कोडरमा: विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कोडरमा तेजी से रिन्यूएबल एनर्जी की ओर अग्रसर हो रहा है. इसी दिशा में कोडरमा थर्मल पावर प्लांट में 6 मेगावाट क्षमता वाले फ्लोटिंग प्लांट का निर्माण किया जा रहा है.
कोडरमा थर्मल पावर प्लांट में स्थापित सोलर प्लांट से 10 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है, जबकि प्लांट के रिजर्वायर में 6 मेगावाट क्षमता वाले फ्लोटिंग पावर प्लांट का निर्माण किया जा रहा है. इसके अलावा तिलैया डैम में 155 मेगावाट के फ्लोटिंग पावर प्लांट के लिए निर्माण एजेंसी को जिम्मेदारी दी गई है.
केटीपीएस के एचओपी मनोज ठाकुर ने बताया कि रिन्यूएबल एनर्जी के अलावा कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के 1600 मेगावाट विस्तार की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. आने वाले दिनों में कोडरमा थर्मल पावर प्लांट देश में डीवीसी का सबसे अधिक बिजली उत्पादन करने वाला प्लांट बन जाएगा.
साइट इंचार्ज प्रिंस तिवारी ने बताया कि प्लांट के अंदर बने दो पौंड में करीब 24 एकड़ में फ्लोटिंग पावर प्लांट के निर्माण के लिए सोलर प्लेट लगाए जा रहे हैं. आने वाले दिनों में कोडरमा में सौर ऊर्जा से 171 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादित करने के कई फायदे भी हैं.
डीवीसी और एनटीपीसी के प्रयास से कोडरमा के तिलैया डैम को ग्रीन वैली के रूप में विकसित करने की योजना है, जहां फ्लोटिंग पावर प्लांट के जरिए राज्य को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है.
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