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दिल्ली में अब नहीं है बिजली फ्री, बढ़कर आएगा इतना बिल, जानिए वजह - ELECTRICITY PRICES HIKE IN DELHI

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 10, 2024, 10:41 PM IST

Updated : Jul 11, 2024, 7:41 AM IST

ELECTRICITY PRICES HIKE IN DELHI: राजधानी में इस बार लोगों को बिजली का बिल बढ़कर आएगा, क्योंकि दिल्ली की तीनों निजी बिजली कंपनियों ने अपने क्षेत्र में पीपीएसी की दरों में बढ़ोतरी की है. इस बढ़ोतरी का आपकी जेब पर कितना असर पड़ेगा, आइए जानते हैं..

दिल्ली में बढ़ी कीमतों के साथ आएगा बिजली का बिल
दिल्ली में बढ़ी कीमतों के साथ आएगा बिजली का बिल (ETV Bharat)

नई दिल्ली: दिल्ली वालों को जुलाई में बिजली के बिलों का जोरदार करंट लगने वाला है. दिल्ली की निजी बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) ने अपने पावर परचेज‍िंग एडजस्टमेंट कॉस्ट (PPAC) को बढ़ा दिया है. इसके बढ़ने का सीधा असर आपके आने वाले मास‍िक बिलों पर देखने को म‍िलेगा. अब ब‍िजली उपभोक्‍ताओं को 6.15 फीसदी से लेकर 8.75 फीसदी तक अधिक बिजली के बिल का भुगतान करना होगा. यह 1 मई से 3 माह यानी जुलाई तक के ल‍िए लागू होगा, ज‍िसका बड़ा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा.

दरअसल, दिल्ली की तीनों निजी बिजली कंपनियां बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल), बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) के अलावा नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) एरिया ने भी अपने अधीनस्थ क्षेत्र में पीपीएसी की दरों में बढ़ोतरी की है. हालांकि, इन बड़ी हुई दरों का प्रभाव 0-200 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा. उनको पहले की तरह ही फ्री बिजली का लाभ मिलता रहेगा. सबसे ज्यादा पावर परचेसिंग एडजस्टमेंट कॉस्ट का असर एनडीएमसी एरिया पर पड़ेगा. 1 मई से जुलाई के ल‍िए आने वाले इन बिजली ब‍िलों में पीपीएसी दर बढ़ने से इस माह का ब‍िल, आपकी जेब पर बड़ा बोझ डालने वाला है.

बताया जाता है क‍ि अगर पीपीएसी की दरों में कोई फेरबदल इन तीन माह के अलावा क‍िया जाता है, तो उसके ल‍िए बिजली कंपनियों की तरफ से अलग से दिए दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) की आवेदन देना होगा. इस पर व‍िचार करने और जरूरी समझने पर ही दरों में कोई फेरबदल क‍िया जा सकेगा. फिलहाल यह बढ़ोतरी तीन माह (मई-जुलाई) तक के लिए लागू रहेगी. बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड के अधीनस्थ क्षेत्र में बिजली के बिलों में जो पीपीएसी बढ़ोतरी होगी वह 8.75 फ़ीसदी की गई है, जबकि बीएसईएस की दूसरी कंपनी बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड के अधीनस्थ क्षेत्र में यह बढ़ोतरी 6.15 फीसदी की गई है. वहीं, टीपीडीडीएल और एनडीएमसी के क्षेत्रों में यह बढ़ोतरी 8.75 फीसदी की गई है.

बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड के उपभोक्ताओं के लिए अब पीपीएसी बढ़कर 35. 83 फ़ीसदी हो गया है. इसका मतलब यह है कि 0-200 यूनिटी खपत के लिए बेस प्राइस एडजस्टमेंट 3 रुपये से 4.07 रुपए प्रति यूनिट हो गया है. इसी तरह से हाई कंजक्शन ब्रैकेट की दरों में भी बढ़ोतरी की गई है. 201-400 यूनिट के बीच की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को अब 2021-22 के तय टेरिफ प्‍लान में 4.30 रुपए की तुलना में अब 6.11 रुपए प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में बिजली की कीमतें बढ़ाए जाने का मंत्री आतिशी ने किया खंडन, कहा- अफवाह फैला रही बीजेपी

गौरतलब है क‍ि बीवाईपीएल के इलाकों में ईस्ट और सेंट्रल दिल्ली के अधिकांश हिस्से आते हैं. जबकि, बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड के इलाकों में साउथ दिल्ली और वेस्ट दिल्ली के क्षेत्र आते हैं. एनडीएमसी के अधीनस्थ आने वाले क्षेत्र ज्यादातर पॉश इलाके हैं और टीपीडीडीएल का एर‍िया नई द‍िल्‍ल वाला है. पावर परचेसिंग एडजस्टमेंट कॉस्ट में बदलाव होना कोयला और ईंधन की कीमतों पर बहुत ज्यादा निर्भर करता है. जैसा कि हाल के दिनों में आयात और परिवहन व्‍यय में बढ़ोतरी देखी गई. इसका असर बि‍जली की दरों पर पीपीएसी के बढ़ने के रूप में देखा जाएगा.

