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सियासत की रपटीली राह पर निशा बांगरे धड़ाम, सरकार से लगाई गुहार, फिर बना दो डिप्टी कलेक्टर - Ex Deputy Collector Nisha Bangre

राजनीति की राहें बहुत रपटीली होती हैं. डिप्टी कलेक्टर जैसे पद की नौकरी छोड़कर सियासत में एंट्री करने वाली निशा बांगरे अब पश्चाताप कर रही हैं. निशा बांगरे का मन 3 माह में ही राजनीति से भर गया. अब वह फिर से नौकरी पाने के लिए परेशान हैं.

ex sdm Nisha Bangre
निशा बांगरे ने सरकार को लिखा पत्र फिर से नौकरी पाने की गुहार
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 10, 2024, 10:48 AM IST

Updated : Apr 10, 2024, 11:23 AM IST

भोपाल। राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते राज्य प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़ने वाली डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे फिर नौकरी में वापस आने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार से नौकरी में वापसी लाने की गुहार लगाई है. निशा बांगरे ने सामान्य प्रशासन विभाग को इस बारे में पत्र लिखा है. अभी तक विभाग ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है. निशा बांगरे ने बैतूल जिले की आमला विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरने के लिए नौकरी छोड़ दी थी. हालांकि कांग्रेस ने उन्हें इस सीट से मैदान में नहीं उतारा. बाद में निशा बांगरे ने लोकसभा टिकट की उम्मीद पाली लेकिन उसमें भी उन्हें निराशा हाथ लगी.

विधानसभा टिकट की उम्मीद में सुप्रीम कोर्ट तक लगाई दौड़

निशा बांगरे छतरपुर जिले के लवकुश नगर में एसडीएम पद पर थीं. उन्हें पूरी उम्मीद थी कि कांग्रेस बैतूल जिले की आमला विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित करेगी. आमला क्षेत्र में सरकारी नौकरी में रहते हुए उन्होंने अपने कामों से खूब सुर्खियां बटोरी थीं. इसी को भुनाने के लिए उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले इस्तीफा भेज दिया लेकिन सरकार ने इस्तीफा मंजूर नहीं किया. इसके बाद वह सरकार से सीधे टक्कर लेने के लिए खड़ी हो गईं. उन्होंने पहले हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने आमला से भोपाल तक सरकार के खिलाफ पदयात्रा भी की और आखिरकार कोर्ट के आदेश के बाद 23 अक्टूबर को सरकार ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया था.

न विधानसभा का टिकट मिला और न लोकसभा का

सरकार द्वारा उनका इस्तीफा मंजूर किए जाने के पहले ही कांग्रेस ने आमला विधानसभा सीट से मनोज माल्वे को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था. निशा बांगरे को उम्मीद थी कि कांग्रेस इस सीट से टिकट बदल देगी और इस उम्मीद में उन्होंने कमलनाथ के समक्ष कांग्रेस की सदस्यता भी ले ली. बाद में कमलनाथ के आश्वासन पर भी पार्टी से जुड़ गईं. उन्हें उम्मीद थी कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद उन्हें कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं बनी. बाद में लोकसभा में भी कांग्रेस ने उन्हें तवज्जो नहीं दी. कांग्रेस ने पिछले दिनों उन्हें प्रदेश प्रवक्ता बनाया लेकिन इससे बेहतर अब उन्होंने वापस नौकरी में आना ही बेहतर समझा.

Must Read Stories: निशा बांगरे से जुड़ी कुछ दिलचस्प खबरें जरुर पढ़ें

कांग्रेस नेत्री निशा बांगरे ने साधा निशाना - दलित व आदिवासी वर्ग को ग़ुलाम समझने वाली पार्टी है BJP

न खुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम...कमलनाथ का ऐलान- नहीं बदला जाएगा आमला का प्रत्याशी

कांग्रेस के 39 बागी नेता चुनाव मैदान में, पार्टी ने किया निष्कासित, निशा बांगरे को बनाया प्रदेश महामंत्री

निशा बांगरे ने कांग्रेस पर लगाया छलावा करने का आरोप

पूर्व एसडीएम से जब राजनीति से नौकरी में यू-टर्न लेने पर सवाल किया गया तो उन्होने कहा कि, "मुझे उम्मीद थी कि कांग्रेस उन्हें विधानसभा या फिर लोकसभा का टिकट जरुर देगी. कांग्रेस ने उन्हें टिकट देने का वादा भी किया था. हालांकि पार्टी ने अपने दोनों ही बातें पूरी नहीं की. इसलिए परिवार की इच्छा का ध्यान रखते हुए मैंने वापस नौकरी में आने के लिए सरकार को पत्र लिखा. हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है. उम्मीद है कि सरकार उनकी बात सुनेगी."

