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सेना के ये अत्याधुनिक हथियार आर्मी की मारक क्षमता को बनाते हैं बेमिसाल, दुश्मन सेना पर करते हैं जबरदस्त प्रहार - Indian Army Modern Weapons

लखनऊ में सेना के मारक और अत्याधुनिक हथियारों की प्रदर्शनी में इस बार मेक इन इंडिया पर पूरा फोकस है. भारत ने जो भी अस्त्र-शस्त्र भारतीय सेना के लिए निर्मित किए हैं, वह दुश्मन सेना को मिट्टी में मिलाने के लिए काफी हैं.

लखनऊ में सेना के मारक हथियारों की प्रदर्शनी.
लखनऊ में सेना के मारक हथियारों की प्रदर्शनी. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 3, 2024, 5:12 PM IST

Updated : Sep 3, 2024, 8:52 PM IST

लखनऊ में सेना के मारक हथियारों की प्रदर्शनी. (Video Credit; ETV Bharat)

लखनऊ: सेना के मारक और अत्याधुनिक हथियारों की प्रदर्शनी में इस बार मेक इन इंडिया पर पूरा फोकस है. भारत ने जो भी अस्त्र-शस्त्र भारतीय सेना के लिए निर्मित किए हैं, वह दुश्मन सेना को मिट्टी में मिलाने के लिए काफी हैं. दुश्मन देश के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए पर्याप्त हैं. सेना के इन अत्याधुनिक हथियारों के बारे में जानकारी के लिए पढ़िए "ईटीवी भारत" की खास रिपोर्ट.

देश में निर्मित युद्धपोतों में आईएनएस इम्फाल

सेना के जवान दिलशाद आलम INS इंफाल की खासियतों के बारे में बताते हैं. बताते हैं, आईएनएस इंफाल अपने साथ 250 सैनिक और 50 ऑफिसर्स ले जाने की क्षमता रखता है. यह अपने देश में ही निर्मित युद्धपोत है, जिसे मुंबई के मझगांव डॉक पर बनाया गया है. इस शिप का नाम सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान इंफाल की लड़ाई में हिस्सा लेने वाले सैनिकों के सम्मान में रखा गया है. आईएनएस इंफाल विशाखापट्टनम श्रेणी की परियोजना 15वीं इकाई के अंतर्गत था. आईएनएस इंफाल दुनिया में सबसे तकनीकी रूप से उन्नत निर्देशित मिसाइल विध्वंसक में से एक है. आईएनएस इंफाल चार प्रोजेक्ट 15 ब्रावो विशाखापट्टनम क्लास गाइडेड मिसाइल विध्वंसक में से तीसरा है.

लंबाई 163 मीटर और चौड़ाई 17 मीटर: बताते हैं कि 7400 टन के विस्थापन के साथ जहाज की लंबाई 163 मीटर और चौड़ाई 17 मीटर है. यह भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक है. चार शक्तिशाली गैस टरबाइन से यह संचालित होता है. 30 समुद्री मील से अधिक की स्पीड प्राप्त करने में सक्षम है. यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को भी लॉन्च करने में सक्षम है. यह अत्याधुनिक हथियारों और सेंसरों से लैस है, जिसमें सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल पनडुब्बी रोधी युद्ध रॉकेट लांचर, तारपीडो लांचर, एएसडब्ल्यू हेलीकॉप्टर, रडार, सोनार और इलेक्ट्रॉनिक वाॅरफेयर सिस्टम शामिल है. आईएनएस इंफाल में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को सुरक्षित करने व्यापार जहाज के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने और भारत के आर्थिक हितों की रक्षा करने में सहायता करता है.

एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव और एयरक्राफ्ट पी 8 i

यहां भारतीय नौसेना के एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव का भी मॉडल प्रदर्शित किया गया है. इसके बारे में नौसेना के जवान सत्यवीर सिंह बताते हैं कि यह भारत में निर्मित एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर है, जो तमाम खूबियों से लैस है. इसी प्रदर्शनी में अमेरिका में निर्मित एयरक्राफ्ट पी 8 i का भी मॉडल प्रदर्शित किया गया है. इंडियन नेवी का पी 8 i लंबी दूरी का सर्विलांस है. एयरक्राफ्ट पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान भी है. इसे अमेरिका की बोइंग कंपनी ने बनाया है. इंडियन नेवी के लिए बोइंग ने इस एयरक्राफ्ट में कुछ बदलाव किए थे. इसके अलावा इस प्रदर्शनी में मिग 29 K रूस निर्मित भी डिस्प्ले किया गया है. यह फाइटर एयरक्राफ्ट है.

