कोटा: ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर राज्य सरकार की उपलब्धियां के संबंध में गुरुवार को कोटा में मीडिया से मुखातिब हुए. इस दौरान बारां जिले के शाहबाद में लगने वाले पंप स्टोरेज प्लांट के संबंध में उन्होंने कहा कि यह प्लांट आज के राजस्थान की जरूरत है. छत्तीसगढ़ में जहां पर कोयला खनन राजस्थान सरकार कर रही है, वहां पर घना जंगल है. जंगल माइनिंग के लिए काटा भी जा रहा है. वहीं वहां इतना घना जंगल लगा दिया गया है कि लोग जा नहीं सकते हैं. इसी इच्छा शक्ति के साथ हम शाहबाद में भी काम करने वाले हैं.
उन्होंने यह भी दावा किया कि इस 400 हेक्टेयर जगह पर पेड़ काटे जाएंगे, लेकिन उतने ही पेड़ शाहबाद में उस जगह पर लगाएंगे. नागर ने कहा कि इस जगह से प्रस्तावित चीता कॉरिडोर 45 किलोमीटर की दूरी पर है. प्लांट के संबंध में उन्होंने यह भी कहा कि जो भी कमी इस बारे में होगी, उन सबको पूरा किया जाएगा. मंत्री ने कहा कि शाहाबाद इलाके में ही 60000 हेक्टेयर से ज्यादा एरिया पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है. इस पर वन विभाग ध्यान नहीं दे रहा है. इस दौरान जिला अध्यक्ष राकेश जैन, संभागीय मीडिया संयोजक अरविंद सिसोदिया और जिला उपाध्यक्ष रितेश चित्तौड़ा मौजूद रहे.
कांग्रेस ने झूठे वादे कर वोट लिए: कांग्रेस आरोप लगा रही है कि भाजपा सरकार की क्रेडिबिलिटी नहीं है. ट्रांसफर और राजनीतिक नियुक्तियों के ऑर्डर होने के बाद वापस निरस्त हो रहे हैं. इस सवाल के जवाब में मंत्री नागर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जनता से किया एक भी वादा पूरा नहीं किया है. वोट की खातिर जनता से झूठे वादे किए. हमारी सरकार इसे पूरी तरह अलग है. कोई आर्डर हो जाता है, जिसमें खामी रह जाती है तो उसे वापस ले लिया जाता है. यह कोई इतना बड़ा लेकुना नहीं है. कांग्रेस सरकार में पेपर लीक हुए थे और भाजपा के सरकार ने इस पूरी लीकेज को दुरुस्त करने का काम किया है.
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प्लांट को 90 फीसदी क्षमता तक चल रहे: ऊर्जा मंत्री नागर ने कहा कि कांग्रेस शासन में ऊर्जा जनरेशन पर ध्यान नहीं था. केवल उधार की बिजली लेकर लोगों के घरों को रोशन कर रहे थे. उस उधार को हमें चुकाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे समय जहां प्लांट लोड फैक्टर 90 फीसदी तक पहुंच गया है, कांग्रेस शासन में 65 फीसदी तक ही था. सूरतगढ़ में 660 मेगावाट का प्लांट केवल 350 मेगावाट बिजली उत्पादन कर रहा था, इस प्लांट को स्थापित करने वाली कंपनी भेल को नोटिस देकर कार्रवाई की है. जबकि कांग्रेस शासन में ऐसा कुछ नहीं हुआ. अब वही यूनिट 690 मेगावाट तक उत्पादन कर चुकी है.
बिजली उत्पादन क्षमता डिमांड से डेढ़ गुणा करने की योजना: ऊर्जा मंत्री नागर ने कहा कि हम राजस्थान के ऊर्जा उत्पादन को एक्सट्रीम लेवल पर ले जाना चाहते हैं. पूरे देश में कहीं भी इतना ऊर्जा सेक्टर में काम नहीं होगा, जितना राजस्थान में आने वाले 5 सालों में होने वाला है. पिछली गर्मी में राजस्थान में 19000 मेगावाट तक बिजली की डिमांड रही थी, लेकिन हम जिस स्तर पर काम कर रहे हैं, राजस्थान में 32000 मेगावाट क्षमता तक बिजली उत्पादन की बढ़ा रहे हैं. जबकि कांग्रेस शासन में कोयले की कमी और भ्रष्टाचार ही ऊर्जा विभाग में हुआ है. अब हम थर्मल, डीएसपी व बैट्री स्टोरेज से लेकर हर काम कर रहे हैं. रिसरजेंट राजस्थान में भी सबसे ज्यादा एमओयू ऊर्जा विभाग के होंगे. यह 5 लाख करोड़ के पार हो गए हैं.
बिजली उत्पादन का खर्च कम कर रहे, ताकि फ्यूल सरचार्ज नहीं बढ़े: हमने राजस्थान में बिजली खरीद में भी 18 पैसे की बचत की है. पिछली सरकार में अशोक गहलोत के जादू के चलते मार्च से नवंबर के बीच में बिजली उधार लेकर किसानों को दी. इस उधार की बिजली को अप्रैल और मई में चुकाया गया, जिस समय लोगों को ज्यादा जरूरत थी. कटौती मजबूरी बन गई. हम बिजली उत्पादन का खर्च कम कर रहे हैं, जिससे कि फ्यूल सरचार्ज में बढ़ोतरी नहीं हो. हमारा लक्ष्य है कि लोगों को 24 घंटे और अच्छी बिजली दी जाए, जिसमें ट्रिपिंग नहीं हो. हमने किसानों से वादा किया है कि साल 2027 तक दिन में बिजली उन्हें देना शुरू कर देंगे. इस पर जोर-जोर से कम कर रहे हैं, छीजत रोकने के लिए किसने के लिए नजदीक सोलर लग रहे हैं और उनके पास ही जीएसएस बना रहे हैं.