जयपुर. प्रदेश की भजनलाल सरकार अपने शासन का पहला बजट लेखानुदान के रूप में पेश करने जा रही है. इस बजट को बतौर वित्त मंत्री दीया कुमारी पेश करेंगी. लेखा अनुदान बजट को बुधवार को दीया कुमारी ने वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अखिल अरोड़ा और अन्य अधिकारियों के साथ शासन सचिवालय में अंतिम रूप दिया. इस मौके पर शासन सचिव वित्त (राजस्व) कृष्णा कांत पाठक, शासन सचिव वित्त (बजट) नरेश कुमार ठकराल और निदेशक (बजट) बृजेश शर्मा मौजूद रहे. भजनलाल सरकार के इस पहले बजट से आम और खास को खासा उम्मीदें हैं.
मिल सकती है सौगात : लेखानुदान बजट में वैसे तो सरकार अपने 3 महीने के खर्च के लिए अनुदान सदन में पेश करती है. इसके तीन महीने बाद पूर्ण बजट पेश होता है, लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पेश हो रहे इस अंतरिम बजट से भी कुछ राहत भरी घोषणा हो सकती है. हालांकि, अंतरिम बजट में बड़ी-बड़ी नई घोषणाएं करने की परंपरा नहीं है, लेकिन कोई संवैधानिक पाबंदी भी नहीं है. ऐसे में संभावना यह भी जताई जा रही है कि भले ही वित्त मंत्री दीया कुमारी नई योजनाओं की घोषणा इस बजट में न करें, लेकिन अपनी सरकार की कार्य योजना का रोड मैप जरूर पेश कर सकतीं हैं. यह माना जा रहा है कि दीया कुमारी विधानसभा में जो बजट पेश करेंगी उसमें युवाओं को देखते हुए नई भर्तियों की घोषणा हो सकती है. इसके साथ ही आम और खास से जुड़ा डीजल-पेट्रोल पर वैट कम करने की घोषणा हो सकती है या फिर इसकी समीक्षा को लेकर कमेटी बनाई जा सकती है. इसके साथ ही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर कई बड़ी घोषणाएं हो सकती है. इसके अलावा कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर बनी भ्रम की स्थिति को देखते हुए कोई घोषणा हो सकती है.
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उद्योग-व्यापार को राहत की उम्मीद : इस बजट से राजस्थान के उद्योग और व्यापार क्षेत्र को काफी उम्मीदें हैं. इस बजट में दीया कुमारी राजस्थान में औद्योगिक विकास के लिए सकारात्मक वातावरण बनाने वाले कुछ प्रावधानों की घोषणाएं कर सकतीं हैं. माना जा रहा है कि इस बजट में राजस्थान के औद्योगिक विकास और निवेश के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए वित्त मंत्री दीया कुमारी कुछ विशेष प्रावधानों की घोषणा कर सकतीं हैं. फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड यूनियन के प्रेसिडेंट सुरेश अग्रवाल ने कहा कि बजट से राजस्थान के उद्योग और व्यापार क्षेत्र की ओर से कुछ मांग है, जिसमें राजस्थान में सिंगल विंडो एक्ट पहले से बना हुआ है, लेकिन प्रभावशाली नहीं है. इसे प्रभावी बनाकर इसकी नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जाए. इसके साथ एमएसएमई को राजस्थान के औद्योगिक विकास की धुरी, लेकिन प्रदेश की एमएसएमई वर्तमान में कई चुनौतियों का सामना कर रही हैं. सरकार से उम्मीद है कि एमएसएमई प्रोत्साहन के लिए कुछ घोषणाएं इस बजट में करें.
वेयरहाउस भी उद्योगों का महत्वपूर्ण अंग: इसके अलावा राजस्थान देश के उन राज्यों में शामिल है, जिनमें उद्योगों के लिए बिजली सबसे ज्यादा महंगी है, इसलिए उद्योगों के लिए सस्ती बिजली उपलब्ध होनी चाहिए. जिन राज्यों में औद्योगिक विकास तेजी से हुआ है वहां औद्योगिक निवेश के लिए रियायती दरों पर जमीन उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन राजस्थान में इंडस्ट्रियल लैंड की कीमतें भी ज्यादा हैं, इसलिए राजस्थान में औद्योगिक क्षेत्र में जमीन की कीमत भी कम होनी चाहिए. ट्रांसपोर्टेशन उद्योग और व्यापार का प्रमुख अंग है तो राजस्थान में उद्योग और व्यापार से जुड़े लोग लंबे समय से पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने की मांग कर रहे हैं. दूसरे राज्यों की तुलना में राजस्थान में पेट्रोल डीजल पर वैट ज्यादा है, जो कम होना चाहिए. इसके साथ राजस्थान में वेयरहाउस को भी उद्योगों का दर्जा मिलना चाहिए, क्योंकि वेयरहाउस भी उद्योगों का महत्वपूर्ण अंग है.
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महिलाओं उद्यमियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम हो : फोर्टी वुमन विंग की जनरल सेक्रेटरी ललिता कुच्छल ने कहा कि वैसे तो ये अंतरिम बजट है, इसमें कुछ ज्यादा घोषणा होती नहीं है, लेकिन नई सरकार से उम्मीदें भी ज्यादा है. एक महिला वित्त मंत्री के तौर पर दीया कुमारी बजट पेश करेंगी तो महिलाओं को अपने लिए ज्यादा उम्मीदें होंगी. ललिता ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि बजट में महिलाओं उद्यमियों का ख्याल रखा जाए. कोरोना काल से घरेलू उद्योगों में वृद्धि हुई है, लेकिन जागरूकता की कमी के चलते आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं. फोर्टी वुमन विंग पिछली सरकार के समय से मांग करता आ रहा है कि महिलाओं के लिए अलग से सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया जाए, जहां पर स्टाफ भी महिला हो. इस जगह पर महिलाओं को सरकार की योजनाओं और उसे आगे बढ़ाने की पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाए. इसके साथ महिलाओं के लिए सरकार की ओर से जो योजना शुरू की गई है, उसमें कानूनी पेचीदगियां इतनी हैं कि जरूरतमंद महिला उसका लाभ नहीं ले पाती हैं. ऐसे में योजनाओं को धरातल पर उतरने के लिए सरलीकरण होना जरूरी है.
कर्मचारियों को उम्मीद : भजनलाल सरकार की ओर से लेखानुदान बजट से राज्य के कर्मचारी वर्ग को बड़ी उम्मीदें हैं. कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने भी इस बजट से राहत की उम्मीद जताई है. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश का कर्मचारी वर्ग पिछली सरकार के समय फिर से शुरू की गई, ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर उत्पन्न भ्रम की स्थिति में सरकार से स्पष्ट शब्दों में सकारात्मक आश्वासन की उम्मीद कर रहा है. आरजीएच में राज्य कर्मचारियों का भारी अनुदान जाता है, लेकिन इसमें सुविधाओं में लगातार कटौती की जा रही है, जिससे कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. लेखानुदान बजट से कर्मचारियों में सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ विस्तार देने की उम्मीद है. राठौड़ ने कहा कि कर्मचारी वर्ग पैरामेडिकल, फार्मासिस्ट और राजीव गांधी युवा मित्र, जनता दल योजना ठेका कर्मी एवं संविदा कर्मियों को RSLDC के माध्यम से नियमित करने का गजट नोटिफिकेशन जारी करने सहित वेतन विसंगति का निराकरण करना, साथ ही कर्मचारियों के स्थानांतरण को स्पष्ट पैमाने के अनुरूप संपादित करने की आशा इस बजट में कर रहा है.