जयपुर. राजस्थान के राजगढ़ (चूरू) स्थित ओपीजेएस यूनिवर्सिटी से जारी फर्जी डिग्रियों की जांच की आंच अब प्रदेश के बाहर भी फैल रही है. एसओजी की जांच में सामने आया था कि ओपीजेएस यूनिवर्सिटी से राजस्थान से बाहर भी कई प्रदेशों में फर्जी डिग्रियां बांटी गई थी. अब गुजरात की जेईएन भर्ती परीक्षा में भी बड़े पैमाने पर अभ्यर्थियों ने ओपीजेएस यूनिवर्सिटी की डिग्रियां पेश की गई हैं. ऐसे में अब गुजरात सरकार भी हरकत में आ गई है. इन डिग्रियों की सत्यापन की प्रक्रिया से पहले गुजरात सरकार ने राजस्थान एसओजी से संपर्क साधा है. एसओजी के सूत्रों का कहना है कि ओपीजेएस यूनिवर्सिटी की डिग्रियों को लेकर जानकारी मांगी गई है. गुजरात सरकार को पूरे मामले की जानकारी दी गई है.
ओपीजेएस यूनिवर्सिटी ने बांटी 43,409 डिग्रियां : एसओजी की पड़ताल में सामने आया था कि राजगढ़ (चूरू) स्थित ओपीजेएस यूनिवर्सिटी से राजस्थान के साथ ही कई अन्य प्रदेशों में 43,409 डिग्रियां बांटी गई थी. फर्जी डिग्रियां बांटने के आरोप में एसओजी ने यूनिवर्सिटी के संस्थापक जोगेंद्र सिंह सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. जबकि चार दलाल पहले गिरफ्तार किए गए थे. एसओजी ने डिग्रियों का रिकॉर्ड मांगा तो आग में जलने की बात कही गई थी.
प्रदेश के 95 लाइब्रेरियन एसओजी के राडार पर : एसओजी की जांच में यह भी सामने आया है कि राजस्थान में साल 2022 में हुई लाइब्रेरियन भर्ती में 95 अभ्यर्थियों ने ओपीजेएस यूनिवर्सिटी की डिग्री लगाई है. ये सभी अभ्यर्थी अब एसओजी के राडार पर हैं. एसओजी ने फर्जी डिग्री के मामले में सांचौर की एक स्कूल के लाइब्रेरियन को गिरफ्तार किया था. इसके बाद सामने आया कि बड़ी संख्या में ओपीजेएस यूनिवर्सिटी की डिग्रियां पेश की गई हैं. अब एसओजी ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है.