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मुजफ्फरपुर में सड़क निर्माण कंपनी से रंगदारी मांगने वाला मास्टरमाइंड गिरफ्तार, दिल्ली में वेबसाइट डेवलपर का करता था काम

Criminal Arrested For Extortion: मुजफ्फरपुर में कंस्ट्रक्शन कंपनी से रंगदारी मांगने वाले मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने घटना के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी दिल्ली में रहकर वेबसाइट डेवलपर का काम कर रहा था.

Criminal Arrested For Extortion
मुजफ्फरपुर में सड़क निर्माण कंपनी से रंगदारी मांगने वाला मास्टरमाइंड गिरफ्तार
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 4, 2024, 6:51 PM IST

मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर-हाजीपुर फोरलेन सड़क निर्माण कंपनी के बेस कैंप पर गोलीबारी करने और रंगदारी मांगने वाले मास्टरमाइंड को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मास्टरमाइंड दिल्ली में रहकर वेबसाइट डेवलपर का काम कर रहा था. पिछले 3 साल से पुलिस उसके तलाश में थी. इस घटना में शामिल 4 अपराधियों को पुलिस पहले ही पकड़कर जेल भेज चुकी है. गिरफ्तार आरोपी की पहचान पारू थाना के छपरा फतेहाबाद निवासी रौशन कुमार के रूप में हुई है. उसकी गिरफ्तारी तुर्की थाना के बाजीतपुर कोदरिया से की गई.

सिटी एसपी ने किया खुलासा: मिली जानकारी के अनुसार, सिटी एसपी अवधेश सरोज दीक्षित ने मामले का खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि 19 मई 2021 को तुर्की में काम करा रही निर्माण कंपनी के बेस कैंप पर गोलीबारी और रंगदारी मांगने की घटना घटी थी. इस घटना में रौशन कुमार फरार चल रहा था. इससे पूर्व 4 अपराधियों को जेल भेजा जा चुका है. कंपनी से रंगदारी के रूप में कुल निर्माण लागत का 2 प्रतिशत यानी 3 करोड़ रुपए मांगे गए थे.

फोन कर दी धमकी: बताते चले कि इसके बाद कंपनी के डायरेक्टर को फिर 23 व 27 मई को फोन कर धमकी दी गई थी. उन्हें कहा गया था कि रंगदारी की राशि शीघ्र नहीं मिली तो पूरे बेस कैंप को बम से उड़ा दिया जाएगा. पैसे नहीं मिलने पर 28 मई को सभी अपराधी बेस कैंप से कुछ ही दूरी पर दरियापुर कफेन में दर्शनिया मंदिर के पास जुटे थे. कैंप पर दोबारा हमले की साजिश रची जा रही थी. सूचना मिलने पर तत्कालीन एएसपी पश्चिमी सैयद इमरान मसूद ने छापेमारी कर 4 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया.

मृतक का मोबाइल चुराकर मांगी रंगदारी: बताया गया कि साहेबगंज के रजवाड़ा 44 नंबर पुल पर 21 फरवरी 2021 को ट्रक की ठोकर से बरूराज बिरहिमा टोले के मुकेश कुमार की मौत हो गई थी. उनके भाई जलेश यादव गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे. दुर्घटना के वक्त उधर से गुजर रहे शातिर अंशु के साथी मंदीप ने मुकेश का मोबाइल चुरा लिया था, उसी मोबाइल से कंस्ट्रक्शन कंपनी से रंगदारी मांगी गई थी.

"कंपनी के डायरेक्टर को फोन आने के बाद पुलिस ने उस नंबर को सर्विलांस पर रखा. डिटेल खंगालने पर वह पकड़ा गया. उसने पूछताछ में मोबाइल और सिम अंशु के पास होने की जानकारी दी है. अंशु का लोकेशन दरियापुर कफेन में मिला तो पुलिस टीम ने उसे साथियों के साथ दबोच लिया था." - अवधेश सरोज दीक्षित, सिटी एसपी

इसे भी पढ़े- Gaya Cime News: कंस्ट्रक्शन कंपनी का बेस कैंप फूंकने वाले तीन नक्सली गिरफ्तार

मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर-हाजीपुर फोरलेन सड़क निर्माण कंपनी के बेस कैंप पर गोलीबारी करने और रंगदारी मांगने वाले मास्टरमाइंड को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मास्टरमाइंड दिल्ली में रहकर वेबसाइट डेवलपर का काम कर रहा था. पिछले 3 साल से पुलिस उसके तलाश में थी. इस घटना में शामिल 4 अपराधियों को पुलिस पहले ही पकड़कर जेल भेज चुकी है. गिरफ्तार आरोपी की पहचान पारू थाना के छपरा फतेहाबाद निवासी रौशन कुमार के रूप में हुई है. उसकी गिरफ्तारी तुर्की थाना के बाजीतपुर कोदरिया से की गई.

सिटी एसपी ने किया खुलासा: मिली जानकारी के अनुसार, सिटी एसपी अवधेश सरोज दीक्षित ने मामले का खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि 19 मई 2021 को तुर्की में काम करा रही निर्माण कंपनी के बेस कैंप पर गोलीबारी और रंगदारी मांगने की घटना घटी थी. इस घटना में रौशन कुमार फरार चल रहा था. इससे पूर्व 4 अपराधियों को जेल भेजा जा चुका है. कंपनी से रंगदारी के रूप में कुल निर्माण लागत का 2 प्रतिशत यानी 3 करोड़ रुपए मांगे गए थे.

फोन कर दी धमकी: बताते चले कि इसके बाद कंपनी के डायरेक्टर को फिर 23 व 27 मई को फोन कर धमकी दी गई थी. उन्हें कहा गया था कि रंगदारी की राशि शीघ्र नहीं मिली तो पूरे बेस कैंप को बम से उड़ा दिया जाएगा. पैसे नहीं मिलने पर 28 मई को सभी अपराधी बेस कैंप से कुछ ही दूरी पर दरियापुर कफेन में दर्शनिया मंदिर के पास जुटे थे. कैंप पर दोबारा हमले की साजिश रची जा रही थी. सूचना मिलने पर तत्कालीन एएसपी पश्चिमी सैयद इमरान मसूद ने छापेमारी कर 4 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया.

मृतक का मोबाइल चुराकर मांगी रंगदारी: बताया गया कि साहेबगंज के रजवाड़ा 44 नंबर पुल पर 21 फरवरी 2021 को ट्रक की ठोकर से बरूराज बिरहिमा टोले के मुकेश कुमार की मौत हो गई थी. उनके भाई जलेश यादव गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे. दुर्घटना के वक्त उधर से गुजर रहे शातिर अंशु के साथी मंदीप ने मुकेश का मोबाइल चुरा लिया था, उसी मोबाइल से कंस्ट्रक्शन कंपनी से रंगदारी मांगी गई थी.

"कंपनी के डायरेक्टर को फोन आने के बाद पुलिस ने उस नंबर को सर्विलांस पर रखा. डिटेल खंगालने पर वह पकड़ा गया. उसने पूछताछ में मोबाइल और सिम अंशु के पास होने की जानकारी दी है. अंशु का लोकेशन दरियापुर कफेन में मिला तो पुलिस टीम ने उसे साथियों के साथ दबोच लिया था." - अवधेश सरोज दीक्षित, सिटी एसपी

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