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"देश में भ्रष्टाचार की वजह कांग्रेस, ED छापों में निकल रहे नोटों के पहाड़, भयंकर Corruption केस में मिले फांसी" - Shanta Kumar Slams Congress

Shanta Kumar Slams Congress On Corruption: पूर्व सीएम शांता कुमार ने देश में भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा देश में कांग्रेस नेताओं की लूट की वजह से भ्रष्टाचार बढ़ रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि भयंकर भ्रष्टाचार मामले में कानून में बदलाव करके फांसी की सजा दी जानी चाहिए.

Shanta Kumar Slams Congress On Corruption
Shanta Kumar Slams Congress On Corruption (FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 8, 2024, 9:50 PM IST

पालमपुर: हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम शांता कुमार ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, भारत में भ्रष्टाचार बढ़ने का सबसे बड़ा कारण कांग्रेस नेताओं की वो लूट है, जिसके कारण कई जगह ईडी के छापों के बाद नोटों के पहाड़ नजर आ रहे हैं और टीवी पर इन नोटों के पहाड़ों को देखकर भारत के करोड़ों लोग शर्म से मरे जा रहे हैं.

पूर्व सीएम शांता कुमार ने कहा, "देश की गरीबी और बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण बढ़ता भ्रष्टाचार है. एक व्यक्ति के हत्यारे को फांसी दी जाती है तो पूरे देश की व्यवस्था के हत्यारे को भी फांसी ही मिलनी चाहिए. भ्रष्टाचार भारत का सबसे बड़ा संकट है. भारत 180 देशों की सूची में पहले 85वां क्रमांक पर था, लेकिन इस बार 93वें नंबर पर चला गया है. यह संस्था विश्व के 180 देशों के भ्रष्टाचार के संबंध में हर साल एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट जारी करती है".

शांता कुमार ने कहा बंगाल में 25 हजार अध्यापक और कर्मचारी नियुक्ति में भयंकर भ्रष्टाचार हुआ. शिक्षा मंत्री पार्थ चाटर्जी के तीन ठिकानों से ₹80 करोड़ बरामद हुए. जिनके नोटों के ढेर भारत के करोड़ों लोग कई दिन तक देखते रहे. झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के दो ठिकानों से ₹35 करोड़ के नोटों के ढेर बरामद हुए हैं. झारखंड के ही कांग्रेस राज्यसभा सांसद धीरज साहू के घर से ₹400 करोड़ के नोट और गहने बरामद हुए थे.

पूर्व सीएम ने कहा कि बंगाल के उच्च न्यायालय ने 25 हजार नियुक्तियों को रद्द कर दिया और आदेश दिया था कि 8 महीनों तक नौकरी में रहने का वेतन वे सब वापिस करें. 25 हजार नियुक्त्यिों में सभी ने भ्रष्टाचार नहीं किया होगा. कई हजार ऐसे भी होगें जो योग्यता के कारण नियुक्त हुए होगें. उच्च न्यायालय के निर्णय से उन योग्य अध्यापकों के साथ भी अन्याय हो गया था. अब सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में इन सभी नियुक्तियों को रद्द करने के उच्च न्यायालय के निर्णय पर रोक लगा दी है. उच्च न्यायालय के इस निर्णय से ईमानदार अध्यापकों को तो न्याय मिल गया, लेकिन भ्रष्टाचार से नौकरी प्राप्त करने वालों को भी ईनाम मिल गया.

उन्होंने कहा कि इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय ने बड़ी महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. उसमें कहा है कि बंगाल के इन 25 हजार नियुक्तियों में जो भ्रष्टाचार हुआ है वह साधारण नहीं है. ऐसा भ्रष्टाचार भयंकर धोखाधड़ी है, इससे जनता का विश्वास उठ जाएगा. यदि व्यवस्था से जनता का विश्वास उठ गया तो कुछ नहीं बचेगा. वर्तमान कानून साधारण भ्रष्टाचार के लिए तो ठीक है, लेकिन भयंकर भ्रष्टाचार के लिए कानून बदलना चाहिए. भयंकर भ्रष्टाचार के लिए कानून में फांसी की सजा का प्रावधान होना चाहिए.