सीकिंग 42 ब्रावो की खासियत

इसके अलावा सीकिंग 42 ब्रावो को भी इस प्रदर्शनी में शोकेस किया गया है. इस हेलीकॉप्टर में सुपर सर्चर रडार, डिपिंग सोनार, ध्वनिक प्रोसेसर जैसे सेंसर लगे होते हैं. इसमें दो रोल्स-रॉयस टर्बोफैन इंजन होते हैं. इसके अंदर mk.11 बम और माइंस भी होते हैं. इसकी परिचालन गति 112 नॉट्स यानी 208 किलोमीटर प्रति घंटा होती है. इसकी रेंज 664 समुद्री मील यानी 1230 किलोमीटर है. इसका अधिकतम पेलोड 8000 पाउंड यानी 3628 किलोग्राम है. 21 नवंबर 2023 को भारतीय नौसेना ने डीआरडीओ के साथ मिलकर सीकिंग 42 ब्रावो भी हेलीकाप्टर से पहली स्वदेशी रूप में विकसित नौसेना एंटी शिप मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण भी किया है.

सिल्का वेपन को देखते ही भाग लेता है दुश्मन का जहाज

आर्मी मैन नारायण शॉ बताते हैं कि सिलका का पूरा नाम ZSU_23 MM 4B सिलका वेपन सिस्टम है. यह रूस का बना हुआ है. इसमें रडार और गन दोनों सिस्टम लगा हुआ है. 20 किलोमीटर दूर से आए हुए किसी एयरक्राफ्ट या किसी ऑब्जेक्ट को ट्रैक करके नष्ट कर देता है. 7.70 किलोमीटर में ये ट्रैक कर लेता है. चार बैरल की मदद से 3400 राउंड प्रति मिनट बैरल की स्पीड से इसकी मारक क्षमता है. इसमें चार लोगों का क्रू होता है. यह 1.3 मीटर तक पानी में फ्लोटिंग करने की क्षमता रखता है और 30 डिग्री एंगल में चढ़ाई करने की क्षमता रखता है.

दुश्मन सेना पर वज्रपात कर देता है भारतीय सेना का वज्र

आर्मी मैन महंता दास K 9 वज्र की ताकत के बारे में बताते हैं कि यह मेक इन इंडिया है. इसमें आर्मर प्रोटेक्शन है. K9 वज्र एक स्व-चालित तोपखाना प्रणाली है. यह एक छोटी तोप है जो कम वेग पर उच्च प्रक्षेप पथ पर गोले दाग सकती है. K9 वज्र में 155 मिमी की तोप लगी है. यह 38 किलोमीटर तक निशाना लगा सकती है. यह 15 सेकंड के अंदर तीन गोले दाग सकती है. इसमें टैंकों की तरह ट्रैक लगे हुए हैं, जिससे यह किसी भी तरह के मैदान में चल सकती है. इसका इंजन इसे 67 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार देता है. इसमें 5 सैनिकों का क्रू होता है. इसमें सेमी-ऑटोमैटिक लोडिंग सिस्टम है. इसमें अत्याधुनिक डिजिटल फ़ायर कंट्रोल सिस्टम है. यह मल्टीपल राउंड सिमुल्टेनियस इम्पैक्ट (MRSI) जैसे जटिल मोड में भी काम कर सकती है. इस तोप को लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने दक्षिण कोरियाई रक्षा प्रमुख हनव्हा डिफ़ेंस से मिली प्रौद्योगिकी के आधार पर बनाया है.

सतह से हवा में पलक झपकते ही मार करती है आकाश मिसाइल

आर्मी मैन जयपाल सोलंकी आकाश मिसाइल के बारे में बताते हैं कि ये सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) प्रणाली है. इसे भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बनाया है. आकाश मिसाइल की रेंज 40 से 80 किलोमीटर है. इसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे मल्टी फ़ंक्शन राडार लगा है. यह एक साथ कई दुश्मन मिसाइलों या विमानों को स्कैन कर सकता है. इस मिसाइल को ग्रुप मोड या ऑटो मोड में इस्तेमाल किया जा सकता है. भारतीय वायुसेना ने ग्वालियर, जलपाईगुड़ी, तेजपुर, जोरहाट, और पुणे में इस मिसाइल को तैनात किया है. आकाश मिसाइल के कई एडवांस्ड वर्जन तैयार किए जा रहे हैं. आकाश मिसाइल में इलेक्ट्रॉनिक काउंटर-काउंटर उपाय (ECCM) की सुविधा है.आकाश मिसाइल को हवाई हमलों से कमज़ोर इलाकों और बिंदुओं की रक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में पलक झपकते 'मकड़ी' ने देश के दुश्मनों को किया ढेर, मिलिट्री के हैरतअंगेज कारनामे देख CM योगी भी रह गए हैरान - Lucknow Armed Forces Ceremony

