कुल्लू: मणिकर्ण घाटी का ऐतिहासिक गांव मलाणा आखिरकार 42 दिनों के बाद रोशन हो ही गया. वैकल्पिक रूप से बिजली सेवा बहाल होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है. बिजली गुल होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. विभाग बिजली सेवा को बहाल करने में जुटा हुआ था.
बता दें कि 31 जुलाई की रात बादल फटने के चलते गांव की ओर जाने वाली 11 किलोमीटर बिजली की लाइन पूरी तरह से नष्ट हो गई थी. ऐसे में बिजली बोर्ड के अधिकारियों ने दिन-रात काम कर अब गांव तक बिजली पहुंचाई है. अब लोगों को घर पर बिजली आने से काफी सुविधा मिलेगी. बिजली सेवा बहाल करने के लिए विभाग ने ठेकेदारों और मजदूरों की भी सहायता ली और जगह-जगह गिरे खंभों से बिजली की तारों को पहले निकाला गया और उसके बाद नए खंभे गाड़े गए. इसके बाद 11 किलोमीटर बिजली की लाइनों को ठीक किया गया. बिजली बोर्ड अभी अन्य जगहों पर भी बिजली के खंभे लगाने की योजना बना रहा है, ताकि इस तरह की आपदा में उन खंभों के माध्यम से भी ग्रामीणों को बिजली मिलती रहे.
हाईटेंशन वायर के टावर का किया इस्तेमाल
बिजली बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार हालांकि बाढ़ में बही 11 किलोमीटर लाइन तैयार करने में काफी ज्यादा समय लग जाने का अनुमान था. बिजली लाइन को पूरी तरह से बिछाने के लिए पहले करीब 7 किलोमीटर बिजली लाइन प्रोजेक्ट का इस्तेमाल किया है. ये लाइन चौहकी से मलाणा बैराज तक है. इस लाइन पर विभाग ने कुछ स्थानों पर खंभों की जगह हाईटेंशन वायर के टावर का इस्तेमाल किया है. उसके बाद मलाणा बैराज से लेकर मलाणा गांव तक 4 किलोमीटर बिजली की लाइन नई बिछाई गई है, जिसमें 40 से अधिक पोल लगे हैं. लिहाजा अब मलाणा के लिए बोर्ड के अधिकारियों ने वैकल्पिक रूप से बिजली बहाल कर दी है, लेकिन अब करीब 7 किलोमीटर नई लाइन बिछाने और खंभे लगाने के लिए बोर्ड टैंडर लगाएगा और उसके बाद नई लाइन बिछाने का काम करेगा, ताकि बोर्ड अपनी लाइन से मलाणा को बिजली दे सके.
बिजली बोर्ड कल्लू के अधिशासी अभियंता बीके शर्मा ने बताया कि, 'मलाणा गांव में अब बिजली बहाल कर दी है. जल्द ही यहां पर बिजली बोर्ड तारें बिछाने के लिए टेंडर भी करेगा, ताकि ग्रामीणों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े.'
अब ग्रामीण प्रशासन से सड़क व्यवस्था के लिए गुहार लगा रहे हैं, ताकि गांवों तक जरूरी सामान के लिए उन्हें मजदूरों या फिर घोड़ों की सहायता ना लेनी पड़े. हालांकि प्रशासन ने सड़क निर्माण के लिए गांव का दौरा भी किया है और अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए हैं, लेकिन जिस तरह से पूरा सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ है उसे देखते हुए सड़क निकालने के लिए 6 माह से भी अधिक का समय लग सकता है.
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