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दिग्ग्जों ने जयपुर में की पर्यावरण पर चर्चा, बोले- विकास टिकाउ होना चाहिए, हानिकारक नहीं - Environment Summit in Jaipur

जयपुर में शुक्रवार को कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री की ओर से एनवायरनमेंट समिट के 7वें संस्करण का आयोजन किया गया. इस समिट की थीम रोडमैप फॉर सस्टेनेबिलिटी,थिंक ग्रीन, एम्ब्रेस ग्रीन एंड सेव वॉटर' रखी गई.

Environment Summit in Jaipur
कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री की ओर से एनवायरनमेंट समिट (PHOTO ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 19, 2024, 5:00 PM IST

दिग्ग्जों ने जयपुर में की पर्यावरण पर चर्चा (VIDEO ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: राजस्थान सरकार के जलदाय विभाग एवं भूजल विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि सभी उद्योगों को वॉटर न्यूट्रल और आत्मनिर्भर बनाया जाना चाहिए. वहां वर्षा जल संचयन और वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स की व्यवस्था होनी चाहिए. ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित करने और अपनाने की आवश्यकता है, जो पानी के उपयोग को कम से कम करें. इन कदमों से यह सुनिश्चित होगा कि हमारे देश में हो रहा विकास टिकाउ हो और पर्यावरण के लिए हानिकारक न हो.

शर्मा शुक्रवार को कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री की ओर से एनवायरनमेंट समिट के 7वें संस्करण में अपना प्रजेंटेशन दे रहे थे. जापान और इजराइल जैसे देशों का उदाहरण देते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि जल प्रबंधन की व्यवस्था में सकारात्मक योगदान देने की जरूरत है. उन्होंने उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि वे राजस्थान राज्य में भूजल की भारी कमी को देखते हुए अपने घरों में भी जल आपूर्ति के दुरुपयोग और बर्बादी को रोकने का प्रयास करें. राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव विजय एन ने कहा कि सस्टेनेबिलिटी एक आदर्श स्थिति है, जिसके लिए समाज को प्रयास करने की जरूरत है. उन्होंने एक व्यापक और समग्र एप्रोच के माध्यम से सस्टेनेबिलिटी के तीन स्तंभों - आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया.

पढ़ें: व्हाट्सएप ग्रुप से 15 लाख किए इकट्ठा, पर्यावरण के लिए 1100 पौधे लगाने की पहल

कई मुद्दों पर हुई चर्चा: सीआईआई राजस्थान के पूर्व चेयरमैन अभिनव बांठिया ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य जागरूकता को बढ़ावा देना और सस्टेनेबिलिटी की दिशा में प्रेरित करना है. उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर सीआईआई के विजन 2030 के चार स्तंभों पर जोर दिया. इसमें कम कार्बन, सर्कुलर इकोनॉमी प्रैक्टिस, सहयोगात्मक प्रयास और संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना करना शामिल है. कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज के वरिष्ठ निदेशक एवं प्रमुख नितिन गुप्ता ने बताया कि इस कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई, जिसमें 'द रोल ऑफ पॉलिसी एंड रेगुलेशन इन ग्रीन रिवॉल्यूशन', 'हरित उद्योग बनाने में आरएसपीसीबी की भूमिका', 'कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (सीबीएएम)', 'कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग स्कीम', 'ग्रीन क्रेडिट मैकेनिज्म', 'वेस्ट टू हेल्थ', ग्रीनको रेटिंग्स आदि सहित कई अन्य महत्वपूर्ण विषय शामिल थे.

दिग्ग्जों ने जयपुर में की पर्यावरण पर चर्चा (VIDEO ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: राजस्थान सरकार के जलदाय विभाग एवं भूजल विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि सभी उद्योगों को वॉटर न्यूट्रल और आत्मनिर्भर बनाया जाना चाहिए. वहां वर्षा जल संचयन और वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स की व्यवस्था होनी चाहिए. ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित करने और अपनाने की आवश्यकता है, जो पानी के उपयोग को कम से कम करें. इन कदमों से यह सुनिश्चित होगा कि हमारे देश में हो रहा विकास टिकाउ हो और पर्यावरण के लिए हानिकारक न हो.

शर्मा शुक्रवार को कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री की ओर से एनवायरनमेंट समिट के 7वें संस्करण में अपना प्रजेंटेशन दे रहे थे. जापान और इजराइल जैसे देशों का उदाहरण देते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि जल प्रबंधन की व्यवस्था में सकारात्मक योगदान देने की जरूरत है. उन्होंने उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि वे राजस्थान राज्य में भूजल की भारी कमी को देखते हुए अपने घरों में भी जल आपूर्ति के दुरुपयोग और बर्बादी को रोकने का प्रयास करें. राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव विजय एन ने कहा कि सस्टेनेबिलिटी एक आदर्श स्थिति है, जिसके लिए समाज को प्रयास करने की जरूरत है. उन्होंने एक व्यापक और समग्र एप्रोच के माध्यम से सस्टेनेबिलिटी के तीन स्तंभों - आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया.

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कई मुद्दों पर हुई चर्चा: सीआईआई राजस्थान के पूर्व चेयरमैन अभिनव बांठिया ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य जागरूकता को बढ़ावा देना और सस्टेनेबिलिटी की दिशा में प्रेरित करना है. उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर सीआईआई के विजन 2030 के चार स्तंभों पर जोर दिया. इसमें कम कार्बन, सर्कुलर इकोनॉमी प्रैक्टिस, सहयोगात्मक प्रयास और संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना करना शामिल है. कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज के वरिष्ठ निदेशक एवं प्रमुख नितिन गुप्ता ने बताया कि इस कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई, जिसमें 'द रोल ऑफ पॉलिसी एंड रेगुलेशन इन ग्रीन रिवॉल्यूशन', 'हरित उद्योग बनाने में आरएसपीसीबी की भूमिका', 'कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (सीबीएएम)', 'कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग स्कीम', 'ग्रीन क्रेडिट मैकेनिज्म', 'वेस्ट टू हेल्थ', ग्रीनको रेटिंग्स आदि सहित कई अन्य महत्वपूर्ण विषय शामिल थे.

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