लखनऊ : जमीन के नाम पर सैकड़ों लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले प्रॉपर्टी डीलर योगेश तिवारी की 78 लाख की संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कुर्क कर ली. यह कार्रवाई इलाहाबाद जोनल कार्यालय की टीम ने प्रयागराज में की. वर्तमान में इन संपत्तियों की कीमत ढाई करोड़ रुपये है. ईडी के मुताबिक, कुर्क की गई संपत्तियों में झूसी में एक घर, जमीन और शहर में एक आवासीय भूखंड हैं. ये सभी योगेश तिवारी के नाम हैं.
ईडी के मुताबिक, योगेश तिवारी के खिलाफ वर्ष 2021 में प्रयागराज के झूसी थाने में प्रभाष चंद्र गुप्ता ने जालसाजी कर रुपये हड़पने की FIR दर्ज कराई थी. यह भी आरोप था कि योगेश तिवारी ने फर्जी दस्तावेजों से उनकी 5 संपत्तियों को अपने और साथियों के नाम करवा लिया था. पुलिस ने इस मामले में योगेश तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था.
प्रयागराज पुलिस की इस एफआईआर का ईडी ने भी संज्ञान लिया और योगेश तिवारी के खिलाफ जांच शुरू की थी. ईडी की जांच में सामने आया था कि योगेश खुद को बड़ा कारोबारी, प्रॉपर्टी डीलर बताता था. इसके बाद उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज किया गया था.
ईडी के मुताबिक, जालसाज योगेश लोगों को बड़े आईएएस और आईपीएस अफसरों से संपर्क होना बताकर अपने झांसे में लेता था. उन्हें कम समय में दोगुना-तीन गुना मुनाफा देने का लालच देकर करोड़ों जमा करवा लेता था. उसने कई लोगों की संपत्तियां भी अपने नाम करा ली. सबको धोखे में रखते हुए उन्हें बेच भी दिया. ईडी के मुताबिक उसकी और संपत्तियों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है.
योगेश तिवारी के खिलाफ प्रयागराज के झूसी, कैंट, फूलपुर, जार्जटाउन, दारागंज, कर्नलगंज, सिविल लाइंस समेत कई थाने में 90 एफआईआर दर्ज हैं. गिरफ्तारी से पहले 15 वर्ष तक लोगों को अधिक मुनाफे का लालच देकर ठगता रहा. योगेश ने ठगी की रकम से सोने, चांदी की दुकान खोली और फिर कई शराब दुकान का लाइसेंस लिया था. उसने ट्रांसपोर्ट का भी धंधा शुरू किया और 7 ट्रक खरीदे. योगेश के खिलाफ चेक बाउंस के 45 मुकदमे हैं.
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