शिमला: हिमाचल में आर्थिक संकट के शोर के बीच राज्य बिजली बोर्ड, हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी व नगर निगम के कर्मियों को वेतन मिल गया है. बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के साथ ही पेंशनर्स को भी पेंशन मिल गई है. बिजली बोर्ड में कर्मचारियों व पेंशनर्स की संख्या कम है.
यहां मासिक वेतन व पेंशन का बिल करीब 200 करोड़ रुपये बनता है. बिजली बोर्ड में करीब 19 हजार कर्मचारी हैं साथ ही 29 हजार पेंशनर्स हैं. बिजली बोर्ड के सरकार से अनुदान मिलता है. बोर्ड कर्मियों का वेतन व पेंशनर्स की पेंशन सरकार के खजाने से नहीं बल्कि बोर्ड के खाते से जाती है. जब बिजली बोर्ड के पास सरकार से अनुदान की रकम देरी से मिले तो वहां भी वेतन में डिले हो जाता है.
वहीं, हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों को भी वेतन जारी हो गया है. इसके अलावा नगर निगम कर्मियों को भी वेतन मिल चुका है. चूंकि ये देनदारियां अधिक नहीं हैं, लिहाजा वेतन जारी हो गया है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन में भी वेतन जारी हो गया है.
उल्लेखनीय है कि सोमवार दो सितंबर को दिन भर वेतन व पेंशन को लेकर चर्चाओं का दौर चला रहा. सरकार को कर्मचारियों के वेतन व पेंशनर्स की पेंशन के लिए हर महीने 2000 करोड़ रुपये की रकम की जरूरत होती है. जहां तक सवाल बिजली बोर्ड, यूनिवर्सिटी व स्कूल एजुकेशन बोर्ड आदि की बात है तो इनके कर्मियों के वेतन की व्यवस्था इन्हीं इदारों के खाते से होती है.
इनमें सभी को ग्रांट इन एड मिलती है. अभी एचआरटीसी के कर्मचारियों को वेतन मिलना बाकी है. हालांकि परिवहन निगम की आर्थिक सेहत सुधरी है, लेकिन इतनी नहीं कि वो अपने बूते हर महीने सैलरी दे सके. एचआरटीसी को भी सरकार से ही ग्रांट इन एड मिलने के बाद वेतन जारी होता है. फिलहाल, उपरोक्त बोर्ड व निगमों के अलावा अन्य विभिन्न विभागों के सरकारी कर्मचारी व पेंशनर्स की पेंशन के लिए इंतजार बरकरार है.
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