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यूपी में बिजली का होगा निजीकरण, विधानसभा में ऊर्जा मंत्री ने किया स्पष्ट, सपा ने किया वाकआउट - UP ASSEMBLY WINTER SESSION

विधानसभा सत्र के दूसरे दिन ऊर्जा मंत्री ने सपा के सवालों का दिया जवाब, कहा-लाइन लॉस अधिक होने के कारण कई क्षेत्रों में होगा निजीकरण

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यूपी विधानसभा में अपनी बात रखते ऊर्जा मंत्री एके शर्मा. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 17, 2024, 6:37 PM IST

लखनऊ: शीतकालनी सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने सदन में यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों के लाख विरोध के बावजूद बिजली वितरण का निजीकरण जरूर किया जाएगा. नुकसान वाले क्षेत्रों में निजीकरण जरूर किया जाएगा. लाइन लॉस बहुत अधिक होने की वजह से यह निर्णय लिया गया है. सदन में ऊर्जा मंत्री के इस बयान को सुनते ही समाजवादी पार्टी के विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया.

सपा सरकार में बिजली के तारों पर बच्चे झूलते थे झूलाः समाजवादी पार्टी ने बजट पर चर्चा होने के बाद इस संबंध में सवाल किया था कि क्या बिजली वितरण का निजीकरण किया जाएगा. जिस पर ऊर्जा मंत्री ने स्पष्ट किया कि लाइन लॉस बहुत अधिक होने की वजह से कई क्षेत्रों में निजीकरण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 'मैं सबसे कम दिल्ली जाने वाले नेताओं में से हूं. हम जो भी करते हैं प्रधानमंत्री के आशीर्वाद और मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन और नेतृत्व में करते हैं. उन्होंने कहा कि आपके समय में बिजली का आना एक न्यूज बनती थी और वर्तमान सरकार में बिजली का जाना एक न्यूज़ बनती है. सपा सरकार में कब बिजली आती थी और कब जाती थी पता ही नहीं चलता था. उस समय बच्चे बिजली के तार से झूला झूलते थे और महिलाएं कपड़ें सुखाती थीं, क्योंकि भरोसा होता था कि बिजली नहीं आएगी'. ऊर्जा मंत्री के तेवर से नाराज समाजवादी पार्टी के विधायकों ने इसके बाद सदन छोड़ दिया.

विधानसभा में सपा के सवालों के जवाब देते ऊर्जा मंत्री. (Video Credit; UP Government)

45 जिलों में निजीकरण करने की कोशिशः उत्तर प्रदेश के 45 जिलों में सरकार निजीकरण करने का प्रयास कर रही. इस आशय का प्रस्ताव होने के बाद सरकार ने पूरे राज्य में एस्मा भी लगा दिया है. जिसके जरिए सभी सरकारी विभागों में किसी भी तरह की हड़ताल पर रोक लगा दी गई है. दूसरी ओर बिजली कर्मचारियों की यूनियन अन्य विभागों के कर्मचारियों के साथ मिलकर पूरे प्रदेश में जोरदार आंदोलन छेड़ चुके हैं.जिसका रूप बड़ा होता जा रहा है. एस्मा लागू किए जाने के बाद में यह शंका और बड़ी हो गई है कि जल्द ही निजीकरण हो जाएगा.

पिछले कार्यकाल में भी आया था प्रस्तावः उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार के दौरान जब श्रीकांत शर्मा उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री थे, उस समय भी यह प्रस्ताव आया था. तब खुद ऊर्जा मंत्री ही इसके खिलाफ खड़े हुए थे और मीटिंग में शामिल होने से इनकार कर दिया था. आखिरकार यह प्रस्ताव वापस ले लिया गया था. दूसरी सरकार में एक बार फिर से यह प्रस्ताव लाया गया है. इससे पहले आगरा और नोएडा में निजी कंपनी बिजली वितरण का काम कर रही हैं. जिसकी तर्ज पर सरकार नुकसान वाले इलाकों में निजी कंपनी को काम देना चाहती है.

इसे भी पढ़ें-यूपी विधानसभा शीतकालीन सत्र; सीएम योगी ने संसद में फिलिस्तीन लिखा बैग ले जाने पर प्रियंका गांधी वाड्रा पर बोला हमला, विधानसभा कल तक के लिए स्थगित

लखनऊ: शीतकालनी सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने सदन में यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों के लाख विरोध के बावजूद बिजली वितरण का निजीकरण जरूर किया जाएगा. नुकसान वाले क्षेत्रों में निजीकरण जरूर किया जाएगा. लाइन लॉस बहुत अधिक होने की वजह से यह निर्णय लिया गया है. सदन में ऊर्जा मंत्री के इस बयान को सुनते ही समाजवादी पार्टी के विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया.

सपा सरकार में बिजली के तारों पर बच्चे झूलते थे झूलाः समाजवादी पार्टी ने बजट पर चर्चा होने के बाद इस संबंध में सवाल किया था कि क्या बिजली वितरण का निजीकरण किया जाएगा. जिस पर ऊर्जा मंत्री ने स्पष्ट किया कि लाइन लॉस बहुत अधिक होने की वजह से कई क्षेत्रों में निजीकरण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 'मैं सबसे कम दिल्ली जाने वाले नेताओं में से हूं. हम जो भी करते हैं प्रधानमंत्री के आशीर्वाद और मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन और नेतृत्व में करते हैं. उन्होंने कहा कि आपके समय में बिजली का आना एक न्यूज बनती थी और वर्तमान सरकार में बिजली का जाना एक न्यूज़ बनती है. सपा सरकार में कब बिजली आती थी और कब जाती थी पता ही नहीं चलता था. उस समय बच्चे बिजली के तार से झूला झूलते थे और महिलाएं कपड़ें सुखाती थीं, क्योंकि भरोसा होता था कि बिजली नहीं आएगी'. ऊर्जा मंत्री के तेवर से नाराज समाजवादी पार्टी के विधायकों ने इसके बाद सदन छोड़ दिया.

विधानसभा में सपा के सवालों के जवाब देते ऊर्जा मंत्री. (Video Credit; UP Government)

45 जिलों में निजीकरण करने की कोशिशः उत्तर प्रदेश के 45 जिलों में सरकार निजीकरण करने का प्रयास कर रही. इस आशय का प्रस्ताव होने के बाद सरकार ने पूरे राज्य में एस्मा भी लगा दिया है. जिसके जरिए सभी सरकारी विभागों में किसी भी तरह की हड़ताल पर रोक लगा दी गई है. दूसरी ओर बिजली कर्मचारियों की यूनियन अन्य विभागों के कर्मचारियों के साथ मिलकर पूरे प्रदेश में जोरदार आंदोलन छेड़ चुके हैं.जिसका रूप बड़ा होता जा रहा है. एस्मा लागू किए जाने के बाद में यह शंका और बड़ी हो गई है कि जल्द ही निजीकरण हो जाएगा.

पिछले कार्यकाल में भी आया था प्रस्तावः उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार के दौरान जब श्रीकांत शर्मा उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री थे, उस समय भी यह प्रस्ताव आया था. तब खुद ऊर्जा मंत्री ही इसके खिलाफ खड़े हुए थे और मीटिंग में शामिल होने से इनकार कर दिया था. आखिरकार यह प्रस्ताव वापस ले लिया गया था. दूसरी सरकार में एक बार फिर से यह प्रस्ताव लाया गया है. इससे पहले आगरा और नोएडा में निजी कंपनी बिजली वितरण का काम कर रही हैं. जिसकी तर्ज पर सरकार नुकसान वाले इलाकों में निजी कंपनी को काम देना चाहती है.

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