देता था, जिससे उसे उन पर पूरा विश्वास हो गया कि यह सही और बहुत अच्छा रिटर्न दिलाते हैं. ग्रुप पर अन्य सभी लोग भी यही कहते थे कि बहुत ही शानदार रिटर्न हैं, जो कहीं पर भी नहीं मिलता. यही नहीं ग्रुप में बाकायदा निवेश करने के स्क्रीन शॉट भी डालते थे और वह लगातार उसे भी निवेश करने के लिए प्रेरित करते थे.
लग्जरी लाइफ के दिखाए सपने
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि इसके बाद 14 मई को उसने अपनी पत्नी से दोबारा 55,000 रुपए अपने खाते में मंगवाए और अगले दिन 15 मई को व्हाट्सएप पर दिए गए खाता नंबर में जमा करवा दिए. इसके बाद शिकायतकर्ता ने व्हाट्सएप पर बार-बार प्रो. सिद्धार्थ सहित अन्य व्यक्ति से अपने पैसे निकालने के लिए बार-बार मैसेज किए, क्योंकि कमीशन व्हाट्सएप पर मैसेज के माध्यम से ही होता था. जब भी वह पैसे निकालने की बात करते, तो यह ठग शिकायतकर्ता को परिवार व लग्जरी लाइफ के लिए अधिक निवेश करने की सलाह देते. साथ ही कहा कि जून माह के मध्य वह अपना सारा पैसा निकाल सकते हैं, कुछ समय और निवेश करें. इस पर शिकायतकर्ता ने पैसे न होने के कारण और अधिक निवेश करने से साफ इंकार कर दिया.
इंटरेस्ट फ्री लोन का दिया झांसा
आगे निवेश के इनकार करने के बाद ठगों ने शिकायतकर्ता को कहा कि वह उसे 20 लाख रुपए बिना किसी इंटरेस्ट के 15 दिन के लिए लोन दे सकते हैं और इसमें से जो लाभ होगा, उसमें से पहले उनका लोन देकर फिर अपना पैसा निकाल सकते हैं, जिसके लिए शिकायतकर्ता तैयार हो गया. इसके लिए शर्तें भी तय की गई. ऐप पर कुल राशि को रिटर्न के साथ 1 करोड़ से अधिक दिखाया गया था. इसके बाद शिकायतकर्ता ने अपने पिता को शेयर बाजार में निवेश की बात बताई. जिसके बाद पिता ने उसके खाते में 28 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए. शिकायतकर्ता ने आरटीजीएस के जरिए से ये राशि भी दिए गए खाता नंबर में जमा करवा दी.
ऐसे हुआ ठगी का खुलासा
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि सारी राशि जमा करवाने के बाद जब वो 30 मई की शाम को घर पहुंचा, तो उसकी पत्नी ने यूट्यूब पर उसी ऐप का एक वीडियो दिखाया, जिसमें वह निवेश किया करते थे. वीडियो में दिखाया गया था कि ये एक स्केमर ऐप है, जिसने बहुत से लोगों को अपना शिकार बनाया है. इसके बाद शिकायतकर्ता ने जब बैंक जाकर उस खाते की जानकारी जुटाई, तो पता चला कि उस पर पहले ही किसी ने फ्रिज लगा दिया है. एक-दो दिन के बाद शिकायतकर्ता के मोबाइल पर ऐप भी चलनी बंद हो गई. इसके बाद उसने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करवाई.
धारा 420 के तहत मामला दर्ज
एसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा ने मामले की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में विक्रम सिंह की शिकायत पर सदर पुलिस थाना में आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है. उन्होंने लोगों से ऐसे ठगों से सावधान रहने की भी अपील की है.
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