अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया है. इसी बीच शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने कहा कि पिछले कई वर्षों से वह अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी मांगों की अनदेखी कर रहा है.
विश्वविद्यालय प्रशासन पर अनदेखी का आरोप: शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जीवन चंद्र मठपाल ने कहा कि मांगों के संबंध में कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन से वार्ता की गई, जिसमें उनसे कहा गया कि पिछले 24 वर्षों से अनेक संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं, उन्हें नियमित किया जाए. वहीं, परिसरों में कर्मचारियों की कमी है, जिनके लिए भर्ती की जाए सहित 9 सूत्रीय मांगे रखी हुई हैं, उनमें से तीन मांगों पर तो कार्य हुआ है, लेकिन हमारी मुख्य मांगों में कोई भी कार्रवाई पिछले कई वर्षों से नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि अभी उन्होंने केवल दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया है. अगर उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वह पूर्ण कार्य बहिष्कार करेंगे.
ये है कर्मचारियों की मांग: विश्वविद्यालय में ही पीएलए खोले जाने की व्यवस्ता करने, संविदा, दैनिक वेतन भोगी और एमटीएस कार्मिकों को न्यायालय आदेशों के अनुपालन में कार्य परिषद की बैठक में समायोजन की कार्यवाही करने, सभी कार्मिकों को पटल परिवर्तन, स्थानांतरण किए जाने की मांग (ताकि पदनाम के सापेक्ष कार्य मिलने से कार्यों की गुणवत्ता में वृद्धि के साथ-साथ पारदर्शिता आ सके) शामिल है. साथ ही कुमाऊं विश्वविद्यालय की भांति वित्त समिति द्वारा पारित नियमित कार्मिकों के लिए प्रतिवर्ष अतिरिक्त 5 हजार रुपए प्रति कर्मचारी और संविधा व दैनिक कर्मचारियों को 2500 रुपए प्रति कर्मचारी देने समेत अल्मोड़ा विश्वविद्यालय के बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत परिसर के लिए कार्मिकों की भर्ती करने की मांग शामिल है.
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