देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बीजेपी ने हरिद्वार लोकसभा सीट से बतौर प्रत्याशी चुनावी दंगल में उतारा है. उनका मुकाबला कांग्रेस के वीरेंद्र रावत और निर्दलीय प्रत्याशी उमेश कुमार के बीच होगा. हालांकि, इसके अलावा अन्य प्रत्याशी भी मैदान में हैं, लेकिन हरिद्वार सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आ रहा है. लिहाजा, सियासत के इस शह और मात के खेल में उतरे प्रत्याशी लगातार जनता के दरवाजे पर पहुंच रहे हैं. साथ ही उन्हें वोट देने की अपील कर रहे हैं. इनमें एक प्रत्याशी त्रिवेंद्र रावत भी हैं. जिनसे तमाम मुद्दों को लेकर ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
7 साल बाद चुनावी मैदान में उतरे त्रिवेंद्र, बोले- चुनाव लड़ने से ज्यादा लड़वाने का अनुभव: पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत चुनावी मैदान में 7 साल बाद ताल ठोक रहे हैं. इस बात को लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि चुनाव लड़ने से ज्यादा लड़वाने का अनुभव है. वो अब तक सैकड़ों चुनाव लड़वा चुके हैं, लेकिन यह उनका लोकसभा का पहला चुनाव है. उनका कहना है कि ज्यादा अंतर विधानसभा और लोकसभा में नहीं होता है, लेकिन इस चुनाव में कार्यकर्ता की भूमिका ज्यादा हो जाती है.
क्योंकि, क्षेत्र बड़ा होने की वजह से उम्मीदवार हर जगह जाकर सभी मतदाताओं के पास नहीं पहुंच पाता. इसलिए कार्यकर्ता और पदाधिकारी ही जनता तक पहुंच कर पार्टी की विचारधारा को पहुंचाते हैं. उन्हें बेहद अच्छा लग रहा है कि 7 साल बाद वो चुनावी मैदान में हैं. हालांकि, वो मुख्यमंत्री रहने और मुख्यमंत्री न रहने के बाद भी जनता के बीच रहे हैं.
मेरी किसी से लड़ाई नहीं, वीरेंद्र रावत को देखा तक नहीं: हरिद्वार सीट पर त्रिवेंद्र रावत का मुकाबला भले ही कांग्रेस के उम्मीदवार वीरेंद्र रावत से हो, लेकिन हकीकत में यह चुनावी लड़ाई हरीश रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच नजर आ रहा है. इस बारे में जब त्रिवेंद्र सिंह रावत से पूछा गया तो उनका कहना था कि 'मैं अभी तक वीरेंद्र रावत से मिला नहीं हूं और ना ही जानता हूं. रही बात किसी से लड़ाई की तो मेरी व्यक्तिगत किसी से कोई लड़ाई नहीं है, यह चुनावी लड़ाई है.'
हालांकि, बात हरीश रावत की है तो उनके बेटे चूंकि हरिद्वार लोकसभा सीट से खड़े हैं. इसलिए एक उम्मीदवार के नाते उन्हीं से उनकी लड़ाई है. त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि इस बार का चुनाव विकास के नाम पर हो रहा है और हरिद्वार की जनता जिस तरह से उन्हें अपना समर्थन दे रही है, उसे देखकर साफ लगता है कि हरिद्वार में माहौल एक तरफा है.
महंगाई कोई मुद्दा नहीं, बीजेपी ने लगाया अंकुश: त्रिवेंद्र रावत से जब ये पूछा गया कि कांग्रेस लगातार हरिद्वार लोकसभा सीट पर महंगाई को मुद्दा बना रही है, इस पर त्रिवेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि महंगाई की अगर कांग्रेस बात कर रही है तो वो ये भूल रही है कि 20 सालों के समय में सबसे कम महंगाई मौजूदा समय में है.
साल 2014 के बाद से लेकर आज तक महंगाई पर बीजेपी सरकार ने अंकुश लगाया है. जबकि, कांग्रेस के शासनकाल में लोग महंगाई से त्रस्त थे और अगर बात हरिद्वार की जनता की हो रही है तो किसी तरह का कोई मुद्दा हरिद्वार लोकसभा सीट पर है ही नहीं. सभी केंद्र और राज्य सरकार के कामों को लेकर बेहद खुश हैं.
