लखनऊ: प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालय व संबद्ध डिग्री कॉलेज में इस वर्ष छात्रवृत्ति से वंचित रह गए अनुसूचित जाति व जनजाति के 77 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं की मास्टर फीस डाटा लॉक करने का एक और मौका समाज कल्याण निदेशालय ने दिया है. शिक्षण संस्थानों के फीस डाटा लॉक करने के लिए 30 अप्रैल से 3 मई तक के लिए पोर्टल दोबारा से खुलेगा. इसके लिए छात्रवृत्ति व फीस भरपाई से वंचित रह गए छात्र-छात्राओं के डाटा को शिक्षण संस्थान लॉक कर सकेंगे. इसके लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा केंद्र सरकार से अनुमति प्राप्त कर ली गई है.
निदेशक समाज कल्याण कुमार प्रशांत ने बताया कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय व एफिलिएटिंग एजेंसी, जिनके मास्टर डाटा अभी तक लॉक नहीं हैं उन्हें 30 अप्रैल से 3 में मई तक फीस लॉक करने का मौका विभाग की ओर से दिया गया है. इसके बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी की ओर से 4 से 7 मई तक शिक्षण संस्थाओं द्वारा लॉक किए गए फीस डाटा को आगे फॉरवर्ड करने की कार्रवाई पूरी की जाएगी. वहीं जनपद स्तर पर छात्रवृत्ति स्वीकृत समिति के स्तर से वेरीफाइड डाटा वाले छात्रों को 40% धनराशि राज्य स्तर से और 60% धनराशि भारत सरकार से सीधे बैंक खातों में भुगतान की जाएगी.
प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय व उससे संबद्ध महाविद्यालयों के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस बार 880010 छात्र-छात्राओं द्वारा छात्रवृत्ति पाने के लिए आवेदन किए गए थे. ऐसे में विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों की ओर से समाज कल्याण विभाग को 787606 आवेदन भेजे गए. जानकारी के अनुसार विभागीय हीलाहवाली के चलते 15054 आवेदन निरस्त किए गए. वहीं वर्तमान में 77372 छात्रों की छात्रवृत्ति मिलना शेष है. ऐसे में दोबारा से पोर्टल शुरू होने से जिन अनुसूचित जाति जनजाति के छात्रों के आवेदन फॉर्म फॉरवर्ड नहीं हो पाए थे, उन्हें स्कॉलरशिप पानी का मौका मिल सकेगा.