जयपुर: राजधानी जयपुर में वर्ष 2018 में जीका वायरस ने हाहाकार मचाया था. उस समय राजधानी जयपुर के शास्त्री नगर स्थित भट्टा बस्ती में बड़ी संख्या में इस वायरस से पीड़ित मरीज सामने आए थे. हालांकि, उस समय किसी भी व्यक्ति की मौत जीका वायरस के चलते नहीं हुई थी, लेकिन एक बार फिर इस वायरस ने चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा दिया है.
दरअसल, बीते दिन एक निजी अस्पताल में जयपुर के रहने वाले एक वृद्ध की मौत जीका वायरस से होने की आशंका जताई जा रही है. जयपुर के रहने वाले 66 वर्षीय राजेंद्र को करीब 5 दिन पहले जयपुर के इस अस्पताल में भर्ती किया गया था. प्राइवेट अस्पताल ने अपने स्तर पर जांच करवाई तो मरीज में जीका वायरस रिपोर्ट हुई और उसके बाद मरीज की मौत हो गई.
मामले को लेकर चिकित्सा विभाग जयपुर जोन के जॉइंट डायरेक्टर डॉक्टर नरोत्तम शर्मा का कहना है कि करीब 6 साल पहले जीका वायरस आउटब्रेक एक क्षेत्र में हुआ था. हालांकि, उस वायरस से किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई थी, लेकिन जयपुर के एक व्यक्ति को कुछ दिन पहले अस्पताल में भर्ती किया गया था और उसकी मौत हो गई है. आशंका है कि राजस्थान में जीका वायरस से मौत का यह पहला मामला है.
पुणे भेजा सैंपल : डॉक्टर नरोत्तम शर्मा का कहना है कि जिस मरीज की मौत हुई है उसे हाइपरटेंशन और अन्य बीमारियां भी थीं और फिलहाल निजी अस्पताल की रिपोर्ट के अनुसार
जीका वायरस की पुष्टि हुई है. ऐसे में राज्य सरकार की ओर से भी सैंपल नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे भेजे गए हैं, जिसकी रिपोर्ट के बाद ही जीका वायरस की पुष्टि हो सकेगी. डॉक्टर नरोत्तम शर्मा का कहना है कि जीका वायरस के लक्षण भी आम बुखार की तरह होते हैं, लेकिन गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा खतरा होता है.
आसपास के क्षेत्र में सर्वे : मृतक मरीज जिस क्षेत्र का रहने वाला था, चिकित्सा विभाग की टीम ने उस क्षेत्र में स्क्रीनिंग का काम शुरू कर दिया है. एंटी लार्वा एक्टिविटी शुरू कर दी गई है और यदि किसी व्यक्ति में लक्षण दिखाई देते थे तो उसे चिकित्सकिय परामर्श दिया जाएगा. फिलहाल, पूरी स्थिति नियंत्रण में है और टीम लगातार काम कर रही है. चिकित्सकों का कहना है कि जीका वायरस के लक्षण आसानी से दिखाई नहीं देते हैं.
जयपुर में हुआ था आउटब्रेक : वर्ष 2018 में राजधानी जयपुर के शास्त्री नगर भट्टा बस्ती इलाके में जीका वायरस के मामले बड़ी संख्या में देखने को मिले थे. जिसके बाद चिकित्सा विभाग गया था. उस दौरान तकरीबन 150 से अधिक पॉजिटिव केस जीका वायरस के सामने आए थे.