ये भी पढ़ें: "एक रिकॉर्ड पहले बना चुके हैं, इस बार सबसे ज्यादा वोट से हारकर दिल्ली लौटेंगे आनंद शर्मा"

पालमपुर: हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम शांता कुमार ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, भारत में भ्रष्टाचार बढ़ने का सबसे बड़ा कारण कांग्रेस नेताओं की वो लूट है, जिसके कारण कई जगह ईडी के छापों के बाद नोटों के पहाड़ नजर आ रहे हैं और टीवी पर इन नोटों के पहाड़ों को देखकर भारत के करोड़ों लोग शर्म से मरे जा रहे हैं.

पूर्व सीएम शांता कुमार ने कहा, "देश की गरीबी और बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण बढ़ता भ्रष्टाचार है. एक व्यक्ति के हत्यारे को फांसी दी जाती है तो पूरे देश की व्यवस्था के हत्यारे को भी फांसी ही मिलनी चाहिए. भ्रष्टाचार भारत का सबसे बड़ा संकट है. भारत 180 देशों की सूची में पहले 85वां क्रमांक पर था, लेकिन इस बार 93वें नंबर पर चला गया है. यह संस्था विश्व के 180 देशों के भ्रष्टाचार के संबंध में हर साल एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट जारी करती है".

शांता कुमार ने कहा बंगाल में 25 हजार अध्यापक और कर्मचारी नियुक्ति में भयंकर भ्रष्टाचार हुआ. शिक्षा मंत्री पार्थ चाटर्जी के तीन ठिकानों से ₹80 करोड़ बरामद हुए. जिनके नोटों के ढेर भारत के करोड़ों लोग कई दिन तक देखते रहे. झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के दो ठिकानों से ₹35 करोड़ के नोटों के ढेर बरामद हुए हैं. झारखंड के ही कांग्रेस राज्यसभा सांसद धीरज साहू के घर से ₹400 करोड़ के नोट और गहने बरामद हुए थे.

पूर्व सीएम ने कहा कि बंगाल के उच्च न्यायालय ने 25 हजार नियुक्तियों को रद्द कर दिया और आदेश दिया था कि 8 महीनों तक नौकरी में रहने का वेतन वे सब वापिस करें. 25 हजार नियुक्त्यिों में सभी ने भ्रष्टाचार नहीं किया होगा. कई हजार ऐसे भी होगें जो योग्यता के कारण नियुक्त हुए होगें. उच्च न्यायालय के निर्णय से उन योग्य अध्यापकों के साथ भी अन्याय हो गया था. अब सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में इन सभी नियुक्तियों को रद्द करने के उच्च न्यायालय के निर्णय पर रोक लगा दी है. उच्च न्यायालय के इस निर्णय से ईमानदार अध्यापकों को तो न्याय मिल गया, लेकिन भ्रष्टाचार से नौकरी प्राप्त करने वालों को भी ईनाम मिल गया.

उन्होंने कहा कि इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय ने बड़ी महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. उसमें कहा है कि बंगाल के इन 25 हजार नियुक्तियों में जो भ्रष्टाचार हुआ है वह साधारण नहीं है. ऐसा भ्रष्टाचार भयंकर धोखाधड़ी है, इससे जनता का विश्वास उठ जाएगा. यदि व्यवस्था से जनता का विश्वास उठ गया तो कुछ नहीं बचेगा. वर्तमान कानून साधारण भ्रष्टाचार के लिए तो ठीक है, लेकिन भयंकर भ्रष्टाचार के लिए कानून बदलना चाहिए. भयंकर भ्रष्टाचार के लिए कानून में फांसी की सजा का प्रावधान होना चाहिए.

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