रानीखेत: पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय रानीखेत में शुक्रवार को एक भारत-श्रेष्ठ भारत कला उत्सव का रंगारंग शुभारंभ हुआ. दो दिवसीय कला उत्सव में रानीखेत संकुल अंतर्गत नौ केंद्रीय विद्यालयों के 160 छात्र -छात्राएं प्रतिभाग कर रहे हैं. कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों की विविध परंपराओं, भाषाओं और विरासत को जानना और प्रोत्साहित करना है.
केवी रानीखेत के विद्यार्थियों ने गणेश वन्दना व गिद्धा नृत्य प्रस्तुत किया. अल्मोड़ा से आईं रिद्धिमा ने शास्त्रीय नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी. स्वागत सत्र का मंच संचालन शिक्षिका मेघा पाठक व प्रतियोगिता सत्र संचालन शिक्षक डी सी जोशी ने किया. प्रथम दिवस समूह गान प्रतियोगिता में केवी अल्मोड़ा, बागेश्वर,कौसानी, ग्वालदम, मुक्तेश्वर ने प्रस्तुति दी. इसके अलावा समूह नृत्य,समूह थियेटर,मोनो एक्ट, संगीत गायन एकल व समूह, संगीत वादन एकल व पारम्परिक कहानी वाचन प्रतियोगिताएं आयोजित हुईं. कला उत्सव अंतर्गत शनिवार को भी प्रतियोगिताएं होंगी.
एक भारत-श्रेष्ठ भारत कला उत्सव का शुभारंभ केआर सी एडम कमांडेंट कर्नल ब्रजेश सिंह सावियान ने दीप प्रज्वलित कर किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा वर्तमान वक्त में इस तरह के आयोजन की नितांत ज़रुरत है. जिससे विभिन्न राज्यों के बीच सांस्कृतिक एकीकरण और आपसी समझ विकसित होने के साथ ही राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलता है. उन्होंने स्वयं के केंद्रीय विद्यालय का शिक्षार्थी होने पर गर्व जताया. उन्होंने कहा केंद्रीय विद्यालय संगठन शिक्षा में कला को बढ़ावा देने, स्कूली छात्रों की कलात्मक प्रतिभा को पोषित और प्रदर्शित करने का कार्य इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए करता है.
विद्यालय प्रधानाचार्य राकेश धर दूबे ने मुख्य अतिथि एवं आमंत्रित अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कला उत्सव के माध्यम से विद्यार्थियों को भारत की विविधताओं के बारे में जानकारी मिलती है. वे विभिन्न राज्यों की परंपराओं, भाषाओं, और विरासत को सीखते हैं. यह विविधता में एकता की अवधारणा का उत्सव है. शिक्षिका निधि ने कार्यक्रम की रूपरेखा विस्तार से प्रस्तुत करते हुए बताया ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम के तहत, आपसी समझ के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए इस बार उत्तराखंड को कर्नाटक के साथ जोड़ा गया है.