रांची: चुनाव के दौरान सोशल मीडिया का इस्तेमाल करनेवाले राजनीतिक दल और प्रत्याशी सावधान हो जाएं. सोशल मीडिया पर जारी होनेवाली हर सूचना पर चुनाव आयोग की पैनी नजर है. चुनाव आयोग ने इस बार के लोकसभा चुनाव 2024 में सोशल मीडिया की बढ़ी उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए जिला से लेकर प्रदेश स्तर पर इसकी मॉनीटरिंग के लिए टीम गठित की है. टीम ना केवल जारी सूचना की जांच करेगी, बल्कि आचार संहिता का उल्लंघन दिखने पर कार्रवाई कर सकती है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने ईटीवी भारत के जरिए लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर किसी तरह का अनरगल पोस्ट करने से बचें.
भ्रामक खबरों पर भी रखी जा रही है नजर
चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया के जरिए आनेवाली भ्रामक खबरों पर नजर रखने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके दायरे में यूट्यूब चैनल के माध्यम से आनेवाली खबरें भी आएंगी. इसके लिए आयोग ने एक्सपर्ट टीम तैयार की है. जिसमें आईटी से जुड़े लोग, मीडिया क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी शामिल हैं. समाचार चैनल और अखबारों में आनेवाली खबरें भी इसके दायरे में है. हर दिन जिला स्तर पर अखबार और चैनल में प्रकाशित खबरों की समीक्षा प्रदेश मुख्यालय में गठित टीम के द्वारा की जा रही है.
अब तक नहीं आया है आचार संहिता उल्लंघन का कोई मामला
सुखद पहलू यह है कि अब तक आचार संहिता के उल्लंघन के कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है. भविष्य में यदि इस तरह का कोई मामला आयोग की नजर में आएगा तो शोकॉज के बाद विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी. आईटी अधिनियम की धारा 69 और 79 (3) के तहत प्रत्येक राज्य में अधिकारियों को फर्जी सोशल मीडिया पोस्ट को हटाने का अधिकार चुनाव आयोग को है. चुनाव आयोग ने फर्जी कहानी करने की कोशिश करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है. इसके लिए मिथक बनाम वास्तविकता परियोजना शुरू करने जा रही है.
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