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"कर्मचारियों को हड़काने के लिए मंत्री को किया आगे, खुद सवालों से भाग रहे हैं सीएम सुक्खू" - Jairam Thakur Slams CM Sukhu

EX CM Jairam Thakur targets CM Sukhu: सराज दौरे पर पहुंचे पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के बयान पर पलटवार किया. जयराम ने कहा सीएम सुक्खू का ये कहना कि वे राजनीतिक फायदे के लिए सरकारी खजाना लूटने नहीं देंगे, बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. सीएम सुक्खू ने कर्मचारियों को हड़काने के लिए मंत्री को आगे करके खुद सवालों से भाग रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर...

पूर्व सीएम जयराम ठाकुर
पूर्व सीएम जयराम ठाकुर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 23, 2024, 7:35 PM IST

सराज: मंडी दौरे पर सराज पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने सीएम सुक्खू के उस बयान को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बताया, जिसमें सीएम ने कहा था कि वे राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी खजाना लूटने नहीं देंगे. नेता प्रतिपक्ष ने इसे हास्यपद बताया.

पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा, "ये बहुत हास्यास्पद बात है कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि राजनीतिक लाभ के लिए वे सरकारी खजाने को लुटने नहीं देंगे. ऐसे में मैं पूछना चाहता हूं कि तो क्या हिमकेयर से इलाज और सहारा जैसी योजना को वह लूट मानते हैं? क्या गांव देहात के गरीब परिवारों को फ्री पानी पिलाने को भी वह लूट मानते हैं. पूरे देश को बिजली पैदा कर देने वाले राज्य में गरीब परिवारों के घर में बिना बिल के दो लट्टू जलाने को भी क्या लूट मानते हैं? माताओं बहनों को कहीं आने जाने के लिए किराए में छूट देना भी वे क्या लूट मानते हैं"

जयराम ठाकुर ने सीएम सुक्खू से सवाल किया कि क्या युवाओं को रोजगार देना लूट है. किसानों बागवानों को सब्सिडी देना भी लूट है. उनकी बातों से लगता है कि शायद उन्हें एक कल्याणकारी राज्य की परिभाषा ही मालूम नहीं है. क्या सरकार का काम सिर्फ जनता पर एक तरफा टैक्स थोपना है, जो पैसा टैक्स के रूप में जनता से सरकार एकत्रित करती है, उसे जनता पर खर्च क्या लूट है? अगर ऐसा है तो सीएम प्रदेश को यह भी बताएं कि आपकी सरकार में आपके अपने सलाहकारों की फौज क्यों तैनात है?

जयराम ने सीएम से पूछा कि गैर संवैधानिक तरीके से सीपीएस की नियुक्ति कर मंत्रियों के बराबर सुविधाएं क्यों दे रखी है? मित्रों को एडजेस्ट करने के लिए कैबिनेट रैंक रेवड़ियों की तरह क्यों बांटे जा रहे हैं? मंत्रियों और सीपीएस के आगे पीछे अनाधिकृत पुलिस की गाड़ियों का काफिला क्यों दौड़ा रहे हैं? क्यों मंत्रियों के लिए नए सचिवालय में कार्यालय पर लाखों रुपए अतिरिक्त खर्च करवाया गया. इन सवालों का उन्हें जवाब देना ही होगा.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज जब कर्मचारी अपने हकों के लिए आवाज उठा रहे हैं तो एक मंत्री को आगे कर मुख्यमंत्री छुप गए हैं. जब कर्मचारी नेताओं ने फिजूलखर्ची पर सवाल उठाए तो उनके मुंह में दही जम गया. एक मंत्री का कर्मचारियों को हड़काना और उन्हें दबाब डालने की कोशिश करना दुर्भाग्यपूर्ण है.

ये भी पढ़ें: कर्मचारियों का तंज, "मंत्री बनने लायक नहीं थे राजेश धर्माणी, सीएम सुक्खू को मजबूरी में कैबिनेट में लेना पड़ा"

ये भी पढ़ें: "धर्माणी 5 लाख कर्मचारी और पेंशनरों को दे रहे धमकी, क्या ये पाकिस्तान है, हम अपना DA-एरियर लेकर रहेंगे"

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पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा, "ये बहुत हास्यास्पद बात है कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि राजनीतिक लाभ के लिए वे सरकारी खजाने को लुटने नहीं देंगे. ऐसे में मैं पूछना चाहता हूं कि तो क्या हिमकेयर से इलाज और सहारा जैसी योजना को वह लूट मानते हैं? क्या गांव देहात के गरीब परिवारों को फ्री पानी पिलाने को भी वह लूट मानते हैं. पूरे देश को बिजली पैदा कर देने वाले राज्य में गरीब परिवारों के घर में बिना बिल के दो लट्टू जलाने को भी क्या लूट मानते हैं? माताओं बहनों को कहीं आने जाने के लिए किराए में छूट देना भी वे क्या लूट मानते हैं"

जयराम ठाकुर ने सीएम सुक्खू से सवाल किया कि क्या युवाओं को रोजगार देना लूट है. किसानों बागवानों को सब्सिडी देना भी लूट है. उनकी बातों से लगता है कि शायद उन्हें एक कल्याणकारी राज्य की परिभाषा ही मालूम नहीं है. क्या सरकार का काम सिर्फ जनता पर एक तरफा टैक्स थोपना है, जो पैसा टैक्स के रूप में जनता से सरकार एकत्रित करती है, उसे जनता पर खर्च क्या लूट है? अगर ऐसा है तो सीएम प्रदेश को यह भी बताएं कि आपकी सरकार में आपके अपने सलाहकारों की फौज क्यों तैनात है?

जयराम ने सीएम से पूछा कि गैर संवैधानिक तरीके से सीपीएस की नियुक्ति कर मंत्रियों के बराबर सुविधाएं क्यों दे रखी है? मित्रों को एडजेस्ट करने के लिए कैबिनेट रैंक रेवड़ियों की तरह क्यों बांटे जा रहे हैं? मंत्रियों और सीपीएस के आगे पीछे अनाधिकृत पुलिस की गाड़ियों का काफिला क्यों दौड़ा रहे हैं? क्यों मंत्रियों के लिए नए सचिवालय में कार्यालय पर लाखों रुपए अतिरिक्त खर्च करवाया गया. इन सवालों का उन्हें जवाब देना ही होगा.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज जब कर्मचारी अपने हकों के लिए आवाज उठा रहे हैं तो एक मंत्री को आगे कर मुख्यमंत्री छुप गए हैं. जब कर्मचारी नेताओं ने फिजूलखर्ची पर सवाल उठाए तो उनके मुंह में दही जम गया. एक मंत्री का कर्मचारियों को हड़काना और उन्हें दबाब डालने की कोशिश करना दुर्भाग्यपूर्ण है.

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