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आधुनिकता के दौर में बिगड़ी कुलियों की स्थिति, जानिए वे कैसा सांसद चाहते हैं! - Lok Sabha election 2024

Coolies Demand include in Group D. लोकसभा चुनाव को लेकर लोगों में उत्साह है. वहीं कइयों के ऐसे मुद्दे हैं जिनका वो माकूल हल चाहते हैं और ऐसे नुमाइंदे की तलाश में हैं, जो उनके दुख दूर करे. एक ऐसा ही तबका है रेलवे स्टेशन पर बोझ उठाने वाले कुली का. इस रिपोर्ट से जानिए, कुली धनबाद से कैसा सांसद चाहते हैं.

Excitement among Coolies of Dhanbad Railway Station regarding Lok Sabha election 2024
जानिए, धनबाद लोकसभा सीट से कैसा सांसद चाहते हैं रेलवे स्टेशन पर बोझ उठाने वाले कुली
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 12, 2024, 11:39 AM IST

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः लोकसभा चुनाव पर कुलियों से बातचीत

धनबादः लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर धनबाद रेल मंडल की धनबाद जंक्शन के कुलियों में खासी उत्सुकता देखने को मिल रही है. उत्सुकता होना भी लाजिमी है क्योंकि यही वह समय है जब वे अपने लिए एक ऐसे प्रतिनिधि का चयन कर सकते हैं, जो उनके जीवन में आ रही कठिनाई और दुख को समझ सके. बात करें धनबाद जंक्शन के कुली की तो यहां के कुलियों की स्थिति पूर्व की अपेक्षा काफी दयनीय है. इसके पीछ मुख्य कारण है, रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण और आधुनिक सुविधाएं होना.

यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने कई स्टेशनों को आधुनिक बना दिया है. एस्केलेटर और लिफ्ट समेत कई तरह की यात्री सुविधाओं से स्टेशन को व्यवस्थित और सुसज्जित किया गया है. धनबाद रेलवे स्टेशन पर भी यात्रियों के लिए तमाम तरह की सुविधाएं मौजूद हैं. इसके अलावा वर्तमान में सुविधाजनक हर तरह के ट्रॉली बैग बाजार में उपलब्ध हैं. जिनका इस्तेमाल यात्रा के दौरान लोग अपनी सुविधा के अनुसार करते हैं.

यात्री वाहन से उतरने के बाद ट्रॉली लेकर स्टेशन पर लगी सुविधाओं का इस्तेमाल कर, बड़ी ही आसानी से प्लेटफार्म तक पहुंच जाते हैं. इस बीच कुली यात्रियों को एकटक भरी निगाहों से देखते रह जाते हैं. क्योंकि इसमें यात्री को बोझ उठाने की दरकार होती है और बोझ न लगने के कारण लोगों को कुली की दरकार भी नहीं पड़ती है. ईटीवी भारत की टीम ने धनबाद रेलवे स्टेशन के कुलियों के दर्द को समझने की कोशिश की. ईटीवी भारत से हुई बातचीत में उन्होंने अपने दर्द साझा किया है और अपनी मांगें बताईं.

उनका सांसद कैसा हो, इस सवाल के जवाब में कुली राकेश यादव ने कहा कि जैसे हमने पिछली बार उम्मीद जताई थी पर यहां के सांसद ने उनके ऊपर ध्यान नहीं दिया. एक फिर से लोकसभा चुनाव हो रहे हैं तो हम लोग ऐसा सांसद चाहते हैं, जो हमारी आवाज संसद में उठाए. राकेश यादव ने कहा कि आज हम सभी भुखमरी के कागार पर पहुंच गए हैं. स्टेशन में यात्री सुविधाओं और ट्रॉली बैग के कारण उनकी रोजी-रोटी पर आफत आ गई है.

वहीं कुली दिनेश यादव ने बताया कि स्टेशन में लगे एस्केलेटर और लिफ्ट ने स्टेशन को तो आधुनिक बना दिया पर इससे उनका रोजगार छीन गया. इसके साथ बाजार में बिकने वाले ट्रॉली बैग्स के कारण उन्हें कोई भी बोझ उठाने के लिए नहीं बुलाता. दिनेश यादव ने कुलियों को रेलवे के ग्रुप डी में शामिल करते की मांग करते हुए कहते हैं कि आधुनिक सुविधाओं की दौड़ में उनका गुजारा नहीं चल रहा है, उन्हें इस बात की चिंता है कि वो अपना परिवार कैसे चलाएंगे.

