देहरादून: अल्मोड़ा बिनसर वन्य जीव अभ्यारण से दुखद खबर सामने आई है. यहां जंगल में आग लगने के बाद बुझाने का प्रयास करते हुए 4 वनकर्मियों की जान चली गई है. इतना ही नहीं चार वनकर्मी अभी आग से झुलसने के बाद गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं. घटना के सामने आते ही जहां मामले को लेकर हर कोई हैरानी जता रहा है, वही वनकर्मियों में आक्रोश भी फैलता हुआ दिखाई दे रहा है. स्थिति यह है कि फॉरेस्टर कर्मचारी संगठन ने प्रकरण पर सीधे सरकार को आड़े हाथ लेते हुए अल्टीमेटम दे दिया है.
सहायक वन कर्मचारी संघ ने खोला मोर्चा: सहायक वन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष स्वरूप चंद रमोला ने घटना पर दुख जताते हुए सरकार और वन विभाग को आड़े हाथोx लिया. प्रदेश अध्यक्ष का कहना था कि पिछले लंबे समय से संघ ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले कर्मचारियों को मुआवजा राशि बढ़ाकर देने की मांग कर रहा है, मगर ना तो सरकार और ना ही विभाग इसे गंभीरता से ले रहा है. ऐसे में यदि इस पर फौरन सरकार निर्णय नहीं लेती है तो मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा. इसके अलावा वन मंत्री के घर का भी कर्मचारी घेराव करेंगे. PCCF हॉफ के कार्यालय को भी घेरेंगे.
वनाग्नि मामले में सीएम धामी ने किया 10 लाख मुआवजे का ऐलान: अल्मोड़ा बिनसर वन्य जीव अभ्यारण में शाम करीब 5:30 बजे जंगल में आग लगने के बाद कर्मचारियों द्वारा इसे बुझाये जाने के दौरान हताहत होने की खबर सामने आई थी. जानकारी मिली कि चार कर्मचारी आग बुझाने के दौरान अपनी जान गंवा बैठे. चार कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हुए. इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 10 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की.
कर्मचारियों ने की 15 लाख मुआवजा की मांग: खास बात यह है कि कर्मचारी संगठन ने अब इस घटना के बाद सरकार द्वारा कर्मचारियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए सड़क पर उतरने का फैसला कर लिया है. कर्मचारियों का आरोप है कि ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं. घटनाएं होने के दौरान सरकार गंभीर होने की बात कहती है, लेकिन कुछ दिनों में ही ऐसी घटनाओं को भुला दिया जाता है. कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी 15 लाख का मुआवजा देने की बात पर सहमति जताई थी, लेकिन आज तक इस पर कोई आदेश नहीं हुआ. अब अगर इस मामले में फौरन आदेश नहीं किया गया तो कर्मचारी सड़क पर उतरकर विरोध करने को मजबूर होंगे.