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से देश के लिए और उत्तराखंड के लिए काम किया है, उसको यहां की जनता बेहतर मान रही है. उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी हर किसी के लिए काम कर रहे हैं, भले ही वो महिला हो पुरुष हो या फिर बच्चा हो. हर तबके का व्यक्ति उनके काम से लाभान्वित हो रहा है.
हरिद्वार आने वाले लोगों के लिए करना है अहम काम: बीजेपी प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि हरिद्वार संसदीय क्षेत्र पर चूंकि यात्रियों की संख्या रोजाना लाखों में रहती है. इसलिए जो भी योजना हरिद्वार में बनेगी, वो यात्रियों को ध्यान में रखकर बनाई जाएगी. उनका कहना है कि वैसे तो हरिद्वार में केंद्र सरकार की तमाम योजनाएं चल रही हैं, जिसमें रिंग रोड, फ्लाईओवर और तमाम तरह के प्रोजेक्ट लाइन में है.
अगर वो सांसद बनते हैं तो उनकी प्राथमिकता यही रहेगी कि ढांचागत विकास हो और युवाओं के लिए क्या कुछ किया जा सकता है या फिर स्थानीय लोगों के लिए क्या कुछ किया जा सकता है? इस पर फोकस किया जाएगा. इसके अलावा श्रद्धालु अगर यहां आकर एक अच्छा अनुभव लेकर जाएं, इसको लेकर भी वो काम करेंगे.
शहर और ग्रामीण क्षेत्र करेंगे अलग-अलग काम: त्रिवेंद्र सिंह रावत से पूछा गया कि अगर वो सांसद बनते हैं तो हरिद्वार लोकसभा के लिए उनकी क्या प्राथमिकताएं रहेगी और क्या उनका मॉडल रहेगा? इस पर त्रिवेंद्र सिंह रावत कहते हैं हरिद्वार लोकसभा शहरी और ग्रामीण क्षेत्र से मिलकर बनी है. एक बड़ा क्षेत्र जहां शहरी इलाकों का है तो वहीं दूसरा बड़ा क्षेत्र ग्रामीण इलाकों का भी है. लिहाजा, उनकी कोशिश यही रहेगी कि दोनों के बीच समावेश विकास किया जाए. ऐसा न हो कि हरिद्वार शहर के लिए जो काम हो रहा है. इस काम को ग्रामीण क्षेत्र में करने की कोशिश की जाए.
दोनों की जरूरत अलग-अलग है और उनकी कोशिश रहेगी कि ग्रामीण क्षेत्र के लिए एक अलग से रोड मैप बने. शहरी क्षेत्र के लिए अलग से कोशिश किया जाएगा कि यात्रियों के लिए अच्छी पार्किंग, ठहरने की व्यवस्था की जाए. साथ ही गंगा घाट के अन्य वो हर सुविधा मुहैया कराई जाए, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुखद और सुगम हो.
इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार, बाढ़ से संबंधित काम किया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्रों में जो योजनाएं नहीं पहुंची है, उनको पहुंचाया जाएगा. त्रिवेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि हरिद्वार के लिए कई काम अभी भी हो रहे हैं. जिस तरह से एलिवेटेड रोड बन रही है, उससे अगर कोई व्यक्ति पौड़ी या कुमाऊं की तरफ जाना चाहता है तो उसे हरिद्वार शहर में दाखिल नहीं होना पड़ेगा. इससे काफी हद तक शहर का दबाव कम हो जाएगा.
जनता के हिसाब से बनेगी योजना: हरिद्वार शहर में से जिस तरह से पॉड टैक्सी लाने की योजना का विरोध हो रहा है, उस पर त्रिवेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि जो भी काम होगा, वो जन भावनाओं को ध्यान में रखकर होगा. ऐसा नहीं होगा कि जिस चीज का विरोध जनता कर रही है, उस योजना को वैसे ही शहर में लागू करना है. सभी की राय लेकर विकास के कामों को आगे बढ़ाया जाएगा. वहीं, कांग्रेस के चंदा लेने वाले सवाल पर त्रिवेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि उन्हें लगता है कांग्रेस काफी गरीब पार्टी है, अगर वो चंदा मांग रही है तो अच्छी बात है लोगों को उन्हें चंदा देना चाहिए.
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