यह भी पढ़ें- बिजली कंपनियों के खिलाफ प्रदर्शन, मोबाइल कंपनियों की तर्ज पर बिजली कंपनियां चुनने के अधिकार देने की मांग

नई दिल्ली: दिल्ली वालों को जुलाई में बिजली के बिलों का जोरदार करंट लगने वाला है. दिल्ली की निजी बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) ने अपने पावर परचेज‍िंग एडजस्टमेंट कॉस्ट (PPAC) को बढ़ा दिया है. इसके बढ़ने का सीधा असर आपके आने वाले मास‍िक बिलों पर देखने को म‍िलेगा. अब ब‍िजली उपभोक्‍ताओं को 6.15 फीसदी से लेकर 8.75 फीसदी तक अधिक बिजली के बिल का भुगतान करना होगा. यह 1 मई से 3 माह यानी जुलाई तक के ल‍िए लागू होगा, ज‍िसका बड़ा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा.

दरअसल, दिल्ली की तीनों निजी बिजली कंपनियां बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल), बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) के अलावा नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) एरिया ने भी अपने अधीनस्थ क्षेत्र में पीपीएसी की दरों में बढ़ोतरी की है. हालांकि, इन बड़ी हुई दरों का प्रभाव 0-200 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा. उनको पहले की तरह ही फ्री बिजली का लाभ मिलता रहेगा. सबसे ज्यादा पावर परचेसिंग एडजस्टमेंट कॉस्ट का असर एनडीएमसी एरिया पर पड़ेगा. 1 मई से जुलाई के ल‍िए आने वाले इन बिजली ब‍िलों में पीपीएसी दर बढ़ने से इस माह का ब‍िल, आपकी जेब पर बड़ा बोझ डालने वाला है.

बताया जाता है क‍ि अगर पीपीएसी की दरों में कोई फेरबदल इन तीन माह के अलावा क‍िया जाता है, तो उसके ल‍िए बिजली कंपनियों की तरफ से अलग से दिए दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) की आवेदन देना होगा. इस पर व‍िचार करने और जरूरी समझने पर ही दरों में कोई फेरबदल क‍िया जा सकेगा. फिलहाल यह बढ़ोतरी तीन माह (मई-जुलाई) तक के लिए लागू रहेगी. बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड के अधीनस्थ क्षेत्र में बिजली के बिलों में जो पीपीएसी बढ़ोतरी होगी वह 8.75 फ़ीसदी की गई है, जबकि बीएसईएस की दूसरी कंपनी बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड के अधीनस्थ क्षेत्र में यह बढ़ोतरी 6.15 फीसदी की गई है. वहीं, टीपीडीडीएल और एनडीएमसी के क्षेत्रों में यह बढ़ोतरी 8.75 फीसदी की गई है.

बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड के उपभोक्ताओं के लिए अब पीपीएसी बढ़कर 35. 83 फ़ीसदी हो गया है. इसका मतलब यह है कि 0-200 यूनिटी खपत के लिए बेस प्राइस एडजस्टमेंट 3 रुपये से 4.07 रुपए प्रति यूनिट हो गया है. इसी तरह से हाई कंजक्शन ब्रैकेट की दरों में भी बढ़ोतरी की गई है. 201-400 यूनिट के बीच की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को अब 2021-22 के तय टेरिफ प्‍लान में 4.30 रुपए की तुलना में अब 6.11 रुपए प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में बिजली की कीमतें बढ़ाए जाने का मंत्री आतिशी ने किया खंडन, कहा- अफवाह फैला रही बीजेपी

गौरतलब है क‍ि बीवाईपीएल के इलाकों में ईस्ट और सेंट्रल दिल्ली के अधिकांश हिस्से आते हैं. जबकि, बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड के इलाकों में साउथ दिल्ली और वेस्ट दिल्ली के क्षेत्र आते हैं. एनडीएमसी के अधीनस्थ आने वाले क्षेत्र ज्यादातर पॉश इलाके हैं और टीपीडीडीएल का एर‍िया नई द‍िल्‍ल वाला है. पावर परचेसिंग एडजस्टमेंट कॉस्ट में बदलाव होना कोयला और ईंधन की कीमतों पर बहुत ज्यादा निर्भर करता है. जैसा कि हाल के दिनों में आयात और परिवहन व्‍यय में बढ़ोतरी देखी गई. इसका असर बि‍जली की दरों पर पीपीएसी के बढ़ने के रूप में देखा जाएगा.

यह भी पढ़ें- बिजली कंपनियों के खिलाफ प्रदर्शन, मोबाइल कंपनियों की तर्ज पर बिजली कंपनियां चुनने के अधिकार देने की मांग

Last Updated : Jul 11, 2024, 7:41 AM IST
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