रांचीः चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की मिल रही शिकायतों की जांच पूरी कर ली है. आयोग के अनुसार सिर्फ तीन जिलों को छोड़कर झारखंड के लगभग 15 जिलों की वोटर लिस्ट की जांच पूरी कर ली गई है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार के अनुसार रिपोर्ट को भारत निर्वाचन आयोग को आगे की कार्यवाही के लिए भेजा जा रहा है. हालांकि जांच के लिए गठित टीम ने अपनी रिपोर्ट में क्या दिया है इसकी जानकारी देने से उन्होंने साफ इनकार कर दिया और कहा कि भारत निर्वाचन आयोग का निर्देश प्राप्त होने के बाद मामले में आगे की कार्यवाही की जाएगी.
पिछले दिनों बीजेपी ने चुनाव आयोग से की थी शिकायत
दरअसल, पिछले दिनों बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार के कार्यालय से लेकर दिल्ली स्थित भारत निर्वाचन आयोग को झारखंड के संथाल परगना समेत 18 जिलों में बंगलादेशी घुसपैठियों द्वारा फर्जी कागज और सर्टिफिकेट के जरिए वोटर लिस्ट में नाम शामिल करवाने की लिखित शिकायत की थी. बीजेपी ने करीब पांच सौ पेज का ज्ञापन चुनाव आयोग को सौंपा था.
बांग्लादेशी घुसपैठ मामले में बीजेपी हेमंत सरकार पर है हमलावार
बीजेपी लगातार इस मु्द्दे को हर एक मंच से जोर शोर से उठाती रही है. पार्टी के बड़े नेता जिसमें असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा भी लगातार इस मुद्दे को लेकर राज्य की हेमंत सोरेन पर हमलावर हैं. बीजेपी पाकुड़ सहित राज्य के विभिन्न जिलों में बंगलादेशी घुसपैठियों की संख्या अप्रत्याशित रुप से बढ़ने का आरोप लगाते हुए इसके प्रमाण के तौर पर मुस्लिम बहुल इलाकों की जांच की मांग करती रही है.
बीजेपी ये आरोप लगाती रही है कि झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य सरकार घुसपैठ के मामले को नजरअंदाज करती आई है और कार्रवाई करने में विफल रही है. विधानसभा चुनाव को अब सिर्फ कुछ ही माह शेष बचे हैं. ऐसे में बीजेपी चाहती है कि जल्द से जल्द फर्जी वोटरों की पहचान कर ली जाए. साथ ही विपक्ष के लिए आने वाले चुनाव के मद्देनजर ये अहम और एकमात्र ऐसा मुद्दा है जिससे हेमंत सोरेन की सरकार को घेरा जा सकता है.
जिला स्तर पर गठित कमेटी ने जांच कर सौंपी रिपोर्ट
ईटीवी भारत की टीम ने जब मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार से इस मुद्दे पर बातचीत की तो उन्होंने बताया कि शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच की गई थी. उनके अनुसार सर्टिफिकेट की जांच के लिए जिला स्तर पर एक कमेटी गठित की गई थी, जो डोर-टू-डोर जाकर मामले की गहन जांच की है. उन्होंने बताया कि जो तीन जिले बच गए हैं वहां भी इसी आधार पर जांच की जा रही है और जल्द ही उसकी रिपोर्ट भी भारत निर्वाचन आयोग को भेज दी जाएगी. जांच में फर्जी वोटर पाए जाने के बाद उन्हें सूची से बाहर किया जाएगा.
21 दिनों में 13 जिलों की जांच पूरी
जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने लगभग 21 दिनों में 13 जिलों की जांच पूरी की है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि के अनुसार वोटर लिस्ट को साफ-सुथरा बनाना पहली प्राथमिकता है और इसके तहत किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर आयोग गंभीरता से लेता है और गहन छानबीन करता है.
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