लखनऊ में सेना के मारक हथियारों की प्रदर्शनी. (Video Credit; ETV Bharat)

लखनऊ: सेना के मारक और अत्याधुनिक हथियारों की प्रदर्शनी में इस बार मेक इन इंडिया पर पूरा फोकस है. भारत ने जो भी अस्त्र-शस्त्र भारतीय सेना के लिए निर्मित किए हैं, वह दुश्मन सेना को मिट्टी में मिलाने के लिए काफी हैं. दुश्मन देश के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए पर्याप्त हैं. सेना के इन अत्याधुनिक हथियारों के बारे में जानकारी के लिए पढ़िए "ईटीवी भारत" की खास रिपोर्ट.

देश में निर्मित युद्धपोतों में आईएनएस इम्फाल

सेना के जवान दिलशाद आलम INS इंफाल की खासियतों के बारे में बताते हैं. बताते हैं, आईएनएस इंफाल अपने साथ 250 सैनिक और 50 ऑफिसर्स ले जाने की क्षमता रखता है. यह अपने देश में ही निर्मित युद्धपोत है, जिसे मुंबई के मझगांव डॉक पर बनाया गया है. इस शिप का नाम सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान इंफाल की लड़ाई में हिस्सा लेने वाले सैनिकों के सम्मान में रखा गया है. आईएनएस इंफाल विशाखापट्टनम श्रेणी की परियोजना 15वीं इकाई के अंतर्गत था. आईएनएस इंफाल दुनिया में सबसे तकनीकी रूप से उन्नत निर्देशित मिसाइल विध्वंसक में से एक है. आईएनएस इंफाल चार प्रोजेक्ट 15 ब्रावो विशाखापट्टनम क्लास गाइडेड मिसाइल विध्वंसक में से तीसरा है.

लंबाई 163 मीटर और चौड़ाई 17 मीटर: बताते हैं कि 7400 टन के विस्थापन के साथ जहाज की लंबाई 163 मीटर और चौड़ाई 17 मीटर है. यह भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक है. चार शक्तिशाली गैस टरबाइन से यह संचालित होता है. 30 समुद्री मील से अधिक की स्पीड प्राप्त करने में सक्षम है. यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को भी लॉन्च करने में सक्षम है. यह अत्याधुनिक हथियारों और सेंसरों से लैस है, जिसमें सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल पनडुब्बी रोधी युद्ध रॉकेट लांचर, तारपीडो लांचर, एएसडब्ल्यू हेलीकॉप्टर, रडार, सोनार और इलेक्ट्रॉनिक वाॅरफेयर सिस्टम शामिल है. आईएनएस इंफाल में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को सुरक्षित करने व्यापार जहाज के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने और भारत के आर्थिक हितों की रक्षा करने में सहायता करता है.

एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव और एयरक्राफ्ट पी 8 i

यहां भारतीय नौसेना के एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव का भी मॉडल प्रदर्शित किया गया है. इसके बारे में नौसेना के जवान सत्यवीर सिंह बताते हैं कि यह भारत में निर्मित एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर है, जो तमाम खूबियों से लैस है. इसी प्रदर्शनी में अमेरिका में निर्मित एयरक्राफ्ट पी 8 i का भी मॉडल प्रदर्शित किया गया है. इंडियन नेवी का पी 8 i लंबी दूरी का सर्विलांस है. एयरक्राफ्ट पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान भी है. इसे अमेरिका की बोइंग कंपनी ने बनाया है. इंडियन नेवी के लिए बोइंग ने इस एयरक्राफ्ट में कुछ बदलाव किए थे. इसके अलावा इस प्रदर्शनी में मिग 29 K रूस निर्मित भी डिस्प्ले किया गया है. यह फाइटर एयरक्राफ्ट है.

