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बिरसा जैविक उद्यान में एक और मौत, विलुप्तप्राय बाइसन की गई जान, हिप्पो हमले में घायल केयरटेकर की मौत - Bison died in Birsa Biological Park

Bison died in Birsa Biological Park. रांची के बिरसा जैविक उद्यान में एक और जानवर की मौत हो गई है. इस बार एक लुप्तप्राय बाइसन की मौत हुई है. जानवरों की लगातार हो रही मौतों से पूरा सिस्टम सवालों के घेरे में है.

Bison died in Birsa Biological Park
ईटीवी भारत ग्राफिक्स इमेज (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 28, 2024, 7:27 AM IST

रांची: बिरसा जैविक उद्यान में 24 घंटे के भीतर एक और जानवर की मौत हो गई है. इस बार भारतीय गौर जिसे बोलचाल की भाषा में बाइसन कहा जाता है, उसकी मौत हुई है. इस जानवर को शेड्यूल वन कैटिगरी में रखा गया है. यह विलुप्तप्राय जानवरों के श्रेणी में आता है. झारखंड में सिर्फ बेतला टाइगर रिजर्व क्षेत्र में कुछ भारतीय गौर बचे हुए हैं.

अतिरिक्त प्रभार में चल रहे चिड़ियाघर के निदेशक जब्बार सिंह ने बताया कि बाइसन ने जीवनकाल पूरा कर लिया था. चिड़ियाघर में सबसे ज्यादा उम्र का बाइसन था. ऐसे में जानवरों की मौत होना लाजिमी है. उन्होंने कहा कि सारे प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कर डेडबॉडी को दफनाया गया है. हिप्पो के हमले से घायल केयर टेकर संतोष महतो की 28 जुलाई की सुबह हुई मौत पर उन्होंने कहा कि इस घटना से प्रबंधन सदमे में है. उन्होंने कहा कि प्रबंधन की टीम मेदांता अस्पताल पहुंची है. जो नियम संगत सहयोग है, वो किया जाएगा.


तेंदुआ की भी हुई मौत

आपको बता दें कि ओरमांझी स्थित बिरसा जैविक उद्यान में 25 जुलाई की देर रात रानी नाम की मादा तेंदुआ की मौत हो गई थी. तब चिड़ियाघर के डॉक्टर ओ.पी. साहू ने बताया था कि उसने खाना कम कर दिया था. उसे इंफेक्शन था, उसकी उम्र भी हो गई थी. फिर भी उसे बचाने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली.

हिप्पोपोटामस ने किया था केयरटेकर पर हमला

खास बात है कि मादा तेंदुआ की मौत के 24 घंटा पहले चिड़ियाघर में ही एक मादा हिप्पोपोटामस ने संतोष कुमार महतो नाम के केयरटेकर पर हमला बोल दिया था. संतोष का इलाज मेदांता अस्पताल में चल रहा था, 28 जुलाई को उसकी मौत हो गई. हालांकि वन विभाग के अधिकारी बार-बार कह रहे थे कि उसकी हालत खतरे से बाहर है.

दरअसल, हिप्पो ने एक बच्चे को जन्म दिया है. बाड़ में दूसरे हिप्पो के आक्रामक रुख को देखते हुए बिना सुरक्षा तैयारी के मादा हिप्पो और उसके नवजात को शिफ्ट करने के लिए केयरटेकर संतोष को बाड़ में भेज दिया गया था. इसी दौरान मादा हिप्पो ने उस पर हमला बोल दिया.

सवालों के घेरे में प्रबंधन

बिरसा जैविक उद्यान में लगातार हो रही इन घटनाओं से वहां का प्रबंधन सवालों के घेरे में है. खास बात है कि इतने बड़े चिड़ियाघर की देखरेख अतिरिक्त प्रभार वाले निदेशक के हाथों में है. उनका नाम जब्बार सिंह है. इससे पहले जून माह में ही इसी चिड़ियाघर में बाघिन के चार शावकों की मौत हुई थी. उससे पहले एक एशियाटिक लायन की मौत हुई थी. आश्चर्य की बात है कि इतना कुछ होने के बाद भी पूरा सिस्टम मौन है. विलुप्तप्राय बाइसन की मौत और उसको डिस्पोज करने के लिए प्रोटोकॉल के बाबत पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ एन.के. सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि फाइल देखकर ही इस पर कोई जवाब दे पाएंगे.

