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धारचूला में बीमार बुजुर्ग महिला को 4 किमी पीठ पर लादकर पहुंचाया गया हॉस्पिटल, दो महीने से बंद पड़ी है सड़क

पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में दो महीने से बंद पड़ी एलागाड़-जुम्मा सड़क, मरीजों को पीठ पर लादकर पहुंचाया जा रहा हॉस्पिटल.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

Updated : 10 minutes ago

WOMAN CARRIED ON BACK
धारचूला में बीमार महिला को कंधे पर ले जाता ग्रामीण (Photo- ETV Bharat)

पिथौरागढ: उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में आम इंसानों की मुश्किलें भी पहाड़ जैसी ही हैं. यूपी के अलग हुए उत्तराखंड को 24 साल हो चुके हैं, लेकिन अभीतक भी राज्य में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. ऐसी ही एक तस्वीर पिथौरागढ़ जिले के धारचूला क्षेत्र से सामने आई है. यहां बीमार बुजुर्ग महिला को हॉस्पिटल तक पहुंचाने के लिए ग्रामीण चार किलोमीटर पीठ पर लादकर गए. तब जाकर महिला को वाहन मिला और उसे हॉस्पिटल पहुंचाया गया.

सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष पवन सिंह धामी ने बताया कि मामला धारचूला के ग्राम सभा जुम्मा के पनियार गांव का है. एलागाड़-जुम्मा सड़क पिछले दो माह बंद पड़ी है. जिसके चलते ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है. गुरुवार को गांव की बुजुर्ग महिला ज्युता देवी पत्नी सुंदर सिंह बीमार हो गई थी, जिस कारण वो चलने में असमर्थ थीं. इसके बाद ग्रामीणों की मदद से महिला को पीठ पर लादकर धारचूला अस्पताल पहुंचाया गया.

बीमार बुजुर्ग महिला को 4 किमी पीठ पर लादकर पहुंचाया गया हॉस्पिटल (ETV Bharat)

पवन सिंह धामी ने बताया कि करीब दो महीने पहले एलागाड़-जुम्मा सड़क पर मलबा आ गया था, तब से सड़क पूरी तरह से बंद है. गांव का मुख्य मार्ग बंद होने से ग्रामीणों को काफी दिक्कतें होती हैं. रोड बंद होने के कारण ग्रामीणों को गैस सिलेंडर भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. ऐसे में ग्रामीण खुद की गैस सिलेंडर को कंधे पर लेकर कई किलोमीटर तक पैदल चल रहे हैं.

बुजुर्ग और बीमार लोगों को लाने ले जाने के लिए डोली और पीठ का सहारा लेना पड़ रहा है. सड़क के निर्माण के लिए कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है. सामाजिक कार्यकर्ता पवन सिंह नेगी ने बताया कि सड़क टूटने के चलते लोगों के घरों तक खाद्यान्न और एलपीजी सिलेंडर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.

ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से सड़क को तुरंत दुरुस्त करने की मांग उठाई है. सामाजिक कार्यकर्ता पवन सिंह पूर्व में भी गांव के बीमार बुजुर्ग और महिलाओं को इस तरह से पीठ पर उठाकर अस्पताल तक पहुंचाते रहे हैं. इसके अलावा ग्रामीणों के राशन और गैस सिलेंडर को भी पहुंचने में मदद कर रहे हैं. कई महीनो से सड़क क्षतिग्रस्त होने से लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है.

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पिथौरागढ: उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में आम इंसानों की मुश्किलें भी पहाड़ जैसी ही हैं. यूपी के अलग हुए उत्तराखंड को 24 साल हो चुके हैं, लेकिन अभीतक भी राज्य में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. ऐसी ही एक तस्वीर पिथौरागढ़ जिले के धारचूला क्षेत्र से सामने आई है. यहां बीमार बुजुर्ग महिला को हॉस्पिटल तक पहुंचाने के लिए ग्रामीण चार किलोमीटर पीठ पर लादकर गए. तब जाकर महिला को वाहन मिला और उसे हॉस्पिटल पहुंचाया गया.

सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष पवन सिंह धामी ने बताया कि मामला धारचूला के ग्राम सभा जुम्मा के पनियार गांव का है. एलागाड़-जुम्मा सड़क पिछले दो माह बंद पड़ी है. जिसके चलते ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है. गुरुवार को गांव की बुजुर्ग महिला ज्युता देवी पत्नी सुंदर सिंह बीमार हो गई थी, जिस कारण वो चलने में असमर्थ थीं. इसके बाद ग्रामीणों की मदद से महिला को पीठ पर लादकर धारचूला अस्पताल पहुंचाया गया.

बीमार बुजुर्ग महिला को 4 किमी पीठ पर लादकर पहुंचाया गया हॉस्पिटल (ETV Bharat)

पवन सिंह धामी ने बताया कि करीब दो महीने पहले एलागाड़-जुम्मा सड़क पर मलबा आ गया था, तब से सड़क पूरी तरह से बंद है. गांव का मुख्य मार्ग बंद होने से ग्रामीणों को काफी दिक्कतें होती हैं. रोड बंद होने के कारण ग्रामीणों को गैस सिलेंडर भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. ऐसे में ग्रामीण खुद की गैस सिलेंडर को कंधे पर लेकर कई किलोमीटर तक पैदल चल रहे हैं.

बुजुर्ग और बीमार लोगों को लाने ले जाने के लिए डोली और पीठ का सहारा लेना पड़ रहा है. सड़क के निर्माण के लिए कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है. सामाजिक कार्यकर्ता पवन सिंह नेगी ने बताया कि सड़क टूटने के चलते लोगों के घरों तक खाद्यान्न और एलपीजी सिलेंडर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.

ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से सड़क को तुरंत दुरुस्त करने की मांग उठाई है. सामाजिक कार्यकर्ता पवन सिंह पूर्व में भी गांव के बीमार बुजुर्ग और महिलाओं को इस तरह से पीठ पर उठाकर अस्पताल तक पहुंचाते रहे हैं. इसके अलावा ग्रामीणों के राशन और गैस सिलेंडर को भी पहुंचने में मदद कर रहे हैं. कई महीनो से सड़क क्षतिग्रस्त होने से लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है.

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