ETV Bharat / state

Patna High Court : अगर किसी व्यक्ति की आय एक रुपया भी नहीं है, तो भी पत्नी को देना होगा गुजारा भत्ता - Patna High Court

Patna High Court अगर किसी व्यक्ति की आय एक रुपया भी नहीं है, तो भी उसे पत्नी को गुजारा भत्ता के रूप में चार हजार रुपया प्रति माह देना होगा. जस्टिस विवेक चौधरी ने धीरज कुमार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. पढ़ें, विस्तार से.

Patna High Court
Patna High Court
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 18, 2024, 10:03 PM IST

पटनाः पटना हाई कोर्ट ने अपने एक निर्णय में स्पष्ट किया है कि जिस व्यक्ति की आय एक रुपया भी नहीं है, उन्हें भी अपनी पत्नी को बतौर गुजारा भत्ता के रूप में चार हजार रुपया प्रति माह देना होगा. जस्टिस विवेक चौधरी ने धीरज कुमार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आवेदक को चार हजार रुपया प्रति माह देने का आदेश दिया.

आय का दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कियाः आवेदक की ओर से कोर्ट को बताया गया कि आवेदक को अपनी कोई आय नहीं है. वह कोलकाता में अपने पिता के गोलगप्पा बेचने के व्यवसाय में उनकी मदद करता है. इस व्यवसाय से 200 रुपया प्रति दिन की कमाई होती है. ऐसे में प्रति माह चार हजार रुपया देना संभव नहीं है. कोर्ट ने कहा कि केस के रिकॉर्ड देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि किसी भी पक्ष ने आय के समर्थन में कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है.

न्यूनतम मजदूरी को आधार बनायाः कोर्ट ने कहा कि किसी भी दस्तावेज के अभाव में यह माना जायेगा कि आवेदक एक दैनिक मजदूर के रूप में काम कर रहा है. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे व्यक्ति के लिए, जिसकी आय रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है और वह बेरोजगार होने का दावा करता है, उसके मासिक वेतन को न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के आधार पर काल्पनिक रूप से माना जाना चाहिए. राज्य में एक व्यक्ति को प्रति दिन न्यूनतम मजदूरी चार सौ रुपया तय है, इसलिए कोर्ट उसकी अनुमानित आय प्रति दिन चार सौ रुपया मानता है.

आवेदक की अर्जी खारिजः इस प्रकार आवेदक दिहाड़ी मजदूर के रूप में प्रति माह 12 हजार रुपया कमाता है. कोर्ट ने आवेदक को अपनी पत्नी को भरण-पोषण के रूप में आय का एक तिहाई हिस्सा देने के लिए बाध्य है. कोर्ट ने आय का एक तिहाई भाग भरण-पोषण भत्ते के रूप में चार हजार रुपया प्रति माह देने का आदेश देते हुए आवेदक के अर्जी को खारिज कर दिया.

इसे भी पढ़ेंः शिक्षकों की नियुक्ति के मामले पर सुनवाई, HC ने चार सप्ताह के भीतर जवाब दायर करने का दिया निर्देश

पटनाः पटना हाई कोर्ट ने अपने एक निर्णय में स्पष्ट किया है कि जिस व्यक्ति की आय एक रुपया भी नहीं है, उन्हें भी अपनी पत्नी को बतौर गुजारा भत्ता के रूप में चार हजार रुपया प्रति माह देना होगा. जस्टिस विवेक चौधरी ने धीरज कुमार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आवेदक को चार हजार रुपया प्रति माह देने का आदेश दिया.

आय का दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कियाः आवेदक की ओर से कोर्ट को बताया गया कि आवेदक को अपनी कोई आय नहीं है. वह कोलकाता में अपने पिता के गोलगप्पा बेचने के व्यवसाय में उनकी मदद करता है. इस व्यवसाय से 200 रुपया प्रति दिन की कमाई होती है. ऐसे में प्रति माह चार हजार रुपया देना संभव नहीं है. कोर्ट ने कहा कि केस के रिकॉर्ड देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि किसी भी पक्ष ने आय के समर्थन में कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है.

न्यूनतम मजदूरी को आधार बनायाः कोर्ट ने कहा कि किसी भी दस्तावेज के अभाव में यह माना जायेगा कि आवेदक एक दैनिक मजदूर के रूप में काम कर रहा है. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे व्यक्ति के लिए, जिसकी आय रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है और वह बेरोजगार होने का दावा करता है, उसके मासिक वेतन को न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के आधार पर काल्पनिक रूप से माना जाना चाहिए. राज्य में एक व्यक्ति को प्रति दिन न्यूनतम मजदूरी चार सौ रुपया तय है, इसलिए कोर्ट उसकी अनुमानित आय प्रति दिन चार सौ रुपया मानता है.

आवेदक की अर्जी खारिजः इस प्रकार आवेदक दिहाड़ी मजदूर के रूप में प्रति माह 12 हजार रुपया कमाता है. कोर्ट ने आवेदक को अपनी पत्नी को भरण-पोषण के रूप में आय का एक तिहाई हिस्सा देने के लिए बाध्य है. कोर्ट ने आय का एक तिहाई भाग भरण-पोषण भत्ते के रूप में चार हजार रुपया प्रति माह देने का आदेश देते हुए आवेदक के अर्जी को खारिज कर दिया.

इसे भी पढ़ेंः शिक्षकों की नियुक्ति के मामले पर सुनवाई, HC ने चार सप्ताह के भीतर जवाब दायर करने का दिया निर्देश

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.