वहीं कुली संतोष कुमार ने भी कहा कि इस बार वह मतदान करने के लिए जरूर जाएंगे और अपने लिए एक बेहतर सांसद चुनेंगे, जो उन्हें ग्रुप डी में शामिल करा सकें. क्योंकि कुलियों की स्थिति काफी बदहाल है. कुली राजेंद्र ने बताया कि उनके बच्चों के लालन पालन में कठिनाई आ रही है. साल 2008 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने कुलियों को रेलवे के ग्रुप में डी में शामिल किया था. उन्होंने केंद्र में बनने वाली सरकार से कुलियों को ग्रुप डी में शामिल करने की मांग की है.

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ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः लोकसभा चुनाव पर कुलियों से बातचीत

धनबादः लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर धनबाद रेल मंडल की धनबाद जंक्शन के कुलियों में खासी उत्सुकता देखने को मिल रही है. उत्सुकता होना भी लाजिमी है क्योंकि यही वह समय है जब वे अपने लिए एक ऐसे प्रतिनिधि का चयन कर सकते हैं, जो उनके जीवन में आ रही कठिनाई और दुख को समझ सके. बात करें धनबाद जंक्शन के कुली की तो यहां के कुलियों की स्थिति पूर्व की अपेक्षा काफी दयनीय है. इसके पीछ मुख्य कारण है, रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण और आधुनिक सुविधाएं होना.

यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने कई स्टेशनों को आधुनिक बना दिया है. एस्केलेटर और लिफ्ट समेत कई तरह की यात्री सुविधाओं से स्टेशन को व्यवस्थित और सुसज्जित किया गया है. धनबाद रेलवे स्टेशन पर भी यात्रियों के लिए तमाम तरह की सुविधाएं मौजूद हैं. इसके अलावा वर्तमान में सुविधाजनक हर तरह के ट्रॉली बैग बाजार में उपलब्ध हैं. जिनका इस्तेमाल यात्रा के दौरान लोग अपनी सुविधा के अनुसार करते हैं.

यात्री वाहन से उतरने के बाद ट्रॉली लेकर स्टेशन पर लगी सुविधाओं का इस्तेमाल कर, बड़ी ही आसानी से प्लेटफार्म तक पहुंच जाते हैं. इस बीच कुली यात्रियों को एकटक भरी निगाहों से देखते रह जाते हैं. क्योंकि इसमें यात्री को बोझ उठाने की दरकार होती है और बोझ न लगने के कारण लोगों को कुली की दरकार भी नहीं पड़ती है. ईटीवी भारत की टीम ने धनबाद रेलवे स्टेशन के कुलियों के दर्द को समझने की कोशिश की. ईटीवी भारत से हुई बातचीत में उन्होंने अपने दर्द साझा किया है और अपनी मांगें बताईं.

उनका सांसद कैसा हो, इस सवाल के जवाब में कुली राकेश यादव ने कहा कि जैसे हमने पिछली बार उम्मीद जताई थी पर यहां के सांसद ने उनके ऊपर ध्यान नहीं दिया. एक फिर से लोकसभा चुनाव हो रहे हैं तो हम लोग ऐसा सांसद चाहते हैं, जो हमारी आवाज संसद में उठाए. राकेश यादव ने कहा कि आज हम सभी भुखमरी के कागार पर पहुंच गए हैं. स्टेशन में यात्री सुविधाओं और ट्रॉली बैग के कारण उनकी रोजी-रोटी पर आफत आ गई है.

वहीं कुली दिनेश यादव ने बताया कि स्टेशन में लगे एस्केलेटर और लिफ्ट ने स्टेशन को तो आधुनिक बना दिया पर इससे उनका रोजगार छीन गया. इसके साथ बाजार में बिकने वाले ट्रॉली बैग्स के कारण उन्हें कोई भी बोझ उठाने के लिए नहीं बुलाता. दिनेश यादव ने कुलियों को रेलवे के ग्रुप डी में शामिल करते की मांग करते हुए कहते हैं कि आधुनिक सुविधाओं की दौड़ में उनका गुजारा नहीं चल रहा है, उन्हें इस बात की चिंता है कि वो अपना परिवार कैसे चलाएंगे.

वहीं कुली संतोष कुमार ने भी कहा कि इस बार वह मतदान करने के लिए जरूर जाएंगे और अपने लिए एक बेहतर सांसद चुनेंगे, जो उन्हें ग्रुप डी में शामिल करा सकें. क्योंकि कुलियों की स्थिति काफी बदहाल है. कुली राजेंद्र ने बताया कि उनके बच्चों के लालन पालन में कठिनाई आ रही है. साल 2008 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने कुलियों को रेलवे के ग्रुप में डी में शामिल किया था. उन्होंने केंद्र में बनने वाली सरकार से कुलियों को ग्रुप डी में शामिल करने की मांग की है.

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