सीकिंग 42 ब्रावो की खासियत

इसके अलावा सीकिंग 42 ब्रावो को भी इस प्रदर्शनी में शोकेस किया गया है. इस हेलीकॉप्टर में सुपर सर्चर रडार, डिपिंग सोनार, ध्वनिक प्रोसेसर जैसे सेंसर लगे होते हैं. इसमें दो रोल्स-रॉयस टर्बोफैन इंजन होते हैं. इसके अंदर mk.11 बम और माइंस भी होते हैं. इसकी परिचालन गति 112 नॉट्स यानी 208 किलोमीटर प्रति घंटा होती है. इसकी रेंज 664 समुद्री मील यानी 1230 किलोमीटर है. इसका अधिकतम पेलोड 8000 पाउंड यानी 3628 किलोग्राम है. 21 नवंबर 2023 को भारतीय नौसेना ने डीआरडीओ के साथ मिलकर सीकिंग 42 ब्रावो भी हेलीकाप्टर से पहली स्वदेशी रूप में विकसित नौसेना एंटी शिप मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण भी किया है.

सिल्का वेपन को देखते ही भाग लेता है दुश्मन का जहाज

आर्मी मैन नारायण शॉ बताते हैं कि सिलका का पूरा नाम ZSU_23 MM 4B सिलका वेपन सिस्टम है. यह रूस का बना हुआ है. इसमें रडार और गन दोनों सिस्टम लगा हुआ है. 20 किलोमीटर दूर से आए हुए किसी एयरक्राफ्ट या किसी ऑब्जेक्ट को ट्रैक करके नष्ट कर देता है. 7.70 किलोमीटर में ये ट्रैक कर लेता है. चार बैरल की मदद से 3400 राउंड प्रति मिनट बैरल की स्पीड से इसकी मारक क्षमता है. इसमें चार लोगों का क्रू होता है. यह 1.3 मीटर तक पानी में फ्लोटिंग करने की क्षमता रखता है और 30 डिग्री एंगल में चढ़ाई करने की क्षमता रखता है.

दुश्मन सेना पर वज्रपात कर देता है भारतीय सेना का वज्र

आर्मी मैन महंता दास K 9 वज्र की ताकत के बारे में बताते हैं कि यह मेक इन इंडिया है. इसमें आर्मर प्रोटेक्शन है. K9 वज्र एक स्व-चालित तोपखाना प्रणाली है. यह एक छोटी तोप है जो कम वेग पर उच्च प्रक्षेप पथ पर गोले दाग सकती है. K9 वज्र में 155 मिमी की तोप लगी है. यह 38 किलोमीटर तक निशाना लगा सकती है. यह 15 सेकंड के अंदर तीन गोले दाग सकती है. इसमें टैंकों की तरह ट्रैक लगे हुए हैं, जिससे यह किसी भी तरह के मैदान में चल सकती है. इसका इंजन इसे 67 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार देता है. इसमें 5 सैनिकों का क्रू होता है. इसमें सेमी-ऑटोमैटिक लोडिंग सिस्टम है. इसमें अत्याधुनिक डिजिटल फ़ायर कंट्रोल सिस्टम है. यह मल्टीपल राउंड सिमुल्टेनियस इम्पैक्ट (MRSI) जैसे जटिल मोड में भी काम कर सकती है. इस तोप को लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने दक्षिण कोरियाई रक्षा प्रमुख हनव्हा डिफ़ेंस से मिली प्रौद्योगिकी के आधार पर बनाया है.

सतह से हवा में पलक झपकते ही मार करती है आकाश मिसाइल

आर्मी मैन जयपाल सोलंकी आकाश मिसाइल के बारे में बताते हैं कि ये सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) प्रणाली है. इसे भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बनाया है. आकाश मिसाइल की रेंज 40 से 80 किलोमीटर है. इसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे मल्टी फ़ंक्शन राडार लगा है. यह एक साथ कई दुश्मन मिसाइलों या विमानों को स्कैन कर सकता है. इस मिसाइल को ग्रुप मोड या ऑटो मोड में इस्तेमाल किया जा सकता है. भारतीय वायुसेना ने ग्वालियर, जलपाईगुड़ी, तेजपुर, जोरहाट, और पुणे में इस मिसाइल को तैनात किया है. आकाश मिसाइल के कई एडवांस्ड वर्जन तैयार किए जा रहे हैं. आकाश मिसाइल में इलेक्ट्रॉनिक काउंटर-काउंटर उपाय (ECCM) की सुविधा है.आकाश मिसाइल को हवाई हमलों से कमज़ोर इलाकों और बिंदुओं की रक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में पलक झपकते 'मकड़ी' ने देश के दुश्मनों को किया ढेर, मिलिट्री के हैरतअंगेज कारनामे देख CM योगी भी रह गए हैरान - Lucknow Armed Forces Ceremony

Last Updated : Sep 3, 2024, 8:52 PM IST
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