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कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट में फिर से शुरू हुआ विद्युत उत्पादन, प्रदेश वासियों को मिलेगी पावर कट से निजात - Kalisindh Thermal Power Plant

कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की पहली यूनिट में तकनीकी खराबी आने से करीब एक सप्ताह से उत्पादन बंद था. अब यूनिट को फिर से सिंक्रोनाइज कर दिया गया है.

KALISINDH THERMAL POWER PLANT
कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट (File Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 28, 2024, 2:28 PM IST

झालावाड़. जिले के कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की पहली यूनिट को फिर से सिंक्रोनाइज कर दिया गया है. ऐसे में आमजन को बिजली कटौती से राहत मिलने की उम्मीद है. वहीं थर्मल की पहली यूनिट में पुनः उत्पादन शुरू हो जाने से जिले में कुल 1200 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है.

थर्मल के चीफ इंजीनियर के.एल.मीणा ने बताया कि कालीसिंध थर्मल की प्रथम यूनिट को सिंक्रोनाइज कर दिया गया है. ऐसे में थर्मल प्लांट में लगी दोनों 600-600 मेगावॉट की यूनिट से पूरा उत्पादन मिल रहा है. ऐसे में अब लोगों को पावर कट से निजात मिलने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि थर्मल पावर प्लांट की प्रथम यूनिट के फैन में तकनीकी खरीबी आ गई थी, जिसे सही करने के लिए सूरतगढ, भेल व कोटा से इंजीनियर बुलाए गए. जिन्होंने दिन रात काम कर तकनीकी खामी को दुरस्त कर दिया है.

इसे भी पढ़ें- गहराया बिजली संकट: कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की यूनिट फिर से शटडाउन - thermal power plant unit shut down

इसे भी पढ़ें- अघोषित बिजली कटौती को लेकर भड़के लोग, यहां कस्बा रहा बंद, बाजारों में सन्नाटा - Jhalawar Power Cut

बता दें कि थर्मल की पहली यूनिट में तकनीकी खराबी आने से करीब एक सप्ताह से उत्पादन बंद था. ऐसे में थर्मल पावर प्लांट में एक ही इकाई से 600 मेगावाट बिजली उत्पादन रहा था. थर्मल पावर प्लांट की बंद पड़ी हुई इकाई के फिर से शुरू हो जाने से अब दोनों यूनिट से 1200 मेगावाट विद्युत उत्पादन होने लगा है. ऐसे में बिजली संकट से जूझ रहे प्रदेश को कुछ राहत मिलने की उम्मीद जगी है.

झालावाड़. जिले के कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की पहली यूनिट को फिर से सिंक्रोनाइज कर दिया गया है. ऐसे में आमजन को बिजली कटौती से राहत मिलने की उम्मीद है. वहीं थर्मल की पहली यूनिट में पुनः उत्पादन शुरू हो जाने से जिले में कुल 1200 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है.

थर्मल के चीफ इंजीनियर के.एल.मीणा ने बताया कि कालीसिंध थर्मल की प्रथम यूनिट को सिंक्रोनाइज कर दिया गया है. ऐसे में थर्मल प्लांट में लगी दोनों 600-600 मेगावॉट की यूनिट से पूरा उत्पादन मिल रहा है. ऐसे में अब लोगों को पावर कट से निजात मिलने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि थर्मल पावर प्लांट की प्रथम यूनिट के फैन में तकनीकी खरीबी आ गई थी, जिसे सही करने के लिए सूरतगढ, भेल व कोटा से इंजीनियर बुलाए गए. जिन्होंने दिन रात काम कर तकनीकी खामी को दुरस्त कर दिया है.

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बता दें कि थर्मल की पहली यूनिट में तकनीकी खराबी आने से करीब एक सप्ताह से उत्पादन बंद था. ऐसे में थर्मल पावर प्लांट में एक ही इकाई से 600 मेगावाट बिजली उत्पादन रहा था. थर्मल पावर प्लांट की बंद पड़ी हुई इकाई के फिर से शुरू हो जाने से अब दोनों यूनिट से 1200 मेगावाट विद्युत उत्पादन होने लगा है. ऐसे में बिजली संकट से जूझ रहे प्रदेश को कुछ राहत मिलने की उम्मीद जगी है.

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