बीजेपी से क्या कोई ऑफर मिला है? इस सवाल के जवाब में निशा बांगरे ने कहा कि, "ना तो उन्हे ऐसा कोई ऑफर है और ना ही कोई उम्मीद. उनकी कोशिश है कि सरकार वापस उन्हे सेवा में वापस ले ले. इसके लिए उन्होने आवेदन इस साल की शुरुआत और जनवरी में ही कर दी थी."

भोपाल। राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते राज्य प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़ने वाली डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे फिर नौकरी में वापस आने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार से नौकरी में वापसी लाने की गुहार लगाई है. निशा बांगरे ने सामान्य प्रशासन विभाग को इस बारे में पत्र लिखा है. अभी तक विभाग ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है. निशा बांगरे ने बैतूल जिले की आमला विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरने के लिए नौकरी छोड़ दी थी. हालांकि कांग्रेस ने उन्हें इस सीट से मैदान में नहीं उतारा. बाद में निशा बांगरे ने लोकसभा टिकट की उम्मीद पाली लेकिन उसमें भी उन्हें निराशा हाथ लगी.

विधानसभा टिकट की उम्मीद में सुप्रीम कोर्ट तक लगाई दौड़

निशा बांगरे छतरपुर जिले के लवकुश नगर में एसडीएम पद पर थीं. उन्हें पूरी उम्मीद थी कि कांग्रेस बैतूल जिले की आमला विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित करेगी. आमला क्षेत्र में सरकारी नौकरी में रहते हुए उन्होंने अपने कामों से खूब सुर्खियां बटोरी थीं. इसी को भुनाने के लिए उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले इस्तीफा भेज दिया लेकिन सरकार ने इस्तीफा मंजूर नहीं किया. इसके बाद वह सरकार से सीधे टक्कर लेने के लिए खड़ी हो गईं. उन्होंने पहले हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने आमला से भोपाल तक सरकार के खिलाफ पदयात्रा भी की और आखिरकार कोर्ट के आदेश के बाद 23 अक्टूबर को सरकार ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया था.

न विधानसभा का टिकट मिला और न लोकसभा का

सरकार द्वारा उनका इस्तीफा मंजूर किए जाने के पहले ही कांग्रेस ने आमला विधानसभा सीट से मनोज माल्वे को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था. निशा बांगरे को उम्मीद थी कि कांग्रेस इस सीट से टिकट बदल देगी और इस उम्मीद में उन्होंने कमलनाथ के समक्ष कांग्रेस की सदस्यता भी ले ली. बाद में कमलनाथ के आश्वासन पर भी पार्टी से जुड़ गईं. उन्हें उम्मीद थी कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद उन्हें कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं बनी. बाद में लोकसभा में भी कांग्रेस ने उन्हें तवज्जो नहीं दी. कांग्रेस ने पिछले दिनों उन्हें प्रदेश प्रवक्ता बनाया लेकिन इससे बेहतर अब उन्होंने वापस नौकरी में आना ही बेहतर समझा.

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कांग्रेस नेत्री निशा बांगरे ने साधा निशाना - दलित व आदिवासी वर्ग को ग़ुलाम समझने वाली पार्टी है BJP

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निशा बांगरे ने कांग्रेस पर लगाया छलावा करने का आरोप

पूर्व एसडीएम से जब राजनीति से नौकरी में यू-टर्न लेने पर सवाल किया गया तो उन्होने कहा कि, "मुझे उम्मीद थी कि कांग्रेस उन्हें विधानसभा या फिर लोकसभा का टिकट जरुर देगी. कांग्रेस ने उन्हें टिकट देने का वादा भी किया था. हालांकि पार्टी ने अपने दोनों ही बातें पूरी नहीं की. इसलिए परिवार की इच्छा का ध्यान रखते हुए मैंने वापस नौकरी में आने के लिए सरकार को पत्र लिखा. हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है. उम्मीद है कि सरकार उनकी बात सुनेगी."

बीजेपी से क्या कोई ऑफर मिला है? इस सवाल के जवाब में निशा बांगरे ने कहा कि, "ना तो उन्हे ऐसा कोई ऑफर है और ना ही कोई उम्मीद. उनकी कोशिश है कि सरकार वापस उन्हे सेवा में वापस ले ले. इसके लिए उन्होने आवेदन इस साल की शुरुआत और जनवरी में ही कर दी थी."

Last Updated : Apr 10, 2024, 11:23 AM IST
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