यह भी पढ़ें:

रांची के बिरसा जैविक उद्यान में बाघिन के चार नवजात शावकों की मौत, जिम्मेवार कौन? - Four tigress cubs died in Ranchi

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रांची: बिरसा जैविक उद्यान में 24 घंटे के भीतर एक और जानवर की मौत हो गई है. इस बार भारतीय गौर जिसे बोलचाल की भाषा में बाइसन कहा जाता है, उसकी मौत हुई है. इस जानवर को शेड्यूल वन कैटिगरी में रखा गया है. यह विलुप्तप्राय जानवरों के श्रेणी में आता है. झारखंड में सिर्फ बेतला टाइगर रिजर्व क्षेत्र में कुछ भारतीय गौर बचे हुए हैं.

अतिरिक्त प्रभार में चल रहे चिड़ियाघर के निदेशक जब्बार सिंह ने बताया कि बाइसन ने जीवनकाल पूरा कर लिया था. चिड़ियाघर में सबसे ज्यादा उम्र का बाइसन था. ऐसे में जानवरों की मौत होना लाजिमी है. उन्होंने कहा कि सारे प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कर डेडबॉडी को दफनाया गया है. हिप्पो के हमले से घायल केयर टेकर संतोष महतो की 28 जुलाई की सुबह हुई मौत पर उन्होंने कहा कि इस घटना से प्रबंधन सदमे में है. उन्होंने कहा कि प्रबंधन की टीम मेदांता अस्पताल पहुंची है. जो नियम संगत सहयोग है, वो किया जाएगा.


तेंदुआ की भी हुई मौत

आपको बता दें कि ओरमांझी स्थित बिरसा जैविक उद्यान में 25 जुलाई की देर रात रानी नाम की मादा तेंदुआ की मौत हो गई थी. तब चिड़ियाघर के डॉक्टर ओ.पी. साहू ने बताया था कि उसने खाना कम कर दिया था. उसे इंफेक्शन था, उसकी उम्र भी हो गई थी. फिर भी उसे बचाने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली.

हिप्पोपोटामस ने किया था केयरटेकर पर हमला

खास बात है कि मादा तेंदुआ की मौत के 24 घंटा पहले चिड़ियाघर में ही एक मादा हिप्पोपोटामस ने संतोष कुमार महतो नाम के केयरटेकर पर हमला बोल दिया था. संतोष का इलाज मेदांता अस्पताल में चल रहा था, 28 जुलाई को उसकी मौत हो गई. हालांकि वन विभाग के अधिकारी बार-बार कह रहे थे कि उसकी हालत खतरे से बाहर है.

दरअसल, हिप्पो ने एक बच्चे को जन्म दिया है. बाड़ में दूसरे हिप्पो के आक्रामक रुख को देखते हुए बिना सुरक्षा तैयारी के मादा हिप्पो और उसके नवजात को शिफ्ट करने के लिए केयरटेकर संतोष को बाड़ में भेज दिया गया था. इसी दौरान मादा हिप्पो ने उस पर हमला बोल दिया.

सवालों के घेरे में प्रबंधन

बिरसा जैविक उद्यान में लगातार हो रही इन घटनाओं से वहां का प्रबंधन सवालों के घेरे में है. खास बात है कि इतने बड़े चिड़ियाघर की देखरेख अतिरिक्त प्रभार वाले निदेशक के हाथों में है. उनका नाम जब्बार सिंह है. इससे पहले जून माह में ही इसी चिड़ियाघर में बाघिन के चार शावकों की मौत हुई थी. उससे पहले एक एशियाटिक लायन की मौत हुई थी. आश्चर्य की बात है कि इतना कुछ होने के बाद भी पूरा सिस्टम मौन है. विलुप्तप्राय बाइसन की मौत और उसको डिस्पोज करने के लिए प्रोटोकॉल के बाबत पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ एन.के. सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि फाइल देखकर ही इस पर कोई जवाब दे पाएंगे.

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