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अफ्रीकन डेलिगेट्स ने सीखा सीवेज ट्रीटमेंट का तरीका, जायजा लेने आई है 12 सदस्यीय टीम - Ethiopian team in Varanasi

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 24, 2024, 9:24 PM IST

गंगा में गिरने वाले नालों को रोकने के लिए तैयार किए गए एसटीपी प्लांट की गुणवत्ता और क्रियान्वन को जानने के लिए बुधवार को अफ्रीकन देश इथियोपिया मेहमानों का दल वाराणसी पहुंचा.

अफ्रीकन डेलिगेट्स ने सीखा सीवेज ट्रीटमेंट का तरीका.
अफ्रीकन डेलिगेट्स ने सीखा सीवेज ट्रीटमेंट का तरीका. (Photo Credit; ETV Bharat)
अफ्रीकन डेलिगेट्स ने सीखा सीवेज ट्रीटमेंट का तरीका. (Video Credit; ETV Bharat)

वाराणसी: गंगा में गिरने वाले नालों को रोकने के लिए तैयार किए गए एसटीपी प्लांट की गुणवत्ता और क्रियान्वन को जानने के लिए बुधवार को अफ्रीकन देश इथियोपिया मेहमानों का दल वाराणसी पहुंचा. 50 एमएलडी रमना सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का इथियोपिया जल और ऊर्जा मंत्रालय की 12 सदस्यीय टीम ने भ्रमण किया. जहां उन्होंने सीवेज़ के शोधन के तरीके को बारीकी से जाना.

अफ्रीकी दल पिछले तीन दिनों से वाराणसी में है और प्लांट के वर्किंग को समझ रहा है. भ्रमण के बाद सभी डेलिगेट्स ने अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने इस पूरे योजना के बारे में बात की. जल निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर आशीष सिंह ने बताया कि यह दल वाराणसी में बने सभी ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण कर रहा है. वाराणसी के रमना, भगवानपुर में बने ट्रीटमेंट प्लांट में सीवेज़ कैसे ट्रीट किए जा रहे हैं. कैसे सीवेज़ को ट्रीट करते हैं, यह कैसे शुद्ध जल बनाते हैं और कितनी क्षमता है, इन सब की जानकारिया ले रहे हैं.

आशीष सिंह‌ ने बताया कि अफ्रीकी मेहमान हमारे देश में किस तरह से यह तकनीक काम करती है, उसके बारे में जानकारी ले रहे हैं. बताया कि अस्सी नालों के 50 एमएलडी सीवर को नगवां पंपिंग स्टेशन से रमना सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भेजा जा रहा है. वहीं बचे हुए 30 एमएलडी सीवर को उन्नत ऑक्सीकरण प्रक्रिया के द्वारा शोधित किया जा रहा है. इंजीनियर आशुतोष सिंह ने बताया कि अभी यह प्रक्रिया ट्रायल के रूप में शुरू हुई है. उन्नत ऑक्सीकरण प्रक्रिया के जल उपचार के क्षेत्र में कई फायदे हैं. इस नई तकनीक से अब खराब और गंदे पानी को भी पीने के लायक बनाया जा सकेगा.

यह भी पढ़ें : बनारस में अब बच्चे ले सकेंगे सौरमंडल का नजारा, विज्ञान के ज्ञान से करेंगे लाइव क्रिएशन - Science Park Varanasi

अफ्रीकन डेलिगेट्स ने सीखा सीवेज ट्रीटमेंट का तरीका. (Video Credit; ETV Bharat)

वाराणसी: गंगा में गिरने वाले नालों को रोकने के लिए तैयार किए गए एसटीपी प्लांट की गुणवत्ता और क्रियान्वन को जानने के लिए बुधवार को अफ्रीकन देश इथियोपिया मेहमानों का दल वाराणसी पहुंचा. 50 एमएलडी रमना सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का इथियोपिया जल और ऊर्जा मंत्रालय की 12 सदस्यीय टीम ने भ्रमण किया. जहां उन्होंने सीवेज़ के शोधन के तरीके को बारीकी से जाना.

अफ्रीकी दल पिछले तीन दिनों से वाराणसी में है और प्लांट के वर्किंग को समझ रहा है. भ्रमण के बाद सभी डेलिगेट्स ने अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने इस पूरे योजना के बारे में बात की. जल निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर आशीष सिंह ने बताया कि यह दल वाराणसी में बने सभी ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण कर रहा है. वाराणसी के रमना, भगवानपुर में बने ट्रीटमेंट प्लांट में सीवेज़ कैसे ट्रीट किए जा रहे हैं. कैसे सीवेज़ को ट्रीट करते हैं, यह कैसे शुद्ध जल बनाते हैं और कितनी क्षमता है, इन सब की जानकारिया ले रहे हैं.

आशीष सिंह‌ ने बताया कि अफ्रीकी मेहमान हमारे देश में किस तरह से यह तकनीक काम करती है, उसके बारे में जानकारी ले रहे हैं. बताया कि अस्सी नालों के 50 एमएलडी सीवर को नगवां पंपिंग स्टेशन से रमना सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भेजा जा रहा है. वहीं बचे हुए 30 एमएलडी सीवर को उन्नत ऑक्सीकरण प्रक्रिया के द्वारा शोधित किया जा रहा है. इंजीनियर आशुतोष सिंह ने बताया कि अभी यह प्रक्रिया ट्रायल के रूप में शुरू हुई है. उन्नत ऑक्सीकरण प्रक्रिया के जल उपचार के क्षेत्र में कई फायदे हैं. इस नई तकनीक से अब खराब और गंदे पानी को भी पीने के लायक बनाया जा सकेगा.

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